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नंदीशालाओं का निजी हाथों में होगा संचालन, निर्माण के लिए सरकार देगी 1.57 करोड़ का अनुदान - Nandishala - NANDISHALA

कुचामनसिटी में जल्दी ही नन्दीशाला खोली जाएंगी. जिले में खुलने वाली इन नन्दीशालाओं का संचालन निजी हाथों में होगा. नन्दीशाला निर्माण के लिए सरकार की ओर करीब 1. 57 करोड़ रुपए भी अनुदान मिलेगा.

नंदीशालाओं का संचालन
नंदीशालाओं का संचालन (फोटो ईटीवी भारत कुचामनसिटी)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 23, 2024, 11:47 AM IST

कुचामनसिटी. मुख्यमंत्री बजट घोषणा की क्रियान्विति के सम्बन्ध में डीडवाना कुचामन जिले के सभी पंचायत समिति क्षेत्रों में शीघ्र नन्दीशालाएं खोली जाएंगी. इसके लिए पशुपालन विभाग ने कार्ययोजना बनानी भी शुरु कर दी है.

पशुपालन विभाग के उपनिदेशक कुचामनसिटी डॉ. ओमप्रकाश बुनकर ने बताया कि कृषि कार्य में मशीनीकरण के कारण नर गौवंश का उपयोग नहीं के बराबर होने लगा है. इसी प्रकार पशुपालको द्वारा नंदी गौवंश को बेसहारा स्थिति में सड़कों पर छोड़ दिया जाता है. इस वस्तुस्थिति को देखते हुये मुख्यमंत्री द्वारा परिवर्तित बजट घोषणा में आवारा निराश्रित गोवंश की समस्या के निदान के लिए प्रत्येक पंचायत समिति स्तर पर नन्दीशाला खोलने की घोषणा की गई थी. इसी क्रम में पशुपालन विभाग कुचामन सिटी के क्षेत्राधिकार कुचामन सिटी, मौलासर, लाडनूं, नावां, मकराना में नन्दीशालाएं स्थापित की जाएगी.

पढ़ें: अंतरराष्ट्रीय पुष्कर पशु मेला 2 से 17 नवंबर तक, पशुपालन विभाग और पर्यटन विभाग जुटा तैयारी में - Pushkar Mela 2024

ये है उद्देश्य : उपनिदेशक के अनुसार आवारा गोवंश के कारण आम सड़कों, हाइवे एवं मुख्य मार्गों पर होने वाली दुर्घटनाओं में कमी लाना, मानवीय दुर्घटनाओं को रोकना, असहाय गौवंश की तस्करी से बचाकर आश्रय देना, खेतो में फसलों को होने वाले नुकसान में कमी लाना, अनियंत्रित प्रजनन को रोकना योजना का मुख्य उद्देश्य है.

यह है पात्रता : सरकारी संस्था, धार्मिक ट्रस्ट, भामाशाह, दानदाता, गौशाला संचालक नन्दीशाला का संचालन कर सकते हैं. प्रत्येक पंचायत समिति स्तर पर न्यूनतम 250 नर गौवंश के लिए नन्दीशाला संचालन किया जाएगा. नन्दीशाला के लिये कम से कम 10 बीघा भूमि संस्था के स्वामित्व की होनी आवश्यक है. नन्दीशाला संचालन समिति/संस्था के पास गोशाला संचालन एवं अन्य समान तथा प्रकृति के कार्यों का न्यूनतम 3 वर्ष का अनुभव होना आवश्यक है. योजना में गोपालन विभाग द्वारा नन्दीशाला के निर्माण के लिए 1.57 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे. चयनित संस्था का 10 प्रतिशत अंशदान संस्था द्वारा वहन किया जाएगा. नन्दीशाला को निधि नियमानुसार अनुदान देय है.

