रांची: पहले से ही झारखंड में राजद अपने कमजोर संगठन के बल पर अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है. लोकसभा चुनाव में पार्टी पलामू लोकसभा सीट पर कोई करिश्मा नहीं कर सकी तो अब प्रदेश अध्यक्ष संजय कुमार सिंह यादव और प्रदेश राजद प्रधान महासचिव संजय प्रसाद यादव आमने-सामने आ गए हैं. लालू प्रसाद के इन दोनों दिग्गज के बीच विवाद की वजह बना है पार्टी की उपाध्यक्ष अनिता यादव को पद से हटाने का प्रकरण.
झारखंड प्रदेश राजद के प्रधान महासचिव और अनुशासन समिति के अध्यक्ष पूर्व विधायक संजय प्रसाद यादव ने अनुशासनहीनता के आरोप में प्रदेश उपाध्यक्ष अनिता यादव को पद से हटा दिया. इसपर प्रदेश अध्यक्ष संजय कुमार सिंह ने अपने प्रधान महासचिव के कार्रवाई को ही पार्टी संविधान के विपरीत बताते हुए कहा दिया कि पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष को पद से हटाने का अधिकार प्रधान महासचिव को नहीं है.
मीडिया पैनल डिस्कशन में भाग लेना और बाइट देना प्रदेश उपाध्यक्ष अनिता यादव को महंगा पड़ा
दरअसल, झारखंड राष्ट्रीय जनता दल के प्रधान महासचिव ने कुछ दिन पहले ही मीडिया से बात करने के लिए डॉ मनोज कुमार और कैलाश यादव का नाम अधिकृत किया था. इसी पत्र के आलोक में यह प्रदेश उपाध्यक्ष अनिता यादव को यह कहते हुए 12 जून को अनुशासनहीनता का शो-कॉज जारी किया गया था. जिसका कोई जवाब नहीं मिलने की बात कहते हुए प्रधान महासचिव सह अनुशासन समिति के अध्यक्ष संजय प्रसाद यादव ने अनिता यादव को अनुशासन हीनता के आरोप में उपाध्यक्ष पद से मुक्त कर दिया.
अनिता यादव अभी भी झारखंड राजद की प्रदेश उपाध्यक्ष, प्रधान सचिव को पद से हटाने का अधिकार नहीं- प्रदेश अध्यक्ष
राजद के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष संजय कुमार सिंह यादव ने ईटीवी भारत से फोन पर पूरे मामले में विस्तार से बात की. उन्होंने कहा कि उपाध्यक्ष को हटाने का अधिकार प्रदेश प्रधान महासचिव को नहीं है लिहाजा अभी भी अनिता यादव पार्टी की प्रदेश उपाध्यक्ष हैं. वहीं प्रधान महासचिव संजय प्रसाद यादव ने कहा कि वह प्रधान महासचिव के साथ साथ पार्टी के अनुशासन समिति के अध्यक्ष भी हैं और उसी हैसियत से कार्रवाई की है जो नियमानुसार सही है.
मैंने कोई अनुशासन नहीं तोड़ा, पूरी बात से प्रदेश प्रभारी और वरिष्ठ नेताओं को कराया अवगत- अनिता यादव
प्रधान महसचिव और अनुशासन समिति के अध्यक्ष द्वारा राजद के प्रदेश उपाध्यक्ष पद से हटाये जाने को अनिता यादव ने नियम विरुद्ध बताया. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान अलग अलग चैनल पर होने वाले पैनल डिस्कशन में लालू प्रसाद की नीतियों को बुलंदी के साथ रखना पार्टी विरोधी और अनुशासनहीनता कैसे हो गया. उन्होंने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष ने साफ कर दिया है कि हमें पदमुक्त करने का अधिकार प्रधान महासचिव को नहीं है. अनुशासन समिति के अध्यक्ष के नाते भी वह सिर्फ कार्रवाई की अनुशंसा कर सकते हैं. अनिता यादव ने कहा कि उन्होंने सारी बात प्रदेश अध्यक्ष के साथ साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रदेश प्रभारी को दे दी है.
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