कोरबा: एनसीसी कैडेट को तैयार करने के लिए 1 रजगमार रोड स्थित पीजी कॉलेज के करीब 1 सीजी बटालियन की स्थापना के बाद से ही फायरिंग का अभ्यास नहीं हो पा रहा था. इस वर्ष कोरबा में पहली बार कैडेट्स के लिए फायरिंग अभ्यास की व्यवस्था की गई. बालको क्षेत्र के बेला में पुलिस के फायरिंग रेंज में जिले के लगभग 200 कैरेट्स फायरिंग का अभ्यास कर रहे हैं. यह अभ्यास आने वाले आरडीसी कैंप या फिर उनके व्यक्तित्व के विकास पर भी गहरा प्रभाव छोड़ेगा.
एनसीसी का ट्रेनिंग कैंप: जिले के बेला में पुलिस की फायरिंग रेंज है जहां पुलिस विभाग के पुलिसकर्मी फायरिंग का अभ्यास करते हैं. पुलिस से अनुमति लेने के बाद फायरिंग रेंज बेला में पहली बार स्कूल-काॅलेज के एनसीसी कैडेट्स के लिए 1 छत्तीसगढ़ एनसीसी बटालियन कोरबा की ओर से खास फायरिंग प्रैक्टिस शिविर लगाया गया है. बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल सेंथिल कुमार एस ने बेला रेंज में पहुंचकर स्वयं फायरिंग की शुरुआत की, कैडेट्स को निशानेबाजी के गुर भी सिखाए. फायरिंग के नियम बताते हुए कहा कि अच्छी फायरिंग के लिए मजबूत पकड़, ब्रीथिंग कंट्रोल, साइट अलाइनमेंट, दुरुस्त ट्रिगर ऑपरेशन जरूरी है.
फायरिंग की ट्रेनिंग: जिले में यह पहली बार है जब एनसीसी कैडेट्स, जिसमें स्कूल के विद्यार्थी भी शामिल हैं, उन्हें जिले के रेंज में बंदूकों की फायरिंग का अवसर मिला है. सभी कैडेटों को 0.22 राइफल से 25 मीटर रेंज से फायरिंग कराई गई. फायरिंग के दौरान कैडेटों में अनुशासन के साथ जोश दिखाई दिया. केंद्रीय विद्यालय क्रमांक 2 एनटीपीसी से 22, कमला नेहरू महाविद्यालय से 21 और औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) रामपुर कोरबा के 16, जवाहर नवोदय विद्यालय समेत बड़ी संख्या में स्कूल-काॅलेज के एनसीसी कैडेट्स ने 0.22 रायफल से निशाना लगाया.
पहली बार मिला मौका, जोश रहा हाई: एनसीसी कैडेट संदीप मानिकपुर का कहना है कि पहली बार मुझे फायरिंग का अवसर मिला है. जब हमें ऊपर के कैंप में हिस्सा लेने जाना पड़ेगा तब फायरिंग का यह अभ्यास हमारे काम आएगा. पैरामिलिट्री फोर्स की भर्तियों में भी हमें छूट मिलती है. देश की सेवा करने और आगे बढ़ने के लिए अच्छा अवसर है.
जवाहर नवोदय विद्यालय के छात्र हुए शामिल: जवाहर नवोदय के बच्चों को लेकर फायरिंग कैंप पहुंचे शिक्षक सुधांशु सिंह ने बताया कि कैंप में पहुंचे बच्चों में गजब का उत्साह है. फायरिंग अभ्यास को लेकर बच्चे काफी उत्साहित हैं. कैडेट के तौर पर यह अभ्यास उनके व्यक्तित्व के विकास के लिए यह बेहद उपयोगी है.
तीसरी पंक्ति को कर रहे तैयार: कैप्टन राजेंद्र कुमार ने बताया कि एनसीसी को तीसरी रक्षा पंक्ति कहा जाता है. समय आने पर वह सेना का सहयोग कर सके इसलिए फायरिंग का अभ्यास उनके लिए बेहद जरूरी है. अब तक हमारे पास फायरिंग की कोई व्यवस्था नहीं थी. लेकिन इस वर्ष हमारे कर्नल के प्रयासों से यह संभव हो सका है. 1 सीजी बटालियन से जितने भी संबद्ध स्कूल, कॉलेज हैं. हम सभी के लिए फायरिंग कैंप लगाएंगे. आने वाले समय में बैकुंठपुर और सूरजपुर में भी कैंप लगाया जाएगा.
बैकुंठपुर और सूरजपुर में भी लगेगा कैंप: फायरिंग प्रैक्टिस में छत्तीसगढ़ एनसीसी बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल सेंथिल कुमार एस के मार्गदर्शन में आईटीआई के एनसीसी ऑफिसर कैप्टन राजेंद्र सिंह, सूबेदार जरनैल सिंह, नायब सूबेदार जितेन्द्र सिंह, नायब सूबेदार एमडी मुस्तफा मल्लिक, हवलदार धर्मेंद्र कुमार एवं एनके अविनाश कुमार ने सहयोग दे रहे हैं.