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बीमा से जुड़ा कोई विवाद है तो कहां करें शिकायत? कैसे होगा समाधान, एक क्लिक में जानिए पूरी प्रक्रिया - NATIONAL CONSUMER DAY 2024

बीमा से जुड़ी किसी भी शिकायत के बीमा लोकपाल से करें संपर्क, तीन माह में निशुल्क होगा समाधान.

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बीमा से जुड़ा कोई विवाद है तो कहां करें शिकायत? कैसे होगा समाधान. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 24, 2024, 3:31 PM IST

Updated : Dec 24, 2024, 4:27 PM IST

लखनऊ: देश में बीमा से जुड़ी शिकायतें और उनके निस्तारण की समस्या दिनों दिन बढ़ती जा रही हैं. अधिकांश लोग किसी न किसी प्रकार से बीमित होते हैं. जो लोग खुद बीमित नहीं हैं, उन्होंने वाहनों, सेहत या अपने प्रतिष्ठानों या आवास आदि का बीमा करा रखा है.

लेकिन, लोगों को अक्सर यह नहीं मालूम होता है कि बीमा कंपनी द्वारा किसी प्रकार की धोखाधड़ी अथवा गलत तरीके से क्लेम रिजेक्ट कर देना या किसी अन्य विवाद से कैसे निपटा जाए. राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस के मौके पर हमने यही जानने के लिए बात की यूपी के बीमा लोकपाल अतुल सहाय से. पढ़िए, प्रमुख अंश...

बीमा से जुड़ी समस्याओं के समाधान की प्रक्रिया के बारे में बताते बीमा लोकपाल अतुल सहाय. (Video Credit; ETV Bharat)

प्रश्न : बीमा लोकपाल क्या और किस तरह से ये काम करता है?

उत्तर : 38 साल पहले आज ही के दिन 1986 में कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट बना था. इसी के तहत सरकार की नीति रही कि उपभोक्ता को अपने अधिकार मालूम हों और उनमें जागरूकता भी बढ़े. इसी के तहत बीमा लोकपाल या बैंकिंग लोकपाल नाम की संस्था भी बनाई गई है. यहां पर उपभोक्ताओं की जो भी शिकायतें होती हैं, उनका तत्काल ही निस्तारण किया जाता है. इसमें उपभोक्ता से किसी भी प्रकार की फीस नहीं ली जाती है. सरकार की नीति बहुत अच्छी है, लेकिन अभी लोगों में पर्याप्त जागरूकता का अभाव है. देश में 17 बीमा लोकपाल हैं. हर जगह ढेरों शिकायतें आती हैं. हमारे यहां भी लगभग साढ़े तीन हजार शिकायतें आती हैं, जिनका हम निस्तारण करते हैं.

प्रश्न : नाम से जाहिर है 'बीमा लोकपाल', मतलब यहां सिर्फ इंश्योरेंस से जुड़े प्रकरण ही निपटाए जाते हैं?

उत्तर : जी हां, यहां बीमा आधारित मामले ही देखे जाते हैं. चाहे वह पब्लिक से संबंधित हों या प्राइवेट सेक्टर. कुल मिलाकर 60 कंपनियां हैं. यदि इन कंपनियों के उपभोक्ताओं को कोई भी शिकायत है, तो वह हमारे पास आते हैं. चाहे वाहन बीमा हो, हेल्थ हो या अन्य किसी भी प्रकार का बीमा हो, यहां सभी की सुनवाई की जाती है.

प्रश्न: यदि किसी बीमा धारक का दावा गलत तरीके से खारिज हुआ है या उसे कोई और समस्या है, तो उसे क्या करना चाहिए?

उत्तर: यह बहुत आसान है. पीड़ित ने जहां से भी बीमा कराया है, उनको अपनी शिकायत लिखकर देनी चाहिए. यदि 15 दिन के अंदर उनका जवाब आता है या नहीं भी आता है, तो उपभोक्ता शिकायत की कॉपी लेकर हमारे यहां केस कर सकते हैं. जिसके बाद केस की सुनवाई की जाती है और निर्णय दिया जाता है.

प्रश्न: क्या पीड़ित को कोई वकील आदि करना होता है? यहां उसे कैसे सहायता मिलती है?

उत्तर: यहां न तो कोई शुल्क देना होता है और ना ही वकील की जरूरत होती है. यहां कोई ऐसी चीज नहीं है, जिसमें वकील की जरूरत पड़े. यहां त्वरित न्याय की व्यवस्था है. यहां पीड़ित को सिर्फ अपने केस की डिटेल लेकर आना होता है. हमारे कार्यालय के अनुभवी और सक्षम अधिकारी पीड़ित को सहायता प्रदान करते हैं. यहां कुछ विशेषज्ञ भी होते हैं अलग-अलग क्षेत्रों के, जो केस बनाकर लोकपाल के सामने प्रस्तुत करते हैं.

