रायपुर :अक्सर आपने देखा या सुना होगा कि किसी गांव या बस्ती में सांप ने किसी को डसा और उसकी मौत हो गई. ज्यादातर मामलों में सांप तो बच निकलता है.लेकिन कुछ मामलों में सांप की किस्मत इतनी अच्छी नहीं होती.कई बार सांप को काटने की सजा अपनी जान देकर चुकानी पड़ती है. लोगों का गुस्सा सिर्फ सांप की जान लेकर ही खत्म नहीं होता.बल्कि लोग सांप को मारने के बाद उसका सिर कुचलते हैं,ताकि उसकी आंख ना बचे.आखिर क्यों लोग सांप को मारने के बाद उसकी आंख फोड़ते हैं.इसके पीछे भी एक मिथक है.
बारिश में बढ़ते हैं स्नैक बाइट के मामले : अक्सर बारिश के दिनों में स्नैक बाइट के मामले में बढ़ते हैं.इसका एक बड़ा कारण है.सांप खुद के बिलों में नहीं रहता.सांप ज्यादातर उन जगहों पर रहता है जो दूसरे जीव जंतु बनाते हैं.जैसे दीमक का खोह और चूहों के बिल.इन बिलों में ही सांप जाकर अपना जीवन बीताता है.कई जगहों पर पुरानी चट्टानों की दरारों और पेड़ों के तनों के बीच भी सांप आशियाना बनाते हैं.लेकिन बारिश में सांपों के लिए दोहरी मुसीबत पैदा हो जाती है.
क्यों बारिश में बाहर आते हैं सांप : बारिश के मौसम में जमीन के अंदर बनें बिलों और पहाड़ों की दरारों में पानी भर जाता है.पानी भरने के कारण सांप खुद को बचाने के लिए ऐसी जगहों की तलाश में रहते हैं जो सूखा हो.इसलिए सबसे अच्छी जगह सांपों के लिए इंसानों की बस्ती ही होती है.लिहाजा सांप बारिश के मौसम में आबादी वाले क्षेत्र में आ जाते हैं.लेकिन सांप के लिए आबादी के पास आना ही उनकी जान की दुश्मन बन जाती है.इस दौरान सांप का सामना यदि किसी इंसान से हुआ तो वो खुद के बचाव के लिए उसे काट लेता है.बदले में लोग सांप को मार डालते हैं.इस दौरान देखा जाता है कि सांप को मारने के बाद उसकी आंखों को फोड़ दिया जाता है.
सांपों के आंख फोड़ने की कहानी : सांप को लेकर ऐसी मान्यता है कि सांप की हत्या करने वाले शख्स की तस्वीर उसके आंखों में छप जाती है.जिसे दूसरे सांप देखकर अपने साथी का बदला लेने आते हैं. इस अंधविश्वास को सबसे ज्यादा बढ़ाने का काम फिल्मों और टीवी सीरियल्स ने भी किया है. ज्यादातर फिल्मों में ये दिखाया गया है कि सांप खुद को मारने वाले की तस्वीर अपनी आंखों में कैद करके मरता है.इसलिए उसे मारने वाले सबसे पहले उसकी आंखों को कुचलते हैं,ताकि कोई दूसरा सांप आकर उन्हें ना मारे.
सांप की आंख में फोटो छपना कितना सही : इस मामले में जब हमने अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष डाॅ. दिनेश मिश्र से सवाल किया तो उन्होंने बड़े ही सिंपल तरीके से इस बात को समझाया. डॉ दिनेश मिश्र की माने तो सांप बिल में रहता है, लेकिन बरसात के दिनों में उनके बिल में पानी भर जाता है. इस वजह से वह बिल के बाहर सड़क पर, खेत खालिहान जहां आबादी कम होती है वहां पर देखने को मिलते हैं. लेकिन व्यक्ति सांप से डरते हैं. उन्हें इस बात की जानकारी नही होती है कि कौन सा सांप जहरीला है और कौन सा नहीं. इसलिए वह किसी भी सांप को देखते ही मार देते हैं. इस दौरान एक भ्रांति भी फैलती है कि सांप खुद को मारने वाले की फोटो खींच लेते है.
'' लोगों में यह भी अंधविश्वास है कि सांप की आंखों में मारने वाले की तस्वीर छप जाती है.उस तस्वीर के आधार पर वह सांप मारने वाले से बदला लेता है. लेकिन जिस तरह से बाकी जीव जंतु प्राणी होते हैं उसी तरीके से सांप भी होता है यदि उसकी मृत्यु हो गई है पूरे शरीर का अंत हो गया है तो वह किसी भी प्रकार से बदला लेने में सक्षम नहीं है.'' डॉक्टर दिनेश मिश्रा, अध्यक्ष,अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति
लोगों में भ्रम है कि सांप बदला लेता है. इसकी वैज्ञानिक रूप से कोई प्रमाणिकता नहीं है. यदि किसी भी जीव जंतु की जान निकल जाती है, तो वह निर्जीव हो जाता है. वह किसी भी प्रकार से बदला लेने में सक्षम नहीं होता है.