औरंगाबाद: भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी लेनिनवादी के पोलित ब्यूरो सदस्य और पूर्व विधायक कामरेड राजाराम सिंह का नाम वोटर लिस्ट से डिलीट कर दिया गया है. इस बात की जानकारी कामरेड राजाराम सिंह ने दी. उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस बार वो पार्टी की तरफ से राज्यसभा के दावेदार थे, इसलिए भाजपा के लोगों ने उनका नाम हटवा दिया.
राज्यसभा के दावेदार का नाम वोटर लिस्ट से डिलीट: कामरेड राजाराम सिंह ने बताया कि मतदाता सूची में उनका नाम दाउदनगर प्रखंड के मतदान संख्या 159, मध्य विद्यालय एकौनी मतदान केंद्र पर था. वहीं सूची में उनका क्रम संख्या 160 है, जिस पर डिलीटेड प्रिंट किया हुआ है.
भाकपा माले की एक सीट पर दावेदारी: राजाराम सिंह ने बताया कि '15 फरवरी तक राज्यसभा सदस्य के रूप में नामांकन की आखिरी तिथि है. महागठबंधन में भाकपा माले द्वारा वाम मोर्चा की तरफ से 1 सीट की दावेदारी है. पार्टी द्वारा तैयार रहने के लिए कहा गया था. जब इसकी तैयारी में लगे तो देखा कि 24 जनवरी को पुनरीक्षित होकर जो वोटर लिस्ट आया है, उसमें नाम ही डिलीट किया हुआ है.'
वोटर लिस्ट में अन्य कई लोगों का नाम कटा: कामरेड राजाराम सिंह ने बताया कि उनके पास मतदाता पहचान पत्र है. आधार कार्ड है. वो हमेशा चुनाव लड़ते रहे हैं, दो बार विधायक रह चुके हैं. फिर नाम कैसे डिलीट हो सकता है. उन्होंने बताया कि जब उन्होंने अपने गांव के वोटर लिस्ट का निरीक्षण किया तो देखा कि कई नौजवानों, महिलाओं व अन्य मतदाताओं का नाम नहीं है, जो जीवित हैं और मतदान कर रहे हैं.
भाजपा पर लगा आरोप: उन्होंने इसको लेकर भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा के राज में षड्यंत्र चल रहा है. विपक्ष के वोटर और समर्थकों के नाम को हटाया जा रहा है. यहां तक कि जो विपक्ष के संभावित उम्मीदवार किसी भी चुनाव में हो सकते हैं, उनके नाम तक को हटा दिया जा रहा है.
चुनाव आयोग से जांच और सुधार की मांग: राजाराम सिंह ने जिला निर्वाचन पदाधिकारी से इसकी गंभीरता पूर्वक जांच करने की मांग की है. इसके साथ ही उन्होंने चुनाव आयोग से जल्द से जल्द ऐसी गड़बड़ी को ठीक करने और जरूरत पड़ने पर मतदाता सूची पुनरीक्षण के लिए फिर से तिथि निर्धारित करने की मांग की है.
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