प्रश्न: क्या यहां मामले के निपटारे के लिए कोई समय भी निर्धारित होता है?

उत्तर: वैसे तो यहां अधिकतम 90 दिनों में केस का निपटारा हो जाता है, लेकिन हमें बताते हुए खुशी हो रही है कि लखनऊ लोकपाल कार्यालय की अधिकांश शिकायतों का निस्तारण 15 दिन में हो जाता है.

प्रश्न: आपका लखनऊ में मुख्यालय है. क्या राज्य में कहीं और भी आपकी शाखाएं हैं?

उत्तर: बहुत बड़ा राज्य होने के कारण प्रदेश में दो लोकपाल काम करते हैं. लखनऊ लोकपाल कार्यालय 43 जिलों को देखता है. वहीं नोएडा का बीमा लोकपाल कार्यालय पश्चिमी उत्तर प्रदेश से जुड़े जिले देखता है.

प्रश्न: इस वर्ष आपके पास कुल कितनी शिकायतें आई हैं और कितनी शिकायतों का निस्तारण हो चुका है?

उत्तर: इस वर्ष हमारे पास 36 सौ शिकायतें आई हैं, जिनमें सभी का निस्तारण हो चुका है. कुछ ऐसी शिकायतें होती हैं, जिन पर सुनवाई नहीं की जा सकती. हम उन्हें बताते हैं कि उन्हें आगे क्या करना चाहिए.

प्रश्न: लोगों को उपभोक्ता फोरम के विषय में ज्यादा जानकारी है. इसलिए लोग बीमा लोकपाल के यहां न आकर वहां चले जाते हैं. यहां वह उपभोक्ता अन्य अदालत में जाने के साथ आपके पास भी आ सकता है? किसी भी पीड़ित को कितने दिन के भीतर आपके पास शिकायत कर देनी चाहिए?

उत्तर: यदि किसी पीड़ित का कोई केस अन्य अदालत में विचाराधीन है, तो वह बीमा लोकपाल के पास नहीं आ सकता है. इसके अलावा कोई भी पीड़ित साल भर के भीतर कभी भी अपनी शिकायत लेकर हमारे पास आ सकता है.

प्रश्न: यदि कोई भी पक्ष लोकपाल के फैसले से असंतुष्ट है, तो वह किस न्यायालय में अपील कर सकता है?

उत्तर: बीमा कंपनियों के लिए हमारा फैसला बाध्यकारी है और 99.99 प्रतिशत मामलों में वह कहीं भी कोई अपील नहीं करती हैं. किसी विरले केस में ही बीमा कंपनी चाहे तो हाईकोर्ट में अपील करती है या कर सकती है. हां, उपभोक्ता जब भी चाहे किसी भी अदालत में जा सकते हैं.

प्रश्न: लोगों को जागरूक करने के लिए आप लोग क्या करते हैं?

उत्तर: हम लोगों को जागरूक करने के लिए भी खूब काम करते हैं. हम हर साल 11 नवंबर को बीमा दिवस मनाते हैं. रोडियो से लेकर अन्य सूचना माध्यमों के तहत भी हम प्रचार-प्रसार करते हैं. लोग धीरे-धीरे जागरूक हो रहे हैं. यही कारण है कि इस साल हमारे पास आने वाली शिकायतों की संख्या दोगुनी हो गई है. उपभोक्ता हमें ऑनलाइन शिकायत भी कर सकते हैं. मैं आपका ध्यान इस बात की ओर भी ले जाना चाहूंगा कि इस वर्ष वर्ल्ड कंज्यूमर राइट्स डे भी दिसंबर 2024 में मनाया जा रहा है, जिसकी थीम है 'फेयर एंड रिस्पांसिबल एआई'. एआई का दुरुपयोग बढ़ता जा रहा है और यह बहुत ही चिंता का विषय है.

