नई दिल्ली: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने दृष्टिबाधित बच्चों के स्कूल के पास ठोस कचरा डालने पर दिल्ली नगर निगम पर 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. एनजीटी के चेयरपर्सन जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव की बेंच ने जुर्माना लगाने का आदेश दिया. एनजीटी ने कहा कि प्रशासन को इस बात की इजाजत नहीं दी जा सकती है कि वो छात्रों की दिव्यांगता का अनुचित लाभ उठाएं और स्वच्छ पर्यावरण के उनके अधिकार का अतिक्रमण करें.
दरअसल एनजीटी, पश्चिमी दिल्ली के रघुबीर नगर स्थित दृष्टिबाधित बच्चों के स्कूल अखिल भारतीय नेत्रहीन संघ स्कूल के पास ढलाव पर ठोस कचरा डालने की शिकायत पर सुनवाई कर रहा था. कचरा डालने की वजह से स्कूल के पास सीवेज के कई खुले गड्ढे बन गए हैं. एनजीटी ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की उस रिपोर्ट पर गौर किया, जिसमें ढलाव के पास की दयनीय स्थिति का जिक्र किया गया था. रिपोर्ट में सीवेज के कई खुले हुए गड्ढों के खतरों से आगाह किया गया था.
नगर निगम रहा नाकाम: केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि दिल्ली नगर निगम ठोस कचरा प्रबंधन और गीला कचरा प्रबंधन के प्रावधानों को लागू करने में नाकाम रहा है. एनजीटी ने कहा कि दिल्ली नगर निगम की रिपोर्ट के मुताबिक, ढलाव पिछले तीन दशकों से मौजूद है और इसको बंद करने के लिए कदम उठाए गए हैं. इसमें कोई विवाद नहीं है कि ढलाव अभी भी मौजूद है, जहां कचरा डाला जा रहा है. दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जब मौके का मुआयना किया तो पाया कि कचरे में बायो मेडिकल कचरा और जानवरों के अवशेष रोड पर फैले हुए थे.
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