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रायपुर के नेशनल मैंगो फेस्टिवल में आम के छप्पन भोग, आप भी लीजिए मजा - National Mango Festival in Raipur

रायपुर में आयोजित राष्ट्रीय आम महोत्सव में फल विज्ञान विभाग ने आम से 56 भोग की तर्ज कर 56 आइटम तैयार किए. स्टॉल लगाकर 56 भोग की प्रदर्शनी भी की गई. आप भी इसका आनंद लीजिए

NATIONAL MANGO FESTIVAL IN RAIPUR
राष्ट्रीय आम महोत्सव (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jun 14, 2024, 10:07 PM IST

फल विज्ञान विभाग ने आम से तैयार किए 56 भोग (ETV Bharat)

रायपुर: रायपुर के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में आम महोत्सव का आयोजन किया गया. इस दौरान आम से विश्वविद्यालय के फल विज्ञान विभाग के छात्र छात्राओं ने 56 भोग तैयार किए हैं. इन 56 भोग को स्टॉल में सजाकर प्रदर्शित किया गया. इस दौरान स्टूडेंट्स के साथ ही अन्य जनता को आम से तैयार 56 भोग की जानकारी दी गई. खास बात तो है कि इन 56 भोग में आम के वेस्टेज से भी टेस्टी उत्पाद तैयार किए गए हैं.

आम से 56 आइटम किए गए तैयार: दरअसल, आम को फलों का राजा कहा जाता है. आम में भरपूर मात्रा में खनिज और लवण की मात्रा पाई जाती है, जिसे पॉकेटस ऑफ मिनरल्स के नाम से भी जाना जाता है. आम का छिलका, गुदा और बीज से इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के फल विज्ञान विभाग की ओर से 56 उत्पाद तैयार किए गए हैं. ये राष्ट्रीय आम महोत्सव में आकर्षण का केंद्र बना हुआ है.

छिलके को भी किया गया यूज: इस बारे में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय की फल वैज्ञानिक दीप्ति पटेल ने कहा कि, "आम से अलग-अलग 56 उत्पाद तैयार किए गए हैं. जिस तरह से भगवान को भोग लगाने के लिए 56 भोग तैयार किया जाता है. ठीक उसी तरह से यहां पर आम के बीज, आम का गुदा और आम के छिलकों से कैंडी, खीर, केक सहित कई अन्य उत्पाद बनाए गए हैं. कई बार आम के जूस बनाए जाने के बाद वेस्ट मटेरियल को फेंक दिया जाता है, लेकिन उससे भी गटागट तैयार किया गया है. कई टॉफियां भी बनाई गई है. आम के गुदा से जेम, हलवा, खीर जैसे व्यंजन तैयार किए गए हैं. जब भी आम के रस निकाले जाते हैं तो उसके बाद जो वेस्ट मटेरियल होता है, उससे गटागट भी तैयार किया गया है. घर में अक्सर कच्चा आम लाने के बाद उसके छिलके को फेंक दिया जाता है. लेकिन उस छिलके का भी बखूबी उपयोग फल विज्ञान विभाग की ओर से किया गया है. इस छिलके से कैंडी बनाया गया है. आम के छिलके और उसके बीज भी काफी पौष्टिक होते हैं. उसे फेंकने के बजाय उससे उत्पाद भी तैयार किया जा सकते हैं."

आम एक पौष्टिक फल है, जिसमें खनिज लवण की मात्रा बहुत अधिक होती है. इस कारण आम को पॉकेटस ऑफ मिनरल्स कहा जाता है. आम को खनिज लवण की थैली भी कहते है. आम से पना बनाए जाने के साथ ही इसके और कई उत्पाद बनाए जा सकते हैं. मैंगो शेक के साथ ही गुदा से आम और गुड़ मिलाकर इसका हलवा बनाया जाता है, जो कि छत्तीसगढ़ में काफी फेमस है. आम के पल्प से व्यंजन बनाए जाने के साथ ही पल्प का बर्फी भी बनाया जाता है, जिसे काजू कतली भी कहते हैं. -डॉ.घनश्याम दास साहू, वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय

बता दें कि इस आम महोत्सव में केवल एक स्टॉल के रूप में प्रदर्शित की गई है. छात्र-छात्राओं और आम जनता को इसकी जानकारी देने के लिए यह स्टॉल लगाया गया है. फल विज्ञान विभाग की ओर से आम के 56 उत्पाद तैयार किए गए जो लोगों को काफी पसंद आ रहा है.

