कांकेर: छत्तीसगढ़ की धरती कई तरह के राज को अपने अंदर समेटे हुए है. यहां की प्राकृतिक सुंदरता के बीच नदियों और तालाबों का एक मुक्कमल इतिहास रहा है. ऐसा ही एक सरोवर कांकेर के मुकुट कहे जाने वाले गढ़िया पहाड़ पर स्थित है. इस सरोवर का नाम सोनई रूपई है. इस तालाब की खासियत यह है कि चाहे कितनी भी प्रचंड गर्मी पड़े लेकिन यह सरोवर नहीं सूखता.
गढ़िया पहाड़ के चट्टानों में स्थित है सोनई रूपई तालाब: सोनई रूपई तालाब गढ़िया पहाड़ के बीच चट्टानों के बीच स्थित है. 700 साल पुराना इस तालाब का इतिहास है. यहां के नागरिक बताते हैं कि वह बीते 30 साल से इस तालाब को देख रहे हैं. उनका कहना है कि कितनी गर्मी क्यों न पड़े लेकिन सोनई रूपई तालाब नहीं सूखता है. यहां पानी हमेशा मौजूद रहता है.
"हम बचपन से इस तालाब को देख रहे हैं. कितनी भी गर्मी पड़ जाए यह तालाब आज तक सूखा नहीं है. 700 साल पहले धर्मदेव कांड्रा राजा का गढ़िया पहाड़ एक सुरक्षित और अभेद किला था. गढ़िया पहाड़ में राजा ने तलाब खुदवाया था. राजा की दो बेटियां सोनई और रूपई थी एक दिन खेलते-खेलते इसी तालाब में डूब जाने से उनकी मृत्यु हो गई. इस दिन के बाद से ही माना जाता है कि सोनई-रुपई की आत्माएं इस तालाब की रक्षा करती हैं. इस वजह से इस तालाब का पानी कभी नहीं सूखता.": वीरेंद्र यादव, स्थानीय निवासी, कांकेर
सोने चांदी की तरह चमकता है इस तालाब का पानी: यहां के लोगों का दावा है कि सोनई रूपई तालाब का पानी सोने चांदी की तरह चमकता है. इस तालाब की सबसे ख़ास बात यह है कि सुबह और शाम के दौरान इसका आधा पानी सोने और आधा पानी चांदी की तरह चमकता है.
महाशिवरात्रि पर यहां लगता है भव्य मेला: सोनई रूपई तालाब के स्थल के पास महाशिवरात्रि के समय भव्य मेला लगता है. यहां दूर दूर से लोग पूजा अर्चना करने आते हैं. कांकेर के गढ़िया पहाड़ के इतिहास से जुड़े इस तथ्य पर हर कांकेर वासियों को गर्व होता है. साल भर सोनई रूपई एक सदाबहार सरोवर के तौर पर पानी से भरा रहता है.