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नक्सलगढ़ दंतेवाड़ा के दिव्यांग बच्चों ने फूलों और गुलाल से खेली सूखी होली, लोगों को दिया खास मैसेज - Dantewada Disabled children Holi

नक्सलगढ़ दंतेवाड़ा के दिव्यांग बच्चों ने शनिवार को फूलों की पंखुड़ियों और गुलाल से सूखी होली खेल कर लोगों को खास मैसेज दिया है. बताया जा रहा है कि पिछले 7 सालों से ये बच्चे इसी तरह सूखी होली खेलकर होली का त्यौहार मनाते हैं.

Dantewada Disabled children played dry Holi
दिव्यांग बच्चों ने फूलों और गुलाल से खेली सूखी होली
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Mar 23, 2024, 11:08 PM IST

दिव्यांग बच्चों ने फूल और गुलाल से खेली सूखी होली

दंतेवाड़ा: पूरा देश इस समय होली के रंग में रंग चुका है. इस बीच छत्तीसगढ़ के नक्सलगढ़ दंतेवाड़ा में दिव्यांग बच्चों ने फूलों की पंखुड़ियों और हर्बल गुलाल से सूखी होली खेलकर लोगों को अनोखा संदेश दिया है. दरअसल, दंतेवाड़ा सक्षम आवासीय परिसर के दिव्यांग बच्चों में कई ऐसे बच्चे हैं जो देख नहीं सकते, तो कुछ सुन नहीं सकते. इन बच्चों ने शनिवार को हर्बल गुलाल और प्राकृतिक फूलों से सेफ होली खेलकर लोगों को खास मैसेज दिया है कि आम लोग भी सूखी और सेफ होली खेल कर रंगों का त्यौहार मना सकते हैं.

सूखी होली खेलकर दिया पानी बचाने का मैसेज: दंतेवाड़ा जिला प्रशासन की ओर से संचालित सक्षम आवासीय परिसर में इन दिव्यांग बच्चों के लिए प्रशासन ने हर तरह की सुविधा मुहैया की है. इन बच्चों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान की जाती है. साथ ही इन बच्चों के लिए जिला प्रशासन की ओर से अलग सेटअप तैयार किया गया है, जिसमें इन बच्चों के रहने के लिए खास इंतजाम किए गए हैं. यहां शिक्षकों की टीम 24 घंटे इन बच्चों की देखभाल करती हैं. इस बीच शनिवार को छुट्टी के बाद इन बच्चों ने गुलाल और फूलों से सूखी होली खेलकर पानी बचाने का संदेश दिया.

हर्बल होली खेल खुश हैं बच्चे: इन बच्चों के बारे में इनके प्राचार्य प्रमोद कर्मा ने बताया कि, "आवासीय परिसर में वर्तमान में 100 दिव्यांग बच्चे पढ़ रहे हैं. इनकी जिम्मेदारी जिला प्रशासन उठा रही है. जिला प्रशासन के मार्गदर्शन में इन बच्चों को सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है. पिछले 7 सालों से हम हर त्यौहार इन बच्चों के साथ मनाते आ रहे हैं. इस साल भी इन बच्चों के साथ हर्बल गुलाल और प्राकृतिक फूलों से होली मनाई गई. बच्चे काफी खुश हैं."

इस आवासीय परिसर में दिव्यांग बच्चों को रखा जाता है. हर किसी में अलग-अलग प्रतिभा है. इनकी प्रतिभा को देखते हुए जिला प्रशासन का इनको सहयोग मिल रहा है. ये बच्चे ड्राइंग, पेंटिंग और अन्य चीजों में अपनी प्रतिभा निखार रहे हैं. इस आवासीय परिसर के बच्चे आने वाली पीढ़ी के लिए एक मिसाल हैं. यहां के बच्चे इंजीनियर भी बने हैं. इन बच्चों के साथ होली खेलना एक अलग ही अनुभव देता है. -नेहा गुप्ता, संचालिका, आवासीय परिसर

बता दें कि नक्सलगढ़ क्षेत्र के ये दिव्यांग बच्चे सूखी और हर्बल होली खेल लोगों को सेफ होली खेलने का संदेश दे रहे हैं. ताकि आम लोग भी प्राकृतिक फूलों से और हर्बल गुलाल से होली मनाकर पानी की बचत करें और सेफ रहें.

