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एक शासनादेश की वजह से लटके नेशनल गेम्स के कैंप, जानें क्या है पूरा मामला

उत्तराखंड में प्रस्तावित 38वें राष्ट्रीय खेलों के आयोजन को लेकर 80 दिन बाकी हैं, लेकिन अभी तक नेशनल गेम्स के कैंप शुरू नहीं हुए हैं.

UTTARAKHAND 38TH NATIONAL GAMES
कॉन्सेप्ट इमेज (PHOTO- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 2 hours ago

देहरादून: उत्तराखंड में 38वें राष्ट्रीय खेलों के आयोजन की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है. राष्ट्रीय खेलों के आयोजन से पहले खिलाड़ियों को तैयार करने के लिए तकरीबन 1 साल पहले शुरू होने वाले कैंप उत्तराखंड में आज भी शुरू नहीं हो पाए हैं, जबकि आयोजन के लिए मात्र 80 दिन बाकी हैं.

उत्तराखंड में शुरू नहीं हुए कैंप

उत्तराखंड में 38 में राष्ट्रीय खेल प्रस्तावित हैं, जिनकी तारीख आज से तकरीबन 1 महीने पहले 9 अक्टूबर को घोषित कर दी गई थी. 9 अक्टूबर को उत्तराखंड में आयोजित राष्ट्रीय खेलों की घोषणा से पहले उत्तराखंड खेल विभाग द्वारा यह दावा किया जा रहा था कि नेशनल गेम्स की डेट अनाउंस के तुरंत बाद से ही प्रदेश में नेशनल गेम्स के लिए कैंप शुरू कर दिए जाएंगे, जहां पर खिलाड़ियों को नेशनल गेम्स के लिए तैयार किया जाएगा. इसी बीच बताया गया कि 26 अक्टूबर से कैंप की शुरुआत कर दी जाएगी, लेकिन 26 अक्टूबर से भी कैंप शुरू नहीं हो पाए. इसके बाद कहा गया था कि दीपावली के तुरंत बाद 2 नवंबर से कैंप शुरू होंगे, लेकिन आज 6 नवंबर हो चुकी है. अब तक नेशनल गेम्स के लिए कैंप नहीं लग पाए हैं.

एक शासनादेश की वजह से फंसा पेंच

उत्तराखंड में प्रस्तावित नेशनल गेम्स के लिए लगने वाले कैंप को लेकर लगातार हो रही देरी की वजह खेल विभाग का वह शासनादेश है, जो संशोधन के लिए मुख्यमंत्री के पास गया है. दरअसल नेशनल गेम से पहले खिलाड़ियों को तैयार करने के लिए कैंप लगाए जाते हैं, जोकि नियमों के तहत तकरीबन 1 साल पहले से आयोजित किए जाते हैं और इन पर अच्छा खासा पैसा खिलाड़ियों की ट्रेनिंग के लिए खर्च किया जाता है. कैंप जितना लंबा चलता है, उस पर उतना खर्च खिलाड़ी कोच और अन्य संसाधनों के लिए किया जाता है.

एक कैंप लगाने 10 लाख रुपए का खर्च आता है

विभागीय जानकारी के अनुसार एक कैंप लगाने के लिए तकरीबन 10 लाख रुपए का खर्च आता है और यह कैंप अलग-अलग खेल विधाओं से संबंधित मुख्य आयोजन से पहले 6 महीने से लेकर 1 साल तक चलाए जाते हैं, लेकिन उत्तराखंड में नेशनल गेम्स बिल्कुल सिर पर हैं. ऐसे में एक तरफ जहां खिलाड़ियों को तैयार करने के लिए बेहद कम समय बचा है, तो वहीं नेशनल गेम्स से पहले लगने वाले कैंप के खर्च को लेकर पेंच फंसा हुआ है. सरकार की कोशिश है कि कैंप लगाने के लिए बजट को बढ़ाया जाए.

कैंप में देरी को लेकर क्या बोले अधिकारी

नेशनल गेम्स से पहले खिलाड़ियों की तैयारी को लेकर लगने वाले कैंप में लगातार हो रही देरी पर हमने खेल मंत्री रेखा आर्य से जानकारी लेने की कोशिश की, लेकिन उनके हरिद्वार दौरे की वजह से उनसे संपर्क नहीं हो पाया. वहीं, खेल के विशेष प्रमुख सचिव अमित सिंह ने बताया कि कैंप को लेकर पूरी तैयारी हो चुकी है, लेकिन 10 नवंबर से विभाग बड़े स्तर पर यूथ फेस्टिवल मनाने जा रहा है, जिसमें स्पोर्ट्स साइंस को लेकर देशभर के लोग जुड़ने वाले हैं और यह भी नेशनल गेम्स की तैयारी का एक हिस्सा है और इस आयोजन के 14 नवंबर को खत्म होने के बाद 15 नवंबर से ही कैंप शुरू कर दिए जाएंगे.खेल निदेशक प्रशांत आर्य ने बताया कि नेशनल गेम्स से पहले लगने वाले कैंप को लेकर 8 अक्टूबर को खेल संघ से मीटिंग होनी है और उसमें फैसला लिया जाएगा कि कैंप कब से लगने हैं.

