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Narak Chaturdashi: आज है नरक चतुर्दशी, जानें कब और किस दिशा में जलाएं यम दीपक? - NARAKA CHATURDASHI 2024

Narak Chaturdashi 2024: दिवाली से पहले आज मनाई जा रही नरक चतुर्दशी. जानें क्यों मनाई जाती है नरक चतुर्दशी ?

Narak Chaturdashi 2024
नरक चतुर्दशी 2024 (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Oct 26, 2024, 1:11 PM IST

Updated : Oct 30, 2024, 7:25 AM IST

कुल्लू: दीपों का त्योहार दिवाली इस साल 31 अक्टूबर को मनाया जाएगा. उससे पहले 29 अक्टूबर को धनतेरस का त्योहार मनाया गया. दिवाली और धनतेरस के बीच आज, 30 अक्टूबर को यमराज को समर्पित छोटी दिवाली का त्योहार मनाया जाएगा. छोटी दिवाली को नरक चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है.

नरक चतुर्दशी का महत्व

नरक चतुर्दशी आज, 30 अक्टूबर को मनाई जाएगी. आज के दिन लोगों द्वारा अपने घर के बाहर यमराज के नाम से दीपक जलाने की परंपरा है, ताकि उनके परिवार के किसी सदस्य को अकाल मृत्यु का डर न सताए. नरक चतुर्दशी के इस त्योहार को लोग छोटी दिवाली के नाम से भी मनाते हैं. इसके अलावा आज ही के दिन बड़ी दिवाली का भी लोग शुभारंभ करते हैं.

नरक चतुर्दशी का मुहूर्त

आचार्य हरीश शर्मा ने बताया कि नरक चतुर्दशी 30 अक्टूबर को 1 बजकर 16 मिनट से शुरू हो जाएगी. इस तिथि का समापन अगले दिन 31 अक्टूबर को दोपहर 3 बजकर 53 मिनट पर होगा. ये त्योहार भी दिवाली की तरह रात के समय में ही मनाया जाता है. जिस कारण आज रात को ही यम का दीपक जलाना शुभ होगा. दीपक जलाने का मुहूर्त शाम 5 बजकर 30 मिनट से शाम 7 बजकर 20 मिनट तक रहेगा.

कैसे जलाएं यम दीपक ?

आचार्य हरीश शर्मा ने बताया कि नरक चतुर्दशी के दिन सूर्यास्त के बाद प्रदोष काल में यम का दीपक जलाना चाहिए. यम दीपक जलाने का भी शास्त्रों में विशेष प्रावधान है.

  1. यमराज का दीपक जलाने के लिए एक चौमुखी दीपक या कोई सामान्य दीपक लें सकते हैं.
  2. दीपक में जो 4 बत्तियां लगाई जाएंगी, उनका मुख चारों दिशाओं की और ही होना चाहिए.
  3. इस दीपक में सरसों का तेल भरना चाहिए.
  4. दीपक को अपने घर के अंदर और घर के बाहर चारों दिशाओं में घुमाना चाहिए.
  5. दीपक को घर के प्रवेश द्वार के बाहर या किसी बहते पानी के पास रखना चाहिए.

आचार्य का कहना है कि ऐसा करने से लोगों को यमराज द्वारा अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है.

क्यों मनाई जाती है नरक चतुर्दशी ?

आचार्य हरीश कुमार ने बताया कि पौराणिक धार्मिक मान्यता के अनुसार छोटी दिवाली के दिन भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर नामक राक्षस का संहार किया था. इसलिए इसे नरक चतुर्दशी भी कहा जाता है. आज के दिन लोग भगवान कृष्ण की राक्षस पर जीत का जश्न मनाते हैं और घरों की साफ-सफाई करते हैं. इस दिन बुराई के अंधेरे को दूर करने और सकारात्मकता का स्वागत करने के लिए भी दीपक जलाए जाते हैं.

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ये भी पढ़ें: मां लक्ष्मी की पूजा करते समय इन बातों का रखें विशेष ध्यान, दिवाली पर घर आएगी सुख समृद्धि!

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कुल्लू: दीपों का त्योहार दिवाली इस साल 31 अक्टूबर को मनाया जाएगा. उससे पहले 29 अक्टूबर को धनतेरस का त्योहार मनाया गया. दिवाली और धनतेरस के बीच आज, 30 अक्टूबर को यमराज को समर्पित छोटी दिवाली का त्योहार मनाया जाएगा. छोटी दिवाली को नरक चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है.

नरक चतुर्दशी का महत्व

नरक चतुर्दशी आज, 30 अक्टूबर को मनाई जाएगी. आज के दिन लोगों द्वारा अपने घर के बाहर यमराज के नाम से दीपक जलाने की परंपरा है, ताकि उनके परिवार के किसी सदस्य को अकाल मृत्यु का डर न सताए. नरक चतुर्दशी के इस त्योहार को लोग छोटी दिवाली के नाम से भी मनाते हैं. इसके अलावा आज ही के दिन बड़ी दिवाली का भी लोग शुभारंभ करते हैं.

नरक चतुर्दशी का मुहूर्त

आचार्य हरीश शर्मा ने बताया कि नरक चतुर्दशी 30 अक्टूबर को 1 बजकर 16 मिनट से शुरू हो जाएगी. इस तिथि का समापन अगले दिन 31 अक्टूबर को दोपहर 3 बजकर 53 मिनट पर होगा. ये त्योहार भी दिवाली की तरह रात के समय में ही मनाया जाता है. जिस कारण आज रात को ही यम का दीपक जलाना शुभ होगा. दीपक जलाने का मुहूर्त शाम 5 बजकर 30 मिनट से शाम 7 बजकर 20 मिनट तक रहेगा.

कैसे जलाएं यम दीपक ?

आचार्य हरीश शर्मा ने बताया कि नरक चतुर्दशी के दिन सूर्यास्त के बाद प्रदोष काल में यम का दीपक जलाना चाहिए. यम दीपक जलाने का भी शास्त्रों में विशेष प्रावधान है.

  1. यमराज का दीपक जलाने के लिए एक चौमुखी दीपक या कोई सामान्य दीपक लें सकते हैं.
  2. दीपक में जो 4 बत्तियां लगाई जाएंगी, उनका मुख चारों दिशाओं की और ही होना चाहिए.
  3. इस दीपक में सरसों का तेल भरना चाहिए.
  4. दीपक को अपने घर के अंदर और घर के बाहर चारों दिशाओं में घुमाना चाहिए.
  5. दीपक को घर के प्रवेश द्वार के बाहर या किसी बहते पानी के पास रखना चाहिए.

आचार्य का कहना है कि ऐसा करने से लोगों को यमराज द्वारा अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है.

क्यों मनाई जाती है नरक चतुर्दशी ?

आचार्य हरीश कुमार ने बताया कि पौराणिक धार्मिक मान्यता के अनुसार छोटी दिवाली के दिन भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर नामक राक्षस का संहार किया था. इसलिए इसे नरक चतुर्दशी भी कहा जाता है. आज के दिन लोग भगवान कृष्ण की राक्षस पर जीत का जश्न मनाते हैं और घरों की साफ-सफाई करते हैं. इस दिन बुराई के अंधेरे को दूर करने और सकारात्मकता का स्वागत करने के लिए भी दीपक जलाए जाते हैं.

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Last Updated : Oct 30, 2024, 7:25 AM IST
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