नैनीताल: देहरादून जिले के आसन बैराज से निकलने वाली नहरों के ऊपर बने कई पुलों पर भारी वाहन चलाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र और वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ में हुई. आज पूर्व के आदेश पर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी और सचिव लोक निर्माण विभाग वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश हुईं. कोर्ट ने उनसे कल तक जीर्ण-शीर्ण पुलों की मरम्मत कराने के लिए सरकार के साथ बैठक कर रिपोर्ट पेश करने को कहा है. मामले में कल भी सुनवाई होगी.
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने रखा राज्य सरकार का पक्ष: मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की ओर से अवगत कराया गया कि कोर्ट के आदेश पर सभी पुलों की जांच कर ली गई है. इन पुलों पर वाहनों की आवाजाही पर पूरी तरह से रोक लगाई गई है. साथ ही मुख्य सचिव ने सरकार का पक्ष रखते हुए कोर्ट से प्रार्थना कि है कि हल्के वाहनों को चलने की अनुमति दी जाए. पुलों पर आवाजाही पर रोक लगने के कारण लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन मामले पर कोर्ट ने अभी कोई राहत नहीं दी.
दरअसल, देहरादून के सामाजिक कार्यकर्ता रघुनाथ सिंह नेगी ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है. जिसमें उन्होंने कहा है कि देहरादून के आसन बैराज से निकलने वाली नहरों के ऊपर साल 1965 में उत्तर प्रदेश सरकार ने आवाजाही के लिए कई पुलों का निर्माण किया गया था. जिनकी भार क्षमता भी नियत की गई थी, लेकिन राज्य सरकार की ओर से खनन की अनुमति देने के बाद इन पुलों में भारी वाहन चलने लगे.
याचिकाकर्ता का कहना है कि पुलों की भार वहन करने की क्षमता कम होने के कारण कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. इसलिए पुलों के ऊपर भारी वाहन और ट्रैफिक पर रोक लगाई जाए. साथ ही इन पुलों की मरम्मत की जाए. इनका सर्वे जांच एजेंसियों ने भी किया, उसमें भी भारी वाहनों के संचालन की अनुमति नहीं दी गई. वैसे भी इन पुलों की भार वहन करने की समय सीमा समाप्त हो चुकी है.
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