नीमच: मनासा तहसील क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम दतौली में गुरुवार की शाम गांव के नजदीक जंगल क्षेत्र में एक गाय चराने वाले व्यक्ति को जैन भगवान की अति प्राचीन मूर्ति मिली. जिसे गांव दातौली के श्री चारभुजा नाथ मंदिर पर रखवाया गया है. वहीं ग्रामीणों ने इसकी जानकारी पुलिस प्रशासन और एसडीएम को दी.
चरवाहे को रास्ते में मिली मूर्ति
ग्राम दतौली निवासी परशुराम प्रतिदिन के अनुसार गुरुवार को भी गाय और भैंस चराने जंगल क्षेत्र में गया था. तभी अचानक तेज बारिश होने लगी. वहीं जब चरवाहा अपने घर लौटने लगा तो गांव के पास उसे मिट्टी में दबा काले रंग का अजीबो गरीब पत्थर दिखाई दिया, जो अधिक बरसात के कारण पानी से धूल गया था और चमक रहा था. उसने पास जाकर देखा तो वह एक अति प्राचीन मूर्ति लग रही थी.
श्री चारभुजा नाथ मंदिर में रखवाई गई मूर्ति
इसके बाद चरवाहे ने उसे खोदकर बाहर निकाला और उठाकर अपने साथ गांव ले आया. गांव के सरपंच और स्थानीय लोगों को जब इसकी जानकारी लगी, तो गांव के सरपंच और बड़ी संख्या में ग्राणीण मूर्ति को देखने पहुंचे. गांव के वरिष्ठ लोगों ने आपस में विचार विमर्श कर मूर्ति को गांव के श्री चारभुजा नाथ मंदिर पर रखवाया दिया. वहीं ग्रामीणों ने शुक्रवार की सुबह एसडीएम पवन बारिया सहित स्थानीय थाना मनासा पर इस मामले की जानकारी दी.
पुरातत्व विभाग मूर्ति की जांच करेगा
एसडीएम पवन बारिया ने कहा, " सूचना पर नायब तहसीलदार रूप सिंह राजपूत और स्थानीय थाना पुलिस मौके पर पहुंची. इसके बाद अधिकारियों ने मूर्ति का पंचनामा बनाया और जहां मूर्ति मिली थी उस स्थान का निरीक्षण किया. हांलाकि, अभी मूर्ति को गांव के ही चारभुजा मंदिर पर रखवाया गया है. यह मूर्ति कितनी पुरानी है और कौन सी शताब्दी की है. इस बारे में पुरातत्व विभाग अधिकारी जांच के बाद ही जानकारी दे पाएंगे.''
दर्शन के लिए उमड़ी भीड़
इस मामले में स्थानीय लोगों ने कहा, काले पत्थर से बनी भारी भरकम करीब डेढ़ फीट ऊंची मूर्ति है, जो आम मूर्ति से काफी अलग है और वजन में बहुत भारी है. सुबह से ही उक्त मूर्ति को देखने के लिए बड़ी संख्या में जैन समाज के लोग पहुंचे और दर्शन कर इसे चमत्कार बताया. वहीं जैन धर्म अनुसार यह मूर्ति भगवान मुनि सुव्रत स्वामी की हो सकती है