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उत्तराखंड में शुरू नहीं हुए कैंप

उत्तराखंड में 38 में राष्ट्रीय खेल प्रस्तावित हैं, जिनकी तारीख आज से तकरीबन 1 महीने पहले 9 अक्टूबर को घोषित कर दी गई थी. 9 अक्टूबर को उत्तराखंड में आयोजित राष्ट्रीय खेलों की घोषणा से पहले उत्तराखंड खेल विभाग द्वारा यह दावा किया जा रहा था कि नेशनल गेम्स की डेट अनाउंस के तुरंत बाद से ही प्रदेश में नेशनल गेम्स के लिए कैंप शुरू कर दिए जाएंगे, जहां पर खिलाड़ियों को नेशनल गेम्स के लिए तैयार किया जाएगा. इसी बीच बताया गया कि 26 अक्टूबर से कैंप की शुरुआत कर दी जाएगी, लेकिन 26 अक्टूबर से भी कैंप शुरू नहीं हो पाए. इसके बाद कहा गया था कि दीपावली के तुरंत बाद 2 नवंबर से कैंप शुरू होंगे, लेकिन आज 6 नवंबर हो चुकी है. अब तक नेशनल गेम्स के लिए कैंप नहीं लग पाए हैं.

एक शासनादेश की वजह से फंसा पेंच

उत्तराखंड में प्रस्तावित नेशनल गेम्स के लिए लगने वाले कैंप को लेकर लगातार हो रही देरी की वजह खेल विभाग का वह शासनादेश है, जो संशोधन के लिए मुख्यमंत्री के पास गया है. दरअसल नेशनल गेम से पहले खिलाड़ियों को तैयार करने के लिए कैंप लगाए जाते हैं, जोकि नियमों के तहत तकरीबन 1 साल पहले से आयोजित किए जाते हैं और इन पर अच्छा खासा पैसा खिलाड़ियों की ट्रेनिंग के लिए खर्च किया जाता है. कैंप जितना लंबा चलता है, उस पर उतना खर्च खिलाड़ी कोच और अन्य संसाधनों के लिए किया जाता है.

एक कैंप लगाने 10 लाख रुपए का खर्च आता है

विभागीय जानकारी के अनुसार एक कैंप लगाने के लिए तकरीबन 10 लाख रुपए का खर्च आता है और यह कैंप अलग-अलग खेल विधाओं से संबंधित मुख्य आयोजन से पहले 6 महीने से लेकर 1 साल तक चलाए जाते हैं, लेकिन उत्तराखंड में नेशनल गेम्स बिल्कुल सिर पर हैं. ऐसे में एक तरफ जहां खिलाड़ियों को तैयार करने के लिए बेहद कम समय बचा है, तो वहीं नेशनल गेम्स से पहले लगने वाले कैंप के खर्च को लेकर पेंच फंसा हुआ है. सरकार की कोशिश है कि कैंप लगाने के लिए बजट को बढ़ाया जाए.

कैंप में देरी को लेकर क्या बोले अधिकारी

नेशनल गेम्स से पहले खिलाड़ियों की तैयारी को लेकर लगने वाले कैंप में लगातार हो रही देरी पर हमने खेल मंत्री रेखा आर्य से जानकारी लेने की कोशिश की, लेकिन उनके हरिद्वार दौरे की वजह से उनसे संपर्क नहीं हो पाया. वहीं, खेल के विशेष प्रमुख सचिव अमित सिंह ने बताया कि कैंप को लेकर पूरी तैयारी हो चुकी है, लेकिन 10 नवंबर से विभाग बड़े स्तर पर यूथ फेस्टिवल मनाने जा रहा है, जिसमें स्पोर्ट्स साइंस को लेकर देशभर के लोग जुड़ने वाले हैं और यह भी नेशनल गेम्स की तैयारी का एक हिस्सा है और इस आयोजन के 14 नवंबर को खत्म होने के बाद 15 नवंबर से ही कैंप शुरू कर दिए जाएंगे.खेल निदेशक प्रशांत आर्य ने बताया कि नेशनल गेम्स से पहले लगने वाले कैंप को लेकर 8 अक्टूबर को खेल संघ से मीटिंग होनी है और उसमें फैसला लिया जाएगा कि कैंप कब से लगने हैं.

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