नर्मदापुरम। मध्यप्रदेश के नर्मदापुरम जिले के ग्राम जासलपुर की महिलाओं ने नर्मदा जी को प्रदूषण से मुक्त करने का बीड़ा उठाया है. ग्रामीण महिलाओं के इस कदम से नर्मदा नदी तो स्वच्छ हो ही रही है और कई महिलाओं को रोजगार भी मिल रहा है. दरअसल ये ग्रामीण महिलाएं पूजा पाठ के बाद मां नर्मदा में विसर्जित किए गए फूल-मालाओं को निकालकर अगरबत्ती व धूपबत्ती का निर्माण करती हैं.
विसर्जित फूलों से बनाती हैं अगरबत्ती
समूह की महिला सुनीता कटारे बताती हैं कि ''नर्मदा नदी को साफ करने के लिए कलेक्टर व आईजी मैडम ने मार्गदर्शन दिया था कि नर्मदा के फूलों की अगरबत्तियां बना सकते हैं. आपको रोजगार भी मिलेगा साथ ही नर्मदा में जो गंदगी हो रही है, उसकी साफ सफाई भी होगी. तभी से हम प्रेरणा लेकर नर्मदा नदी में चढ़ाए हुए फूल निकालकर लाते हैं. इससे नर्मदा जी भी सुरक्षित रहती हैं और हमें इसके साथ में रोजगार भी मिलता है.'' उन्होंने बताया कि ''हम अगरबत्ती बना रहे हैं, धूप बत्ती बना रहे हैं, नर्मदा जी में जो फूल अर्पित होते हैं उन्हें निकालकर उसी से यह सब बनाते हैं. हमार ग्रुप में 10 महिलाएं हैं, इतना ही नहीं और भी साथ में कई महिलाएं जुड़ती चली जा रही हैं. ट्रेनिंग लेकर यह काम को कर रही हैं. इन महिलाओं के समूह का नाम सरस्वती स्वंय सहायता समूह है. इन्हें आजीविका उद्यम विकास कार्यक्रम के तहत नाबार्ड (National Bank for Agriculture and Rural Development) से वित्तीय सहयोग भी प्राप्त है.
हो रही है अच्छी इनकम
वहीं, समूह की महिला संगाती कटारे ने बताया कि ''पहले हम कुछ भी नहीं करते थे तो थोड़े भी पैसे नहीं हुआ करते थे, लेकिन अब अगरबत्तियां बनाकर पैसे मिल रहे हैं. साथ ही हमारी आय भी बढ़ी है और नर्मदा नदी भी सुरक्षित रहती है.'' ग्राम जासलपुर की निवासी संगीता बताती हैं कि ''हम लोग यहां मिलकर फूलों से धूपबत्ती और फूल बत्ती का निर्माण करते हैं. इससे अच्छी इनकम हो जाती है. इसी वजह से घर की स्थिति भी हमारी सुधरी है. पहले हम मजदूरी कर लेते थे, अब मजदूरी नहीं करते और घर में ही इस प्रकार का काम कर रहे हैं और घर वालों का नजरिया भी हमारे प्रति बदला है. हमें अब बाहर काम करने के लिए नहीं जाना पड़ता है.''
पर्यावरण हो रहा साफ सुथरा
समूह की तीसरी महिला सीमा कटारे ने बताया कि ''नर्मदा जी से फूल निकालने के बाद हम इन्हें ड्रायर में सुखाते हैं फिर उसे मशीन में पीसकर उसकी तीन प्रकार की अगरबत्तियों का निर्माण करते हैं. अब इस रोजगार से 200 से 300 रुपये रोज का कमा लेते हैं. इसी के साथ हम पर्यावरण को साफ सुथरा रख रहे हैं.''