जयपुर : राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने अब बिना नाम लिए कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि खाली तेजल सुपर डुपर गाने पर गमछा हिलाकर नाचने वाले नेता कोई आपकी मदद कर सकते हैं. हाथ में गमछा हिलाकर नाचने से क्या हो जाएगा? लड़ाई लड़नी पड़ती है. अभी बीकानेर में जब शहीद का मामला हुआ. तब कौन गया, बताओ. बेनीवाल ने कहा कि सेना का हम सम्मान करते हैं, लेकिन सेना को यह अधिकार नहीं कि हमारे किसी सैनिक की शहादत पर पर्दा डालकर बॉडी लाकर रख दें कि जाओ अंत्येष्टि कर दो. ऐसे नहीं चलेगा.
दरअसल, हनुमान बेनीवाल शनिवार रात को नागौर जिले के गौराऊ गांव में बाबा पीथलदेव और माताजी के जागरण में पहुंचे थे. वहां कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने यह बयान दिया. बता दें कि राजस्थान के विधानसभा और लोकसभा चुनाव में गोविंद सिंह डोटासरा के तेजल सुपर-डुपर गाने पर डांस ने काफी लोकप्रियता बटोरी थी. उन्होंने कई जगह हाथ में गमछा लहराकर अनूठे अंदाज में डांस किया, जो उस समय काफी लोकप्रिय हुआ था.
लोकसभा चुनाव में साथ रही रालोपा-कांग्रेस : लोकसभा चुनाव में राजस्थान की नागौर सीट पर कांग्रेस और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी का गठबंधन था. कांग्रेस ने भाजपा को नागौर में रोकने के लिए रालोपा हाथ मिलाया और वहां अपना उम्मीदवार नहीं उतारा. रालोपा-कांग्रेस गठबंधन के प्रत्याशी के तौर पर हनुमान बेनीवाल चुनाव लड़े और भाजपा प्रत्याशी ज्योति मिर्धा को हराया था.
उपचुनाव में गठबंधन पर फंसा पेंच : राजस्थान में आगामी दिनों में सात सीटों पर उपचुनाव होना है. इनमें हनुमान बेनीवाल के सांसद बनने से खाली हुई खींवसर सीट भी शामिल है. खींवसर हनुमान बेनीवाल की परंपरागत सीट रही है. ऐसे में उपचुनाव में कांग्रेस-रालोपा के इस सीट पर गठबंधन को लेकर पेंच फंसा हुआ है. एक तरफ कांग्रेस प्रदेश की सभी सात सीटों पर मजबूती से चुनाव लड़ने का दावा कर रही है. वहीं, हनुमान बेनीवाल भी खींवसर को अपनी परंपरागत सीट बताकर इस सीट पर अपनी जीत पक्की बता रहे हैं.
कांग्रेस-रालोपा के जीत के अपने-अपने दावे : गोविंद सिंह डोटासरा समेत प्रदेश के कई कांग्रेस नेता कह चुके हैं कि सभी सात सीटों पर पार्टी की तैयारी पूरी है. कांग्रेस न केवल सभी सात सीटों पर प्रत्याशी उतारेगी बल्कि, जीत भी दर्ज करेगी. हालांकि, प्रदेश के कांग्रेस नेताओं का यह भी कहना है कि उपचुनाव में गठबंधन पर फैसला पार्टी आलाकमान करेगा, जबकि रालोपा के हनुमान बेनीवाल का कहना है कि खींवसर उनकी परंपरागत सीट है और उनकी पार्टी यहां मजबूती से चुनाव लड़कर जीत दर्ज करेगी. ऐसे में हनुमान बेनीवाल की गोविंद डोटासरा पर इस टिप्पणी के कई मायने निकाले जा रहे हैं.
क्या जाट राजनीती में वर्चस्व की है जंग: हनुमान बेनीवाल और गोविंद सिंह डोटासरा दोनों जाट समाज से आते हैं. समाज के लोगों के बीच दोनों ही नेताओं का अपना-अपना जनाधार है. ऐसे में हनुमान बेनीवाल की गोविंद डोटासरा पर इस टिप्पणी को जाट राजनीती में वर्चस्व की लड़ाई से जोड़कर भी देखा जा रहा है.