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FDA की लैब को मिला NABL सर्टिफिकेट, दुनिया में मान्य होगी जांच रिपोर्ट, विभाग को मिले 18 नए ड्रग्स इंस्पेक्टर - NABL CERTIFICATE TO FDA LAB

राष्ट्रीय परीक्षण एवं अंशशोधन प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड ने देहरादून एफडीए की प्रयोगशाला को औषधि परीक्षण प्रमाण पत्र जारी किया.

NABL CERTIFICATE TO FDA LAB
देहरादून खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन कार्यालय (PHOTO- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 26, 2024, 9:51 PM IST

देहरादून: खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन कार्यालय में मौजूद विश्लेषणशाला को राष्ट्रीय परीक्षण एवं अंशशोधन प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड (एनएबीएल) ने देहरादून की लैब को औषधि परीक्षण प्रमाण पत्र जारी कर दिया है. ऐसे में इस विश्लेषणशाला की रिपोर्ट पूरी दुनिया में मान्य होगी.

ज्यादा जानकारी देते हुए खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन आयुक्त डॉ. आर राजेश कुमार ने बताया कि ये प्रमाणपत्र मिलने के बाद इस लैब से टेस्ट की गई दवाएं और कॉस्मेटिक को विश्व स्तर पर मान्यता मिल जाएगी. इसके साथ ही उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग औषधि निरीक्षक ग्रेड-2 के रिक्त 19 पदों का रिजल्ट जारी कर दिया है.

NABL CERTIFICATE TO FDA LAB
राष्ट्रीय परीक्षण एवं अंशशोधन प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड ने जारी किया प्रमाण पत्र (PHOTO- एनएबीएल)

देहरादून लैब में 2 हजार से अधिक सैंपल जांच की क्षमता: उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और डॉ. धन सिंह रावत के दिशा-निर्देशों पर शुरू की गई इस प्रयोगशाला में अब तक तीन हजार से अधिक सैंपल्स की जांच की जा चुकी है. इसमें ऑनलाइन सर्टिफिकेशन की भी सुविधा है. ये विश्लेषणशाला लैब केंद्र सरकार की सहयोग से 7 करोड़ रुपए की लागत से बनी है. ये अत्याधुनिक टेस्टिंग लैब शुरू की है. इस लैब में दो हजार से भी अधिक सैंपल प्रति साल टेस्टिंग की क्षमता है. लैब में ड्रग, कॉस्मेटिक और मेडिकल डिवाइस की टेस्टिंग की जा सकेगी.

रुद्रपुर लैब में 1000 सैंपल जांच की क्षमता: वहीं, अपर आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि इस प्रयोगशाला में एचपीएलसी, यूवी/विजुअल-फोटो, एफटीआईआर, जीसीएचएस जैसी अत्याधुनिक मशीनों से जांच की जाती है. जिनकी सटीकता अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप होती है. यह रुद्रपुर के बाद प्रदेश की दूसरी प्रयोगशाला है. रुद्रपुर में मौजूद प्रयोगशाला की क्षमता हर साल 1000 सैंपल जांच करने की है जिसके चलते रुद्रपुर लैब पर अत्यधिक दबाव रहता है. लेकिन इस प्रयोगशाला के बनने के बाद प्रदेश में मिलावट खोरों और नकली उत्पाद बनाने और बेचने वालों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान को और गति मिली है.

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देहरादून खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन कार्यालय में मौजूद लैब (PHOTO- ETV Bharat)

इन उत्पादों की जांच की जाती है: उन्होंने बताया कि इस प्रयोगशाला में पांच अलग-अलग प्रयोगशालाएं हैं जिनमें रसायन परीक्षण लैब, मानइर, मेजर, कॉस्मेटिक और माइक्रो बायोलॉजी लैब शामिल हैं. इन प्रयोगशालाओं में औषधि, टेबलेट, खांसी का सिरप और कॉस्मेटिक उत्पादों की जांच की जाती है. इस हाईटेक लैब में अभी तक करीब तीन हजार से अधिक सैंपलों की जांच हो चुकी है. यहां पांच प्रयोगशालाएं बनाई गई हैं. इनमें केमिकल टेस्टिंग लैब, मेजर, नापतौल, कॉस्मेटिक और माइक्रोबायोलॉजी लैब शामिल हैं.

रुद्रपुर के बाद देहरादून में दूसरी लैब: बता दें कि एनएबीएल सर्टिफिकेट मिलने से पहले ऑडिट प्रक्रिया के तहत मूल्यांकन टीम की ओर से प्रयोगशाला की बुनियादी ढांचा उपकरण, कार्मिक योग्यता-बु़द्विमत्ता, गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली और दक्षता परीक्षण जैसे विभिन्न मानकों एवं कसौटियों पर लैब का मूल्यांकन किया गया था. हालांकि, रुद्रपुर की लैब को पहले ही एनएबीएल सर्टिफिकेट मिल चुका है. ऐसे में अब उत्तराखंड से दवा कंपनियों को निर्यात की जाने वाली दवाओं की टेस्टिंग के लिए कहीं और नहीं जाना पड़ेगा.

विभाग को मिले 18 नए इंस्पेक्टर: वहीं, लंबे समय से ड्रग इंस्पेक्टरों की कमी से जूझ रहे खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग को 18 नए इंस्पेक्टर मिल गए हैं. उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग औषधि निरीक्षक ग्रेड-2 के रिक्त 19 पदों का रिजल्ट जारी कर दिया है. 19 पदों पर सीधी भर्ती के जरिए 18 पदों पर युवाओं का चयन किया गया है. एक पद अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित था जिसमें अभ्यर्थी न मिलने के चलते इस पर भविष्य में भर्ती की जाएगी. आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग डॉ. आर राजेश कुमार ने कहा विभाग में ड्रग इंस्पेक्टर की लंबे समय से कमी बनी हुई थी. नए इंस्पेक्टरों के आने से ड्रग विभाग और अधिक मजबूती के साथ काम करेगा.

ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड के अस्पतालों में मरीजों को दी जाने वाली दवाइयों की होगी जांच, एफडीए ने गठित की टीमें

देहरादून: खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन कार्यालय में मौजूद विश्लेषणशाला को राष्ट्रीय परीक्षण एवं अंशशोधन प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड (एनएबीएल) ने देहरादून की लैब को औषधि परीक्षण प्रमाण पत्र जारी कर दिया है. ऐसे में इस विश्लेषणशाला की रिपोर्ट पूरी दुनिया में मान्य होगी.

ज्यादा जानकारी देते हुए खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन आयुक्त डॉ. आर राजेश कुमार ने बताया कि ये प्रमाणपत्र मिलने के बाद इस लैब से टेस्ट की गई दवाएं और कॉस्मेटिक को विश्व स्तर पर मान्यता मिल जाएगी. इसके साथ ही उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग औषधि निरीक्षक ग्रेड-2 के रिक्त 19 पदों का रिजल्ट जारी कर दिया है.

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राष्ट्रीय परीक्षण एवं अंशशोधन प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड ने जारी किया प्रमाण पत्र (PHOTO- एनएबीएल)

देहरादून लैब में 2 हजार से अधिक सैंपल जांच की क्षमता: उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और डॉ. धन सिंह रावत के दिशा-निर्देशों पर शुरू की गई इस प्रयोगशाला में अब तक तीन हजार से अधिक सैंपल्स की जांच की जा चुकी है. इसमें ऑनलाइन सर्टिफिकेशन की भी सुविधा है. ये विश्लेषणशाला लैब केंद्र सरकार की सहयोग से 7 करोड़ रुपए की लागत से बनी है. ये अत्याधुनिक टेस्टिंग लैब शुरू की है. इस लैब में दो हजार से भी अधिक सैंपल प्रति साल टेस्टिंग की क्षमता है. लैब में ड्रग, कॉस्मेटिक और मेडिकल डिवाइस की टेस्टिंग की जा सकेगी.

रुद्रपुर लैब में 1000 सैंपल जांच की क्षमता: वहीं, अपर आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि इस प्रयोगशाला में एचपीएलसी, यूवी/विजुअल-फोटो, एफटीआईआर, जीसीएचएस जैसी अत्याधुनिक मशीनों से जांच की जाती है. जिनकी सटीकता अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप होती है. यह रुद्रपुर के बाद प्रदेश की दूसरी प्रयोगशाला है. रुद्रपुर में मौजूद प्रयोगशाला की क्षमता हर साल 1000 सैंपल जांच करने की है जिसके चलते रुद्रपुर लैब पर अत्यधिक दबाव रहता है. लेकिन इस प्रयोगशाला के बनने के बाद प्रदेश में मिलावट खोरों और नकली उत्पाद बनाने और बेचने वालों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान को और गति मिली है.

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देहरादून खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन कार्यालय में मौजूद लैब (PHOTO- ETV Bharat)

इन उत्पादों की जांच की जाती है: उन्होंने बताया कि इस प्रयोगशाला में पांच अलग-अलग प्रयोगशालाएं हैं जिनमें रसायन परीक्षण लैब, मानइर, मेजर, कॉस्मेटिक और माइक्रो बायोलॉजी लैब शामिल हैं. इन प्रयोगशालाओं में औषधि, टेबलेट, खांसी का सिरप और कॉस्मेटिक उत्पादों की जांच की जाती है. इस हाईटेक लैब में अभी तक करीब तीन हजार से अधिक सैंपलों की जांच हो चुकी है. यहां पांच प्रयोगशालाएं बनाई गई हैं. इनमें केमिकल टेस्टिंग लैब, मेजर, नापतौल, कॉस्मेटिक और माइक्रोबायोलॉजी लैब शामिल हैं.

रुद्रपुर के बाद देहरादून में दूसरी लैब: बता दें कि एनएबीएल सर्टिफिकेट मिलने से पहले ऑडिट प्रक्रिया के तहत मूल्यांकन टीम की ओर से प्रयोगशाला की बुनियादी ढांचा उपकरण, कार्मिक योग्यता-बु़द्विमत्ता, गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली और दक्षता परीक्षण जैसे विभिन्न मानकों एवं कसौटियों पर लैब का मूल्यांकन किया गया था. हालांकि, रुद्रपुर की लैब को पहले ही एनएबीएल सर्टिफिकेट मिल चुका है. ऐसे में अब उत्तराखंड से दवा कंपनियों को निर्यात की जाने वाली दवाओं की टेस्टिंग के लिए कहीं और नहीं जाना पड़ेगा.

विभाग को मिले 18 नए इंस्पेक्टर: वहीं, लंबे समय से ड्रग इंस्पेक्टरों की कमी से जूझ रहे खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग को 18 नए इंस्पेक्टर मिल गए हैं. उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग औषधि निरीक्षक ग्रेड-2 के रिक्त 19 पदों का रिजल्ट जारी कर दिया है. 19 पदों पर सीधी भर्ती के जरिए 18 पदों पर युवाओं का चयन किया गया है. एक पद अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित था जिसमें अभ्यर्थी न मिलने के चलते इस पर भविष्य में भर्ती की जाएगी. आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग डॉ. आर राजेश कुमार ने कहा विभाग में ड्रग इंस्पेक्टर की लंबे समय से कमी बनी हुई थी. नए इंस्पेक्टरों के आने से ड्रग विभाग और अधिक मजबूती के साथ काम करेगा.

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