मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में दो साल पहले अपने भाई के साथ खजूर तोड़ने गई 13 वर्षीय किशोरी के साथ दुष्कर्म मामले में रंजन (बदला हउआ नाम) को 20 साल कारावास की सजा सुनाई गई है. साथ ही 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. जुर्माने की राशि नहीं देने पर तीन महीना अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी. मामले के सत्र विचारण के बाद विशेष पाक्सो कोर्ट संख्या-दो के न्यायाधीश प्रशांत कुमार झा ने उन्हें सजा सुनाई है. मामला जिले के सरैया थाना के एक गांव का है.
9 गवाहों की हुई पेशी: मिली जानकारी के अनुसार, विशेष कोर्ट ने पीड़ित किशोरी को बिहार प्रतिकर अधिनियम के तहत तीन लाख अनुग्रह राशि देने की जिला विधिक सेवा प्राधिकार को अनुशंसा की है. अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक पाक्सो अजय कुमार ने 9 गवाहों को पेश किया. वहीं, इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट फाउंडेशन आइडीएफ के विधि सलाहकार कृष्णमोहन झा ने किशोरी की काउंसलिंग की.
भाई को गुटखा खरीदने भेजा: किशोरी के पिता ने 22 जून 2022 को सरैया थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी. इसमें उन्होंने बताया था कि 15 जून 2022 को उसकी 13 वर्षीय बेटी छोटे बेटे के साथ घर से कुछ दूरी पर स्थित खजूर के पेड़ से फल तोड़ने गई थी. वहां गांव का रंजन पहुंच गया और उसने छोटे बेटे को दस रुपये देकर गुटखा खरीदने भेज दिया. इसके बाद उसकी बेटी के साथ दुष्कर्म किया.
कमर दर्द का बहाना बनाकर भाग निकला: पिता ने बताया कि दुष्कर्म के कुछ देर बाद वहां उनका बड़ा लड़का पहुंच गया. जिसे देखकर रंजन छिपने लगा. जब उसने पूछा तो रंजन ने कमर दर्द का बहाना बनाया और भाग निकला. वहीं, बच्ची घर लौट आई और गुमसुम रहने लगी. बहुत प्रयास के बाद उसने सारी बात बताई.
भूषण के परिजनों ने किया अभद्र व्यवहार: जब इसकी शिकायत करने गई तो रंजन के स्वजन ने अभद्र व्यवहार कर भगा दिया. इस मामले में पुलिस ने 26 जून 2022 को रंजन को गिरफ्तार कर लिया था. वह तभी से जेल में बंद है. मामले की जांच के बाद पुलिस ने उसके विरुद्ध 13 अगस्त 2022 को विशेष कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया.