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बिहार बना अवैध हथियारों का गढ़! एक साल में 4806 अवैध हथियार और 30000 से अधिक कारतूस जब्त - BIHAR ILLEGAL WEAPONS

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Apr 17, 2024, 4:42 PM IST

Hub Of Illegal Weapons: पिछले कुछ सालों में बिहार अवैध हथियारों के सबसे बड़े गढ़ में रूप में उभरता नजर आ रहा है. राज्य पुलिस मुख्यालय के आंकड़े भी इस बात की गवाही दे रहे हैं. आंकड़ों के मुताबिक पिछले एक साल में ही राज्य में 4 हजार 806 अवैध हथियारों के साथ-साथ 30 हजार से अधिक कारतूस जब्त किए गये हैं, पढ़िये पूरी खबर.

पुलिस के सामने बड़ी चुनौती
पुलिस के सामने बड़ी चुनौती

मुजफ्फरपुरः पिछले एक साल के दौरान जिस तरह से अपराधियों से अवैध हथियारों और कारतूसों की जब्ती हुई है उसके बाद कहा जा सकता है कि बिहार अवैध हथियारों के खपाने की सबसे बड़ी जगह बन गया है. सूबे में एक साल के आंकड़ों पर ही नजर डालें तो 4 हाजर 806 अवैध हथियार और 30 हजार से अधिक कारतूस जब्त किए गये हैं. माना तो ये भी जा रहा है कि अपराधियों तक पहुंच रहे कारतूसों का सिर्फ 50 फीसदी ही पुलिस जब्त कर पाई है.

पुलिस के सामने बड़ी चुनौती
पुलिस के सामने बड़ी चुनौती

क्या कहते हैं पुलिस मुख्यालय के आंकड़े ?: बिहार पुलिस मुख्यालय के आंकड़े के मुताबिक पिछले एक साल के दौरान प्रदेश मेंं 4 हजार 806 अवैध हथियार जब्त किए गए. इनमें 4 हजार 769 देसी और 37 स्वचालित रेगुलर हथियार हैं. इसके साथ ही पुलिस ने पिछले 3 सालों के दौरान सूबे में 57 अवैध फैक्ट्रियों को भी खुलासा किया है.

एक साल में 30 हजार गोलियां जब्तः इसके अलावा पिछले एक साल में ही सूबे में 30 हजार से अधिक कारतूस जब्त किए गये जो कि सूबे में अवैध रूप से खपाए जा रहे कारतूस का सिर्फ 50 फीसदी ही है.इतने बड़े पैमाने पर जब्त गोलियां नगालैंड और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों से अवैध ढंग से बनाए गए आर्म्स लाइसेंस पर निबंधित हथियार की दुकानों से खरीदे जाने की आशंका है.

मुजफ्फरपुर में भी बड़ा नेटवर्कः बात मुजफ्फरपुर की करें तो जिला पुलिस ने बीते साढ़े चार साल में तीन बार गोलियों की खेप के साथ हथियार तस्करों को पकड़ा है. 15 सितंबर 2019 को फकुली में पुलिस और बिहार एसटीएफ ने तीन हथियार तस्करों को 1610 कारतूस के साथ गिरफ्तार किया था. इसके बाद 2020 की जनवरी में बैरिया बस स्टैंड में पांच हथियार सप्लायर्स को 500 गोलियों की खेप के साथ पकड़ा गया था.

पांच साल में चार हथियार फैक्ट्रियों का खुलासाः मुजफ्फरपुर में बीते पांच साल के दौरान चार हथियार फैक्ट्री का खुलासा हुआ है. 6 जून 2020 को पुलिस ने तुर्की ओपी के खरौना में विपिन कुमार के घर में अवैध हथियार फैक्ट्री पकड़ी थी.पुलिस ने विपिन और रौशन के अलावा पूर्वी चंपारण के श्रीकांत सिंह, हथौड़ी थाना के अम्मा निवासी पूर्व मुखिया जुगनू ओझा, मुशहरी के सुधांशु मिश्रा.कटरा के संतोष कुमार सिंह, सकरा के प्रशांत गौरव और मुंगेर के सनोज यादव को नामजद किया था.

अवैध नेटवर्क ध्वस्त करना बड़ी चुनौतीः पुलिस मुख्यालय ने अपराधियों को हथियार सप्लाई पर अंकुश नहीं लग पाने को गंभीरता से लेते हुए सभी जिलों को अवैध हथियार के खिलाफ अभियान चलाने का निर्देश दिया है. निर्देश में स्थानीय स्तर पर संचालित हथियार की अवैध फैक्ट्रियों का पता लगाकर छापेमारी करने और हथियार निर्माण के पुराने हिस्ट्रीशीटर की निगरानी को कहा गया है. इसके लिए गांवों में चौकीदारों के माध्यम से अवैध हथियार फैक्ट्रियों का सुराग लगाने और छापेमारी के निर्देश दिये गये हैं.

ये भी पढ़ेंःसमस्तीपुर में मिनी गन फैक्ट्री का भंडाफोड़, हथियार के जखीरे के साथ 3 गिरफ्तार - Mini Gun Factory In Samastipur

ये भी पढ़ेंःसहरसा में अवैध हथियार के साथ मुखिया और वार्ड सदस्य गिरफ्तार, 28 जिंदा कारतूस बरामद - Mukhiya Arrested In Saharsa

ये भी पढ़ेंःसिवान में 2 आर्म्स सप्लायर 9 पिस्टल और दो दर्जन गोलियों के साथ गिरफ्तार, अपराधियों को करते थे सप्लाई

मुजफ्फरपुरः पिछले एक साल के दौरान जिस तरह से अपराधियों से अवैध हथियारों और कारतूसों की जब्ती हुई है उसके बाद कहा जा सकता है कि बिहार अवैध हथियारों के खपाने की सबसे बड़ी जगह बन गया है. सूबे में एक साल के आंकड़ों पर ही नजर डालें तो 4 हाजर 806 अवैध हथियार और 30 हजार से अधिक कारतूस जब्त किए गये हैं. माना तो ये भी जा रहा है कि अपराधियों तक पहुंच रहे कारतूसों का सिर्फ 50 फीसदी ही पुलिस जब्त कर पाई है.

पुलिस के सामने बड़ी चुनौती
पुलिस के सामने बड़ी चुनौती

क्या कहते हैं पुलिस मुख्यालय के आंकड़े ?: बिहार पुलिस मुख्यालय के आंकड़े के मुताबिक पिछले एक साल के दौरान प्रदेश मेंं 4 हजार 806 अवैध हथियार जब्त किए गए. इनमें 4 हजार 769 देसी और 37 स्वचालित रेगुलर हथियार हैं. इसके साथ ही पुलिस ने पिछले 3 सालों के दौरान सूबे में 57 अवैध फैक्ट्रियों को भी खुलासा किया है.

एक साल में 30 हजार गोलियां जब्तः इसके अलावा पिछले एक साल में ही सूबे में 30 हजार से अधिक कारतूस जब्त किए गये जो कि सूबे में अवैध रूप से खपाए जा रहे कारतूस का सिर्फ 50 फीसदी ही है.इतने बड़े पैमाने पर जब्त गोलियां नगालैंड और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों से अवैध ढंग से बनाए गए आर्म्स लाइसेंस पर निबंधित हथियार की दुकानों से खरीदे जाने की आशंका है.

मुजफ्फरपुर में भी बड़ा नेटवर्कः बात मुजफ्फरपुर की करें तो जिला पुलिस ने बीते साढ़े चार साल में तीन बार गोलियों की खेप के साथ हथियार तस्करों को पकड़ा है. 15 सितंबर 2019 को फकुली में पुलिस और बिहार एसटीएफ ने तीन हथियार तस्करों को 1610 कारतूस के साथ गिरफ्तार किया था. इसके बाद 2020 की जनवरी में बैरिया बस स्टैंड में पांच हथियार सप्लायर्स को 500 गोलियों की खेप के साथ पकड़ा गया था.

पांच साल में चार हथियार फैक्ट्रियों का खुलासाः मुजफ्फरपुर में बीते पांच साल के दौरान चार हथियार फैक्ट्री का खुलासा हुआ है. 6 जून 2020 को पुलिस ने तुर्की ओपी के खरौना में विपिन कुमार के घर में अवैध हथियार फैक्ट्री पकड़ी थी.पुलिस ने विपिन और रौशन के अलावा पूर्वी चंपारण के श्रीकांत सिंह, हथौड़ी थाना के अम्मा निवासी पूर्व मुखिया जुगनू ओझा, मुशहरी के सुधांशु मिश्रा.कटरा के संतोष कुमार सिंह, सकरा के प्रशांत गौरव और मुंगेर के सनोज यादव को नामजद किया था.

अवैध नेटवर्क ध्वस्त करना बड़ी चुनौतीः पुलिस मुख्यालय ने अपराधियों को हथियार सप्लाई पर अंकुश नहीं लग पाने को गंभीरता से लेते हुए सभी जिलों को अवैध हथियार के खिलाफ अभियान चलाने का निर्देश दिया है. निर्देश में स्थानीय स्तर पर संचालित हथियार की अवैध फैक्ट्रियों का पता लगाकर छापेमारी करने और हथियार निर्माण के पुराने हिस्ट्रीशीटर की निगरानी को कहा गया है. इसके लिए गांवों में चौकीदारों के माध्यम से अवैध हथियार फैक्ट्रियों का सुराग लगाने और छापेमारी के निर्देश दिये गये हैं.

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