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नशे के कारोबार पर झारखंड पुलिस करेगी चौतरफा हमला, पांच जिलों में खुलेगा नारकोटिक्स थाना - Narcotics police station

Illegal drug trade in Jharkhand. झारखंड पुलिस नशे के अवैध कारोबार को पूरी तरह से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है. पुलिस के द्वारा नए-नए कदम उठाकर यह प्रयास किया जा रहा है. इसी क्रम में अब राज्य के पांच जिलों में नारकोटिक्स थाना खोला जाएगा. जिससे नशे के सौदागरों पर नकेल कसने में आसानी होगी.

Narcotics police station will be opened in five districts to curb illegal drug trade in Jharkhand
Narcotics police station will be opened in five districts to curb illegal drug trade in Jharkhand
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Apr 7, 2024, 1:59 PM IST

Updated : Apr 7, 2024, 2:10 PM IST

जानकारी देते सीआईडी डीजी अनुराग गुप्ता

रांचीः झारखंड में बड़े पैमाने पर अफीम की फसल उगाई जाती है. इस वजह से झारखंड ड्रग्स के कारोबार का एक प्रमुख क्षेत्र बनता जा रहा है. ऐसे में नशे के सौदागरों पर नकेल कसने के लिए अब झारखंड के 5 जिलों में नारकोटिक्स थाना खोलने की कवायद शुरू कर दी गई है.

चतरा सहित पांच जिलों में खुलेंगे थाने

झारखंड सीआईडी के डीजी अनुराग गुप्ता ने बताया कि नशे के सौदरागरों का प्रभाव लगातार बढ़ रहा है. खासकर झारखंड का चतरा जिला तो ड्रग्स कारोबार का हब बन गया है. ऐसे में झारखंड के चतरा, हजारीबाग, खूंटी, रांची और जमशेदपुर में नारकोटिक्स थाने खोले जाएंगे. सीआईडी मुख्यालय के द्वारा इसकी तैयारी भी शुरू कर दी गई है. इसी साल झारखंड के 5 जिलों में नारकोटिक्स थाने अपना काम करना शुरू कर देंगे.

स्पेशल अफसरों की जरूरत

सीआईडी डीजी अनुराग गुप्ता ने बताया कि सीआईडी मुख्यालय के द्वारा सभी संबंधित जिलों के आईजी और डीआईजी को निर्देश दिया गया है कि वह अपने-अपने जिलों के एसपी को निर्देश दे कि वे नारकोटिक्स थाना खोलने के संबंध में प्रस्ताव तैयार कर भेजें ,ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके. सीआईडी के अधिकारियों के अनुसार झारखंड के पांच जिलों में सबसे अधिक ड्रग्स का कारोबार होता है. इस कारण इन जिलों के विभिन्न थानों में सबसे अधिक एनडीपीएस अधिनियम के केस दर्ज होते हैं. एनडीपीएस अधिनियम में दर्ज केस में जब्त नशा के समान के साथ-साथ इसकी जांच बेहद अहम होती है, इसलिए ऐसे मामलों के अनुसंधान के लिए स्पेशलाइज्ड पुलिस अफसरों की जरूरत होती है.

ट्रेंड अफसर होंगे तैनात

झारखंड में फिलहाल नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो का जोनल ऑफिस कार्य कर रहा है, जो सीधे एमएचए को रिपोर्ट करता है. अगर झारखंड में भी पांच नारकोटिक्स थाने खुल जाते हैं तो नशे के सौदागरों के खिलाफ कार्रवाई का ग्राफ भी बढ़ेगा साथ ही साथ उनको सजा दिलवाने के ग्राफ में भी इजाफा होगा. सीआईडी डीजी अनुराग गुप्ता ने बताया कि नारकोटिक्स थाने में योगदान देने वाले अफसरों को विशेष रूप से ट्रेंड किया जाएगा. उन्हें एनडीपीएस एक्ट की सारी जानकारियां उपलब्ध करवाई जाएगी. साथ ही साथ ड्रग्स को चेक करने, उसकी जांच के लिए और यह साबित करने के लिए कि जब्त नशे का सामान ब्राउन शुगर है या चरस या फिर कोई अन्य समान उसके लिए भी सभी किट उपलब्ध करवाया जाएगा.