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दिव्यांग बच्चों ने फूल और गुलाल से खेली सूखी होली

दंतेवाड़ा: पूरा देश इस समय होली के रंग में रंग चुका है. इस बीच छत्तीसगढ़ के नक्सलगढ़ दंतेवाड़ा में दिव्यांग बच्चों ने फूलों की पंखुड़ियों और हर्बल गुलाल से सूखी होली खेलकर लोगों को अनोखा संदेश दिया है. दरअसल, दंतेवाड़ा सक्षम आवासीय परिसर के दिव्यांग बच्चों में कई ऐसे बच्चे हैं जो देख नहीं सकते, तो कुछ सुन नहीं सकते. इन बच्चों ने शनिवार को हर्बल गुलाल और प्राकृतिक फूलों से सेफ होली खेलकर लोगों को खास मैसेज दिया है कि आम लोग भी सूखी और सेफ होली खेल कर रंगों का त्यौहार मना सकते हैं.

सूखी होली खेलकर दिया पानी बचाने का मैसेज: दंतेवाड़ा जिला प्रशासन की ओर से संचालित सक्षम आवासीय परिसर में इन दिव्यांग बच्चों के लिए प्रशासन ने हर तरह की सुविधा मुहैया की है. इन बच्चों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान की जाती है. साथ ही इन बच्चों के लिए जिला प्रशासन की ओर से अलग सेटअप तैयार किया गया है, जिसमें इन बच्चों के रहने के लिए खास इंतजाम किए गए हैं. यहां शिक्षकों की टीम 24 घंटे इन बच्चों की देखभाल करती हैं. इस बीच शनिवार को छुट्टी के बाद इन बच्चों ने गुलाल और फूलों से सूखी होली खेलकर पानी बचाने का संदेश दिया.

हर्बल होली खेल खुश हैं बच्चे: इन बच्चों के बारे में इनके प्राचार्य प्रमोद कर्मा ने बताया कि, "आवासीय परिसर में वर्तमान में 100 दिव्यांग बच्चे पढ़ रहे हैं. इनकी जिम्मेदारी जिला प्रशासन उठा रही है. जिला प्रशासन के मार्गदर्शन में इन बच्चों को सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है. पिछले 7 सालों से हम हर त्यौहार इन बच्चों के साथ मनाते आ रहे हैं. इस साल भी इन बच्चों के साथ हर्बल गुलाल और प्राकृतिक फूलों से होली मनाई गई. बच्चे काफी खुश हैं."

इस आवासीय परिसर में दिव्यांग बच्चों को रखा जाता है. हर किसी में अलग-अलग प्रतिभा है. इनकी प्रतिभा को देखते हुए जिला प्रशासन का इनको सहयोग मिल रहा है. ये बच्चे ड्राइंग, पेंटिंग और अन्य चीजों में अपनी प्रतिभा निखार रहे हैं. इस आवासीय परिसर के बच्चे आने वाली पीढ़ी के लिए एक मिसाल हैं. यहां के बच्चे इंजीनियर भी बने हैं. इन बच्चों के साथ होली खेलना एक अलग ही अनुभव देता है. -नेहा गुप्ता, संचालिका, आवासीय परिसर

बता दें कि नक्सलगढ़ क्षेत्र के ये दिव्यांग बच्चे सूखी और हर्बल होली खेल लोगों को सेफ होली खेलने का संदेश दे रहे हैं. ताकि आम लोग भी प्राकृतिक फूलों से और हर्बल गुलाल से होली मनाकर पानी की बचत करें और सेफ रहें.

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