बीमा लोकपाल के पास शिकायत करने की प्रक्रिया

  • ऐसा कोई व्यक्ति, जिसकी बीमाकर्ता अथवा बीमा दलाल के खिलाफ कोई शिकायत है, वह स्वयं या अपने कानूनी वारिस अथवा नामित व्यक्तियों के माध्यम से बीमा लोकपाल की शाखा या कार्यालय पर लिखित में शिकायत कर सकता है.
  • शिकायत परिवादी द्वारा या उसके विधिक वारिस या नामित द्वारा लिखित रूप में हस्ताक्षरित होगी. इसमें ऐसे परिवादी का नाम और पता बीमाकर्ता की शाखा या कार्यालय का नाम, जिसके विरुद्ध शिकायत की जाती है तथा जिनके कारण शिकायत हुई है, दस्तावेज द्वारा समर्थित और परिवादी को होने वाली हानि की प्रकृति और सीमा के साथ ही बीमा लोकपाल से अपेक्षा का स्पष्ट रूप से उल्लेख होना चाहिए.
  • बीमा लोकपाल को कोई शिकायत तब तक नहीं की जाएगी जब तक कि परिवादी शिकायत में नामित बीमाकर्ता को लिखित आवेदन नहीं करता है या बीमाकर्ता अथवा बीमा दलाल ने शिकायत को अस्वीकार कर दिया हो. परिवादी का आवेदन बीमाकर्ता या बीमा दलाल को प्राप्त होने के पश्चात परिवादी को एक माह की अवधि के भीतर कोई उत्तर नहीं प्राप्त हुआ हो. अथवा परिवादी, बीमाकर्ता द्वारा उसके दिए गए उत्तर से उसे संतुष्ट नहीं है.
  • शिकायत निम्नलिखित परिस्थितियों के एक वर्ष के भीतर नहीं की जाती है. यदि आवेदन को अस्वीकार करने वाला बीमाकर्ता या बीमा दलाल का आदेश के प्राप्त हो जाने के पश्चात अथवा यदि नामित बीमाकर्ता या बीमा दलाल परिवादी द्वारा बीमाकर्ता या बीमा दलाल के लिखित आवेदन भेजने की तारीख से एक माह की अवधि की समाप्ति के पश्चात परिवादी को उत्तर देने में असफल रहता है.
  • बीमा लोकपाल के समक्ष कोई शिकायत उस विषय-वस्तु पर चलाने योग्य नहीं होगी, जिस पर कार्यवाहियां किसी न्यायालय या उपभोक्ता मंच या मध्यस्थ के समक्ष लंबित है या उसके द्वाटा निपटाई जाती हैं.
  • आप अपनी शिकायत ऑनलाइन बीमा लोकपाल की वेबसाइट www.cioins.co.in पर भी दर्ज करवा सकते हैं.

ये भी पढ़ेंः उपभोक्ताओं के क्या हैं अधिकार? कहां और कैसे पा सकते हैं न्याय, एक क्लिक में जानिए

लखनऊ: देश में बीमा से जुड़ी शिकायतें और उनके निस्तारण की समस्या दिनों दिन बढ़ती जा रही हैं. अधिकांश लोग किसी न किसी प्रकार से बीमित होते हैं. जो लोग खुद बीमित नहीं हैं, उन्होंने वाहनों, सेहत या अपने प्रतिष्ठानों या आवास आदि का बीमा करा रखा है.

लेकिन, लोगों को अक्सर यह नहीं मालूम होता है कि बीमा कंपनी द्वारा किसी प्रकार की धोखाधड़ी अथवा गलत तरीके से क्लेम रिजेक्ट कर देना या किसी अन्य विवाद से कैसे निपटा जाए. राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस के मौके पर हमने यही जानने के लिए बात की यूपी के बीमा लोकपाल अतुल सहाय से. पढ़िए, प्रमुख अंश...

बीमा से जुड़ी समस्याओं के समाधान की प्रक्रिया के बारे में बताते बीमा लोकपाल अतुल सहाय. (Video Credit; ETV Bharat)

प्रश्न : बीमा लोकपाल क्या और किस तरह से ये काम करता है?

उत्तर : 38 साल पहले आज ही के दिन 1986 में कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट बना था. इसी के तहत सरकार की नीति रही कि उपभोक्ता को अपने अधिकार मालूम हों और उनमें जागरूकता भी बढ़े. इसी के तहत बीमा लोकपाल या बैंकिंग लोकपाल नाम की संस्था भी बनाई गई है. यहां पर उपभोक्ताओं की जो भी शिकायतें होती हैं, उनका तत्काल ही निस्तारण किया जाता है. इसमें उपभोक्ता से किसी भी प्रकार की फीस नहीं ली जाती है. सरकार की नीति बहुत अच्छी है, लेकिन अभी लोगों में पर्याप्त जागरूकता का अभाव है. देश में 17 बीमा लोकपाल हैं. हर जगह ढेरों शिकायतें आती हैं. हमारे यहां भी लगभग साढ़े तीन हजार शिकायतें आती हैं, जिनका हम निस्तारण करते हैं.