यहां खुल सकेंगी नन्दीशालाएं : उपनिदेशक के अनुसार नन्दीशाला स्थापना के लिए इच्छुक राजकीय संस्था, भामाशाह, दानदाता एवं गौशाला संचालक उपनिदेशक पशुपालन विभाग कुचामन सिटी कार्यालय में सम्पर्क कर सकते हैं. दिनांक 23 सितम्बर तक को सांय 4 बजे तक व्यक्तिशः मिलकर सम्बन्धित एजेन्सी योजना की सम्पूर्ण प्राप्त कर सकते हैं.

कुचामनसिटी. मुख्यमंत्री बजट घोषणा की क्रियान्विति के सम्बन्ध में डीडवाना कुचामन जिले के सभी पंचायत समिति क्षेत्रों में शीघ्र नन्दीशालाएं खोली जाएंगी. इसके लिए पशुपालन विभाग ने कार्ययोजना बनानी भी शुरु कर दी है.

पशुपालन विभाग के उपनिदेशक कुचामनसिटी डॉ. ओमप्रकाश बुनकर ने बताया कि कृषि कार्य में मशीनीकरण के कारण नर गौवंश का उपयोग नहीं के बराबर होने लगा है. इसी प्रकार पशुपालको द्वारा नंदी गौवंश को बेसहारा स्थिति में सड़कों पर छोड़ दिया जाता है. इस वस्तुस्थिति को देखते हुये मुख्यमंत्री द्वारा परिवर्तित बजट घोषणा में आवारा निराश्रित गोवंश की समस्या के निदान के लिए प्रत्येक पंचायत समिति स्तर पर नन्दीशाला खोलने की घोषणा की गई थी. इसी क्रम में पशुपालन विभाग कुचामन सिटी के क्षेत्राधिकार कुचामन सिटी, मौलासर, लाडनूं, नावां, मकराना में नन्दीशालाएं स्थापित की जाएगी.

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ये है उद्देश्य : उपनिदेशक के अनुसार आवारा गोवंश के कारण आम सड़कों, हाइवे एवं मुख्य मार्गों पर होने वाली दुर्घटनाओं में कमी लाना, मानवीय दुर्घटनाओं को रोकना, असहाय गौवंश की तस्करी से बचाकर आश्रय देना, खेतो में फसलों को होने वाले नुकसान में कमी लाना, अनियंत्रित प्रजनन को रोकना योजना का मुख्य उद्देश्य है.

यह है पात्रता : सरकारी संस्था, धार्मिक ट्रस्ट, भामाशाह, दानदाता, गौशाला संचालक नन्दीशाला का संचालन कर सकते हैं. प्रत्येक पंचायत समिति स्तर पर न्यूनतम 250 नर गौवंश के लिए नन्दीशाला संचालन किया जाएगा. नन्दीशाला के लिये कम से कम 10 बीघा भूमि संस्था के स्वामित्व की होनी आवश्यक है. नन्दीशाला संचालन समिति/संस्था के पास गोशाला संचालन एवं अन्य समान तथा प्रकृति के कार्यों का न्यूनतम 3 वर्ष का अनुभव होना आवश्यक है. योजना में गोपालन विभाग द्वारा नन्दीशाला के निर्माण के लिए 1.57 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे. चयनित संस्था का 10 प्रतिशत अंशदान संस्था द्वारा वहन किया जाएगा. नन्दीशाला को निधि नियमानुसार अनुदान देय है.

यहां खुल सकेंगी नन्दीशालाएं : उपनिदेशक के अनुसार नन्दीशाला स्थापना के लिए इच्छुक राजकीय संस्था, भामाशाह, दानदाता एवं गौशाला संचालक उपनिदेशक पशुपालन विभाग कुचामन सिटी कार्यालय में सम्पर्क कर सकते हैं. दिनांक 23 सितम्बर तक को सांय 4 बजे तक व्यक्तिशः मिलकर सम्बन्धित एजेन्सी योजना की सम्पूर्ण प्राप्त कर सकते हैं.

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