छतरपुर। एनसीईआरटी की पुस्तक में विवादित अंश को लेकर धीरे-धीरे मामला गर्माता जा रहा है. बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने एनसीईआरटी की कक्षा तीसरी की पुस्तक में एक अंश पर आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा है "इसमें समाज में विद्वेष फैलाने वाली बात है. एक वर्ग विशेष के प्रति सहिष्णुता बढ़ाने की कोशिश की गई है. इसे किसी हालत में सहन नहीं किया जाएगा. इसके खिलाफ सभी को एकजुट होकर आवाज उठानी होगी."
सनातन धर्म के खिलाफ साजिश सफल नहीं होने देंगे
धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि "इस तरह के षडयंत्र को नाकाम करने और षडयंत्रकारियों को कुचलने के लिए किसी एक व्यक्ति की जिम्मेदारी तय नहीं की जा सकती. देश के सभी हिंदुओं को एक स्वर में ऐसी ताकतों के खिलाफ आवाज उठानी होगी." बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि अभी तिरुपति मंदिर के प्रसाद में मछली मिलाने का मामला सामने आया. अगर हम नहीं चेते तो हमें घर में आकर जबरन मछली खिलाई जाएगी. पूरे सनातन धर्म को भ्रष्ट करने की साजिशों का जवाब देना ही पड़ेगा.
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खजुराहो एसडीओपी से की थी शिकायत
गौरतलब है कि खजुराहो निवासी डॉ.राघव पाठक ने एसडीओपी से मिलकर इस विवादित अंश की शिकायत की थी. शिकायत में कहा गया "एनसीईआरटी की कक्षा 3 के सिलेबस के अध्याय 17 पर विवादास्पद बाते लिखी हैं." इस बारे में राघव ने खजुराहो एसडीओपी को शिकायती आवेदन सौंपा. शिकायत में कहा "इस पुस्तक का विवादास्पद अंश हटाया जाए. क्योंकि मैं भी एक पिता हूं और मेरी बेटी इस किताब को पढ़ रही है. मैं नहीं चाहता कि उसके मन में किसी भी तरह के कोई गलत भाव पैदा हों."