प्रश्न : नाम से जाहिर है 'बीमा लोकपाल', मतलब यहां सिर्फ इंश्योरेंस से जुड़े प्रकरण ही निपटाए जाते हैं?

उत्तर : जी हां, यहां बीमा आधारित मामले ही देखे जाते हैं. चाहे वह पब्लिक से संबंधित हों या प्राइवेट सेक्टर. कुल मिलाकर 60 कंपनियां हैं. यदि इन कंपनियों के उपभोक्ताओं को कोई भी शिकायत है, तो वह हमारे पास आते हैं. चाहे वाहन बीमा हो, हेल्थ हो या अन्य किसी भी प्रकार का बीमा हो, यहां सभी की सुनवाई की जाती है.

प्रश्न: यदि किसी बीमा धारक का दावा गलत तरीके से खारिज हुआ है या उसे कोई और समस्या है, तो उसे क्या करना चाहिए?

उत्तर: यह बहुत आसान है. पीड़ित ने जहां से भी बीमा कराया है, उनको अपनी शिकायत लिखकर देनी चाहिए. यदि 15 दिन के अंदर उनका जवाब आता है या नहीं भी आता है, तो उपभोक्ता शिकायत की कॉपी लेकर हमारे यहां केस कर सकते हैं. जिसके बाद केस की सुनवाई की जाती है और निर्णय दिया जाता है.

प्रश्न: क्या पीड़ित को कोई वकील आदि करना होता है? यहां उसे कैसे सहायता मिलती है?

उत्तर: यहां न तो कोई शुल्क देना होता है और ना ही वकील की जरूरत होती है. यहां कोई ऐसी चीज नहीं है, जिसमें वकील की जरूरत पड़े. यहां त्वरित न्याय की व्यवस्था है. यहां पीड़ित को सिर्फ अपने केस की डिटेल लेकर आना होता है. हमारे कार्यालय के अनुभवी और सक्षम अधिकारी पीड़ित को सहायता प्रदान करते हैं. यहां कुछ विशेषज्ञ भी होते हैं अलग-अलग क्षेत्रों के, जो केस बनाकर लोकपाल के सामने प्रस्तुत करते हैं.

प्रश्न: क्या यहां मामले के निपटारे के लिए कोई समय भी निर्धारित होता है?

उत्तर: वैसे तो यहां अधिकतम 90 दिनों में केस का निपटारा हो जाता है, लेकिन हमें बताते हुए खुशी हो रही है कि लखनऊ लोकपाल कार्यालय की अधिकांश शिकायतों का निस्तारण 15 दिन में हो जाता है.

प्रश्न: आपका लखनऊ में मुख्यालय है. क्या राज्य में कहीं और भी आपकी शाखाएं हैं?

उत्तर: बहुत बड़ा राज्य होने के कारण प्रदेश में दो लोकपाल काम करते हैं. लखनऊ लोकपाल कार्यालय 43 जिलों को देखता है. वहीं नोएडा का बीमा लोकपाल कार्यालय पश्चिमी उत्तर प्रदेश से जुड़े जिले देखता है.

प्रश्न: इस वर्ष आपके पास कुल कितनी शिकायतें आई हैं और कितनी शिकायतों का निस्तारण हो चुका है?

उत्तर: इस वर्ष हमारे पास 36 सौ शिकायतें आई हैं, जिनमें सभी का निस्तारण हो चुका है. कुछ ऐसी शिकायतें होती हैं, जिन पर सुनवाई नहीं की जा सकती. हम उन्हें बताते हैं कि उन्हें आगे क्या करना चाहिए.

प्रश्न: लोगों को उपभोक्ता फोरम के विषय में ज्यादा जानकारी है. इसलिए लोग बीमा लोकपाल के यहां न आकर वहां चले जाते हैं. यहां वह उपभोक्ता अन्य अदालत में जाने के साथ आपके पास भी आ सकता है? किसी भी पीड़ित को कितने दिन के भीतर आपके पास शिकायत कर देनी चाहिए?

उत्तर: यदि किसी पीड़ित का कोई केस अन्य अदालत में विचाराधीन है, तो वह बीमा लोकपाल के पास नहीं आ सकता है. इसके अलावा कोई भी पीड़ित साल भर के भीतर कभी भी अपनी शिकायत लेकर हमारे पास आ सकता है.

प्रश्न: यदि कोई भी पक्ष लोकपाल के फैसले से असंतुष्ट है, तो वह किस न्यायालय में अपील कर सकता है?

