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हल्द्वानी और खटीमा में गौशाला निर्माण के लिए धन आवंटन मामले पर सुनवाई, HC ने दिए ये निर्देश - Cowshed in Khatima

Cowshed Construction Funds in Haldwani And Khatima नैनीताल हाईकोर्ट में हल्दूचौड़ और खटीमा में गौशाला निर्माण के लिए धन आवंटन मामले पर सुनवाई हुई. कोर्ट ने राज्य सरकार से दो हफ्ते के भीतर स्थिति स्पष्ट करने के आदेश दिए हैं.

Nainital High Court
नैनीताल हाईकोर्ट
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Apr 26, 2024, 9:56 PM IST

नैनीताल: हल्दूचौड़ और खटीमा में गौशाला निर्माण के लिए जल्द धन आवंटन करने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले में मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने अगली सुनवाई के लिए दो हफ्ते बाद की तिथि नियत की है. आज याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट में याचिका को जल्द सुनवाई करने के लिए मेंशन किया.

अधिवक्ता की ओर से कहा गया कि उधमसिंह नगर जिला पंचायत को गौशाला बनाने के लिए एक करोड़ रुपया स्वीकृत हो गया है, लेकिन लोकसभा चुनाव के कारण गौशाला बनाने का काम आगे बढ़ नहीं पाया. ऐसे में गौशाला बनाने के लिए निर्देश दिए जाएं. ताकि, बढ़ती गर्मी में इन अवारा पशुओं को छत मिल सके. जिस पर अब कोर्ट जल्द सुनवाई करेगा.

दरअसल, हल्द्वानी के हल्दूचौड़ स्थित श्री नित्यानंद पाद आश्रम, श्री गौड़ राधा कृष्ण मंदिर समिति की ओर से नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है. जिसमें उन्होंने कहा है कि समिति की ओर से संचालित हल्दूचौड़ और खटीमा स्थित गौशाला में 1500 पशु हैं. जिनके रख रखाव के लिए कोई बाड़े की व्यवस्था नहीं है, जिसके कारण ये पशु गर्मी, बरसात और जाड़े के मौसम का शिकार हो रहे हैं. ऐसे में इन पशुओं को बचाने के लिए बाड़े बनाए जाने की जरूरत है.

वहीं, याचिका में कहा गया है कि सरकार की ओर से ग्रामीण क्षेत्रों में निराश्रित गौवंश के संरक्षण के गौशाला और गौ सदनों के निर्माण व विस्तारीकरण के लिए 4 जनवरी 2024 को धन आवंटित करने का निर्णय लिया गया. इस संबंध में 13 मार्च 2024 को निदेशक पंचायती राज की ओर से विभिन्न जिलों में स्थित गौशाला के लिए 10 करोड़ रुपए के आवंटन का जिक्र किया गया. जिसके तहत खटीमा गौशाला के लिए 79.15 लाख रुपए और हल्दूचौड़ गौशाला के लिए 45.35 लाख रुपए की राशि संबंधित जिला पंचायतों को अवन्मुक्त किए जाने का उल्लेख किया गया है.

याचिका में कहा गया है कि धन अभाव के कारण गौशाला में रखे गए गौवंश को कड़क धूप से बचाने के लिए छत युक्त बाड़े का निर्माण नहीं हो पा रहा है. यदि तत्काल प्रभाव से उपरोक्त राशि का इस्तेमाल नहीं किया और गौशाला में छत युक्त पर्याप्त बाड़ों का निर्माण नहीं किया गया तो करीब डेढ़ हजार गौवंश के जान का खतरा पैदा हो सकता है.

इसके अलावा याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की गई है कि दोनों गौशालाओं के लिए स्वीकृत धनराशि को जल्द अवमुक्त कराया जाए. ताकि, इन बेजुबानों को भीषण गर्मी, बारिश और ठंड के समय छत मिल सके. जिस पर कोर्ट ने राज्य सरकार से दो हफ्ते के भीतर स्थिति स्पष्ट करने को कहा है. वहीं, याचिकाकर्ता ने याचिका में पंचायती राज सचिव, नैनीताल डीएम, उधमसिंह नगर डीएम, नैनीताल जिला पंचायत नैनीताल, उधमसिंह नगर जिला पंचायत समेत उत्तराखंड पशु कल्याण बोर्ड को पक्षकार बनाया है.

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अधिवक्ता की ओर से कहा गया कि उधमसिंह नगर जिला पंचायत को गौशाला बनाने के लिए एक करोड़ रुपया स्वीकृत हो गया है, लेकिन लोकसभा चुनाव के कारण गौशाला बनाने का काम आगे बढ़ नहीं पाया. ऐसे में गौशाला बनाने के लिए निर्देश दिए जाएं. ताकि, बढ़ती गर्मी में इन अवारा पशुओं को छत मिल सके. जिस पर अब कोर्ट जल्द सुनवाई करेगा.

दरअसल, हल्द्वानी के हल्दूचौड़ स्थित श्री नित्यानंद पाद आश्रम, श्री गौड़ राधा कृष्ण मंदिर समिति की ओर से नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है. जिसमें उन्होंने कहा है कि समिति की ओर से संचालित हल्दूचौड़ और खटीमा स्थित गौशाला में 1500 पशु हैं. जिनके रख रखाव के लिए कोई बाड़े की व्यवस्था नहीं है, जिसके कारण ये पशु गर्मी, बरसात और जाड़े के मौसम का शिकार हो रहे हैं. ऐसे में इन पशुओं को बचाने के लिए बाड़े बनाए जाने की जरूरत है.

वहीं, याचिका में कहा गया है कि सरकार की ओर से ग्रामीण क्षेत्रों में निराश्रित गौवंश के संरक्षण के गौशाला और गौ सदनों के निर्माण व विस्तारीकरण के लिए 4 जनवरी 2024 को धन आवंटित करने का निर्णय लिया गया. इस संबंध में 13 मार्च 2024 को निदेशक पंचायती राज की ओर से विभिन्न जिलों में स्थित गौशाला के लिए 10 करोड़ रुपए के आवंटन का जिक्र किया गया. जिसके तहत खटीमा गौशाला के लिए 79.15 लाख रुपए और हल्दूचौड़ गौशाला के लिए 45.35 लाख रुपए की राशि संबंधित जिला पंचायतों को अवन्मुक्त किए जाने का उल्लेख किया गया है.

याचिका में कहा गया है कि धन अभाव के कारण गौशाला में रखे गए गौवंश को कड़क धूप से बचाने के लिए छत युक्त बाड़े का निर्माण नहीं हो पा रहा है. यदि तत्काल प्रभाव से उपरोक्त राशि का इस्तेमाल नहीं किया और गौशाला में छत युक्त पर्याप्त बाड़ों का निर्माण नहीं किया गया तो करीब डेढ़ हजार गौवंश के जान का खतरा पैदा हो सकता है.

इसके अलावा याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की गई है कि दोनों गौशालाओं के लिए स्वीकृत धनराशि को जल्द अवमुक्त कराया जाए. ताकि, इन बेजुबानों को भीषण गर्मी, बारिश और ठंड के समय छत मिल सके. जिस पर कोर्ट ने राज्य सरकार से दो हफ्ते के भीतर स्थिति स्पष्ट करने को कहा है. वहीं, याचिकाकर्ता ने याचिका में पंचायती राज सचिव, नैनीताल डीएम, उधमसिंह नगर डीएम, नैनीताल जिला पंचायत नैनीताल, उधमसिंह नगर जिला पंचायत समेत उत्तराखंड पशु कल्याण बोर्ड को पक्षकार बनाया है.

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