लखनऊ: रेलवे बोर्ड ने मंगलवार को लखनऊ डिवीजन के आठ रेलवे स्टेशनों के नाम बदलने पर मुहर लगा दी है. जिन स्टेशनों के नाम बदले गए हैं, उनमें कासिमपुर हाल्ट, जायस, मिसरौली, बानी, निहालगढ़, अकबरगंज, वजीरगंज हाल्ट, फुरसतगंज शामिल हैं. डिप्टी चीफ कमर्शियल मैनेजर हरिमोहन की तरफ से इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया है और इसकी जानकारी उत्तर रेलवे के डीआरएम और सीनियर डीसीएम को भी दे दी गई है.
जायस अब गुरु गोरखनाथ धाम, बाकी के भी नाम बदले: रेलवे बोर्ड की तरफ से जिन स्टेशनों के नाम बदले गए हैं, उनमें अब कासिमपुर हाल्ट का नाम बदलकर जायस सिटी रखा गया है. जायस का नाम बदलकर गुरु गोरखनाथ धाम, मिसरौली का नाम बदलकर मां कालिकन धाम कर दिया गया है.
बानी का नाम बदलकर स्वामी परमहंस, निहालगढ़ का नाम बदलकर महाराजा बिजली पासी, अकबरगंज का नाम बदलकर मां अहोरवा भवानी धाम, वजीरगंज हाल्ट का नाम बदलकर अमर शहीद भाले सुल्तान और फुरसतगंज का नाम बदलकर तपेश्वरनाथ धाम कर दिया गया है.
पिछले साल अक्टूबर माह में और इस साल फरवरी माह में इन स्टेशनों का नाम बदलने को लेकर प्रस्ताव दिया गया था, जिस पर अब मुहर लग गई है. अब इन सभी स्टेशनों को परिवर्तित नाम से जाना जाएगा.
लखनऊ के आलमनगर स्टेशन का नाम बदलने की मांग : रेलवे बोर्ड की तरफ से आठ स्टेशनों के नाम परिवर्तित कर दिए गए हैं, लेकिन अभी तक लखनऊ के आलमनगर रेलवे स्टेशन के नाम बदलने का प्रस्ताव ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है. लगातार केंद्रीय रक्षा मंत्री और लखनऊ से सांसद राजनाथ सिंह से बुद्धेश्वर सेवा समिति की तरफ से आलमनगर स्टेशन का नाम बदलकर श्री बुद्धेश्वर धाम करने की मांग की जा रही है. रेलवे के सूत्र बताते हैं कि जल्द ही लखनऊ के आलमनगर स्टेशन का भी नाम परिवर्तन हो जाएगा.
भाजपा सरकार से आग्रह है कि रेलवे स्टेशनों के सिर्फ़ ‘नाम’ नहीं, हालात भी बदलें।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) August 27, 2024
… और जब नाम बदलने से फ़ुरसत मिल जाएं तो रिकार्ड कायम करते रेल-एक्सीडेंट्स के हादसों के रोकथाम के लिए भी कुछ समय निकालकर विचार करें।
अखिलेश यादव ने कसा तंज: अखिलेश यादव ने इस पर तंज कसते हुए लिखा है कि स्टेशनों के नाम ही नहीं बल्कि प्रदेश के हालात भी बदलने चाहिए. उन्होंने स्टेशनों के नाम बदलने पर बीजेपी सरकार पर जमकर निशाना साधा है. लिखा है- भाजपा सरकार से आग्रह है कि रेलवे स्टेशनों के सिर्फ ‘नाम’ नहीं, हालात भी बदलें... और जब नाम बदलने से फ़ुरसत मिल जाए तो रिकॉर्ड कायम करते रेल-एक्सीडेंट्स की रोकथाम के लिए भी कुछ समय निकालकर विचार करें.