उत्तर: बीमा कंपनियों के लिए हमारा फैसला बाध्यकारी है और 99.99 प्रतिशत मामलों में वह कहीं भी कोई अपील नहीं करती हैं. किसी विरले केस में ही बीमा कंपनी चाहे तो हाईकोर्ट में अपील करती है या कर सकती है. हां, उपभोक्ता जब भी चाहे किसी भी अदालत में जा सकते हैं.

प्रश्न: लोगों को जागरूक करने के लिए आप लोग क्या करते हैं?

उत्तर: हम लोगों को जागरूक करने के लिए भी खूब काम करते हैं. हम हर साल 11 नवंबर को बीमा दिवस मनाते हैं. रोडियो से लेकर अन्य सूचना माध्यमों के तहत भी हम प्रचार-प्रसार करते हैं. लोग धीरे-धीरे जागरूक हो रहे हैं. यही कारण है कि इस साल हमारे पास आने वाली शिकायतों की संख्या दोगुनी हो गई है. उपभोक्ता हमें ऑनलाइन शिकायत भी कर सकते हैं. मैं आपका ध्यान इस बात की ओर भी ले जाना चाहूंगा कि इस वर्ष वर्ल्ड कंज्यूमर राइट्स डे भी दिसंबर 2024 में मनाया जा रहा है, जिसकी थीम है 'फेयर एंड रिस्पांसिबल एआई'. एआई का दुरुपयोग बढ़ता जा रहा है और यह बहुत ही चिंता का विषय है.

बीमा लोकपाल के पास शिकायत करने की प्रक्रिया

  • ऐसा कोई व्यक्ति, जिसकी बीमाकर्ता अथवा बीमा दलाल के खिलाफ कोई शिकायत है, वह स्वयं या अपने कानूनी वारिस अथवा नामित व्यक्तियों के माध्यम से बीमा लोकपाल की शाखा या कार्यालय पर लिखित में शिकायत कर सकता है.
  • शिकायत परिवादी द्वारा या उसके विधिक वारिस या नामित द्वारा लिखित रूप में हस्ताक्षरित होगी. इसमें ऐसे परिवादी का नाम और पता बीमाकर्ता की शाखा या कार्यालय का नाम, जिसके विरुद्ध शिकायत की जाती है तथा जिनके कारण शिकायत हुई है, दस्तावेज द्वारा समर्थित और परिवादी को होने वाली हानि की प्रकृति और सीमा के साथ ही बीमा लोकपाल से अपेक्षा का स्पष्ट रूप से उल्लेख होना चाहिए.
  • बीमा लोकपाल को कोई शिकायत तब तक नहीं की जाएगी जब तक कि परिवादी शिकायत में नामित बीमाकर्ता को लिखित आवेदन नहीं करता है या बीमाकर्ता अथवा बीमा दलाल ने शिकायत को अस्वीकार कर दिया हो. परिवादी का आवेदन बीमाकर्ता या बीमा दलाल को प्राप्त होने के पश्चात परिवादी को एक माह की अवधि के भीतर कोई उत्तर नहीं प्राप्त हुआ हो. अथवा परिवादी, बीमाकर्ता द्वारा उसके दिए गए उत्तर से उसे संतुष्ट नहीं है.
  • शिकायत निम्नलिखित परिस्थितियों के एक वर्ष के भीतर नहीं की जाती है. यदि आवेदन को अस्वीकार करने वाला बीमाकर्ता या बीमा दलाल का आदेश के प्राप्त हो जाने के पश्चात अथवा यदि नामित बीमाकर्ता या बीमा दलाल परिवादी द्वारा बीमाकर्ता या बीमा दलाल के लिखित आवेदन भेजने की तारीख से एक माह की अवधि की समाप्ति के पश्चात परिवादी को उत्तर देने में असफल रहता है.
  • बीमा लोकपाल के समक्ष कोई शिकायत उस विषय-वस्तु पर चलाने योग्य नहीं होगी, जिस पर कार्यवाहियां किसी न्यायालय या उपभोक्ता मंच या मध्यस्थ के समक्ष लंबित है या उसके द्वाटा निपटाई जाती हैं.
  • आप अपनी शिकायत ऑनलाइन बीमा लोकपाल की वेबसाइट www.cioins.co.in पर भी दर्ज करवा सकते हैं.

ये भी पढ़ेंः उपभोक्ताओं के क्या हैं अधिकार? कहां और कैसे पा सकते हैं न्याय, एक क्लिक में जानिए

Last Updated : Dec 24, 2024, 4:27 PM IST
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