ये भी पढ़ेंः

नशे के कारोबारियों पर जोरदार प्रहार, एक सप्ताह में जब्त हुए 3 करोड़ 60 लाख रुपए से अधिक के मादक पदार्थ

चतरा में भारी मात्रा में अफीम और ब्राउन शुगर के साथ तस्कर गिरफ्तार, 91 हजार रुपए से अधिक कैश भी बरामद

पुलिस से बचने के लिए कार से बेचा जा रहा था ब्राउन शुगर, कार्रवाई में तीन गिरफ्तार

जानकारी देते सीआईडी डीजी अनुराग गुप्ता

रांचीः झारखंड में बड़े पैमाने पर अफीम की फसल उगाई जाती है. इस वजह से झारखंड ड्रग्स के कारोबार का एक प्रमुख क्षेत्र बनता जा रहा है. ऐसे में नशे के सौदागरों पर नकेल कसने के लिए अब झारखंड के 5 जिलों में नारकोटिक्स थाना खोलने की कवायद शुरू कर दी गई है.

चतरा सहित पांच जिलों में खुलेंगे थाने

झारखंड सीआईडी के डीजी अनुराग गुप्ता ने बताया कि नशे के सौदरागरों का प्रभाव लगातार बढ़ रहा है. खासकर झारखंड का चतरा जिला तो ड्रग्स कारोबार का हब बन गया है. ऐसे में झारखंड के चतरा, हजारीबाग, खूंटी, रांची और जमशेदपुर में नारकोटिक्स थाने खोले जाएंगे. सीआईडी मुख्यालय के द्वारा इसकी तैयारी भी शुरू कर दी गई है. इसी साल झारखंड के 5 जिलों में नारकोटिक्स थाने अपना काम करना शुरू कर देंगे.

स्पेशल अफसरों की जरूरत

सीआईडी डीजी अनुराग गुप्ता ने बताया कि सीआईडी मुख्यालय के द्वारा सभी संबंधित जिलों के आईजी और डीआईजी को निर्देश दिया गया है कि वह अपने-अपने जिलों के एसपी को निर्देश दे कि वे नारकोटिक्स थाना खोलने के संबंध में प्रस्ताव तैयार कर भेजें ,ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके. सीआईडी के अधिकारियों के अनुसार झारखंड के पांच जिलों में सबसे अधिक ड्रग्स का कारोबार होता है. इस कारण इन जिलों के विभिन्न थानों में सबसे अधिक एनडीपीएस अधिनियम के केस दर्ज होते हैं. एनडीपीएस अधिनियम में दर्ज केस में जब्त नशा के समान के साथ-साथ इसकी जांच बेहद अहम होती है, इसलिए ऐसे मामलों के अनुसंधान के लिए स्पेशलाइज्ड पुलिस अफसरों की जरूरत होती है.

ट्रेंड अफसर होंगे तैनात

झारखंड में फिलहाल नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो का जोनल ऑफिस कार्य कर रहा है, जो सीधे एमएचए को रिपोर्ट करता है. अगर झारखंड में भी पांच नारकोटिक्स थाने खुल जाते हैं तो नशे के सौदागरों के खिलाफ कार्रवाई का ग्राफ भी बढ़ेगा साथ ही साथ उनको सजा दिलवाने के ग्राफ में भी इजाफा होगा. सीआईडी डीजी अनुराग गुप्ता ने बताया कि नारकोटिक्स थाने में योगदान देने वाले अफसरों को विशेष रूप से ट्रेंड किया जाएगा. उन्हें एनडीपीएस एक्ट की सारी जानकारियां उपलब्ध करवाई जाएगी. साथ ही साथ ड्रग्स को चेक करने, उसकी जांच के लिए और यह साबित करने के लिए कि जब्त नशे का सामान ब्राउन शुगर है या चरस या फिर कोई अन्य समान उसके लिए भी सभी किट उपलब्ध करवाया जाएगा.

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पुलिस से बचने के लिए कार से बेचा जा रहा था ब्राउन शुगर, कार्रवाई में तीन गिरफ्तार

Last Updated : Apr 7, 2024, 2:10 PM IST
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