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फल विज्ञान विभाग ने आम से तैयार किए 56 भोग (ETV Bharat)

रायपुर: रायपुर के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में आम महोत्सव का आयोजन किया गया. इस दौरान आम से विश्वविद्यालय के फल विज्ञान विभाग के छात्र छात्राओं ने 56 भोग तैयार किए हैं. इन 56 भोग को स्टॉल में सजाकर प्रदर्शित किया गया. इस दौरान स्टूडेंट्स के साथ ही अन्य जनता को आम से तैयार 56 भोग की जानकारी दी गई. खास बात तो है कि इन 56 भोग में आम के वेस्टेज से भी टेस्टी उत्पाद तैयार किए गए हैं.

आम से 56 आइटम किए गए तैयार: दरअसल, आम को फलों का राजा कहा जाता है. आम में भरपूर मात्रा में खनिज और लवण की मात्रा पाई जाती है, जिसे पॉकेटस ऑफ मिनरल्स के नाम से भी जाना जाता है. आम का छिलका, गुदा और बीज से इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के फल विज्ञान विभाग की ओर से 56 उत्पाद तैयार किए गए हैं. ये राष्ट्रीय आम महोत्सव में आकर्षण का केंद्र बना हुआ है.

छिलके को भी किया गया यूज: इस बारे में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय की फल वैज्ञानिक दीप्ति पटेल ने कहा कि, "आम से अलग-अलग 56 उत्पाद तैयार किए गए हैं. जिस तरह से भगवान को भोग लगाने के लिए 56 भोग तैयार किया जाता है. ठीक उसी तरह से यहां पर आम के बीज, आम का गुदा और आम के छिलकों से कैंडी, खीर, केक सहित कई अन्य उत्पाद बनाए गए हैं. कई बार आम के जूस बनाए जाने के बाद वेस्ट मटेरियल को फेंक दिया जाता है, लेकिन उससे भी गटागट तैयार किया गया है. कई टॉफियां भी बनाई गई है. आम के गुदा से जेम, हलवा, खीर जैसे व्यंजन तैयार किए गए हैं. जब भी आम के रस निकाले जाते हैं तो उसके बाद जो वेस्ट मटेरियल होता है, उससे गटागट भी तैयार किया गया है. घर में अक्सर कच्चा आम लाने के बाद उसके छिलके को फेंक दिया जाता है. लेकिन उस छिलके का भी बखूबी उपयोग फल विज्ञान विभाग की ओर से किया गया है. इस छिलके से कैंडी बनाया गया है. आम के छिलके और उसके बीज भी काफी पौष्टिक होते हैं. उसे फेंकने के बजाय उससे उत्पाद भी तैयार किया जा सकते हैं."

आम एक पौष्टिक फल है, जिसमें खनिज लवण की मात्रा बहुत अधिक होती है. इस कारण आम को पॉकेटस ऑफ मिनरल्स कहा जाता है. आम को खनिज लवण की थैली भी कहते है. आम से पना बनाए जाने के साथ ही इसके और कई उत्पाद बनाए जा सकते हैं. मैंगो शेक के साथ ही गुदा से आम और गुड़ मिलाकर इसका हलवा बनाया जाता है, जो कि छत्तीसगढ़ में काफी फेमस है. आम के पल्प से व्यंजन बनाए जाने के साथ ही पल्प का बर्फी भी बनाया जाता है, जिसे काजू कतली भी कहते हैं. -डॉ.घनश्याम दास साहू, वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय

बता दें कि इस आम महोत्सव में केवल एक स्टॉल के रूप में प्रदर्शित की गई है. छात्र-छात्राओं और आम जनता को इसकी जानकारी देने के लिए यह स्टॉल लगाया गया है. फल विज्ञान विभाग की ओर से आम के 56 उत्पाद तैयार किए गए जो लोगों को काफी पसंद आ रहा है.

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