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संभल मस्जिद सर्वे पर सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत को एक्शन न लेने के दिए निर्देश, मुस्लिम धर्मगुरुओं ने किया स्वागत - KHALID RASHEED FARANGI MAHALI

मुस्लिम धर्मगुरु खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा, सुप्रीम कोर्ट के फैसले से मिली बड़ी राहत, इस फैसले से इंसाफ की उम्मीद बढ़ी

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खालिद रशीद फरंगी महली और मौलाना कल्बे जवाद. (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 29, 2024, 5:47 PM IST

Updated : Nov 29, 2024, 9:53 PM IST

लखनऊ: संभल की जामा मस्जिद सर्वे मामले सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला आया है. जिसे लेकर मुस्लिम धर्मगुरु खालिद रशीद फरंगी महली ने स्वागत करते हुए इसे इंसाफ की ओर एक बड़ा कदम बताया है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला अदालत की निष्पक्षता और न्यायिक प्रक्रिया पर विश्वास को और मजबूत करता है.

सुप्रीम कोर्ट ने मामले में निचली अदालत की कार्रवाई पर रोक लगाते हुए मुस्लिम पक्ष को हाई कोर्ट में अपील करने की अनुमति दी है. फरंगी महली ने कहा, "इस फैसले से बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने की सख्त हिदायत दी है. जो घटनाएं हुईं, उनसे पूरे देश में नाराजगी थी, लेकिन इस फैसले से इंसाफ की उम्मीद बढ़ी है."

मुस्लिम धर्मगुरुओं का बयान. (Video Credit; ETV Bharat)
सुप्रीम कोर्ट ने मुकदमे को आगे न बढ़ाने को कहाः सर्वोच्च अदालत ने शुक्रवार उत्तर प्रदेश के संभल में जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर हुई हिंसा मामले में निर्देश देते हुए कहा कि निचली कोर्ट इस केस में कोई भी एक्शन न लें. कोर्ट ने योगी सरकार से कहा कि जिले में शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए प्रयास करे. इसके साथ ही निचली कोर्ट को निर्देश दिए कि मुकदमे में आगे न बढ़ें, जब तक कि सर्वे आदेश के खिलाफ मस्जिद समिति द्वारा याचिक सुप्रीम कोर्ट में सूचीबद्ध न हो जाए. जिला प्रशासन से भी शांति बनाए रखने के निर्देश दिए. बता दें कि 19 नवंबर को शाही जामा मस्जिद के सर्वे के जिला कोर्ट के आदेश के बाद संभल में 24 नवंबर को भड़की हिंसा पांच लोगों की मौत हो गई थी. जिसके बाद इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई थी. जिला प्रशासन ने शुक्रवार शाम यानी 29 नवंबत तक के लिए इसे बंद रखने का ही फैसला लिया है.

बड़ा इमामबाड़े पर किया प्रदर्शनः वहीं, पाकिस्तान के पराचिनार में शियाओं के खिलाफ हो रहे नरसंहार के खिलाफ लखनऊ के ऐतिहासिक बड़े इमामबाड़े के असिफी मस्जिद के बाहर जुम्मा नमाज़ के बाद प्रदर्शन किया गया. जिसका नेतृत्व प्रसिद्ध शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्वाद ने किया. मौलाना कल्बे जव्वाद ने पाकिस्तान सरकार कड़ी निंदा करते हुए शिया मुसलमानों के नरसंहार पर रोक लगाने की अपील की है. उन्होंने मानव अधिकार संगठनों से भी अपील की है कि पिछले 30 साल से हो रहे शिया मुसलमान के नरसंहार पर रोक लगाया जाए. उन्होंने कहा कि 2024 में तकरीबन 150 शिया मुसलमान को कत्ल किया गया है, जिसमें बच्चे महिलाएं नौजवान और बूढ़े बुजुर्ग शामिल हैं. पाकिस्तान सरकार अल्पसंख्यकों को सुरक्षा देने में पूरी तरह विफल रही है. पराचिनार में खुलेआम महिलाओं और बच्चों का कत्लेआम किया जा रहा है, जो इस बात का सबूत है कि पाकिस्तान में आतंकवाद चरम पर है.

संभल में पुलिस ने खुलेआम चलाई गोलीः वहीं, मौलाना ने कहा कि संभल में जो कुछ हुआ, वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है. इस हिंसा में पुलिस ने खुलेआम गोली चलाई है. उन लोगों पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है, जो लोग नारे लगाते हुए जा रहे थे. उन्होंने कहा कि इसकी सारी वीडियो हमारे पास मौजूद है. सरकार को दंगा करवाने वाले तत्वों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि पूजा स्थल अधिनियम 1991 का खुला उल्लंघन हो रहा है. अदालतों के जज लालच में फैसला देते हैं, क्योंकि रिटायर्ड होने के बाद उनको ओहदा दिया जाता है. जजों के रिटायर्ड होने पर उन्हें कोई पद न दिया जाए ताकि इस तरह के फैसले न आएं. उन्होंने कहा कि सर्वे का काम न्यायालय की निगरानी में शांतिपूर्ण तरीके से होना चाहिए. उन्होंने कहा, राज्य सरकार और जिला प्रशासन को तुरंत शांति बहाली के लिए कदम उठाने चाहिए. हिंसा फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और निर्दोषों को न्याय मिले.

जनरल डायर के बाद इतिहास की सबसे क्रूर घटना संभल हिंसाः सपा सांसद मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी एक निजी कार्यक्रम में रामपुर पहुंचे तो संभल में हुए बवाल पर पुलिस, प्रशासन और सरकार को जमकर आड़े हाथों लिया. पुलिस फायरिंग की घटना को जनरल डायर के बाद इतिहास की सबसे क्रूर घटना करार दिया. उन्होंने कहा डीएम, एसपी और सीओ ने डायरेक्ट गोलियां चलाई हैं. जिसमे लोगों के चेहरों को कुचला गया है, लाठियों से गिराया गया और पिस्तौल से निकलकर गोलियां मारी गई हैं. इनको कॉन्स्टिट्यूशन और लोगों की हिफाजत करने की जिम्मेदारी दी गई है लेकिन अपनी ही शहरियों को कुचल रहे हैं. नदवी ने मीडिया से बात करते हुए कहा," संभल घटना मुल्क की तारीख का सबसे बदतरीन हादसा है. घटिया और तीसरे दर्जे की सियासत के कुछ माइंड सेट हैं, जिन्होंने यह शुरू की है. नदवी ने कहा, ढाई घंटे के अंदर अंदर सर्वे का आर्डर होता है और दूसरी पार्टी को सुना भी नहीं जाता है. पहली बार मस्जिद कमेटी और सांसद जियाउर्र रहमान मौके पर पहुंचते हैं और पूरा सहयोग करते हैं

इसे भी पढ़ें-संभल हिंसा में मारे गए युवकों से मिलने जा रहे मौलाना तौकीर को पुलिस ने हिरासत में लिया

लखनऊ: संभल की जामा मस्जिद सर्वे मामले सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला आया है. जिसे लेकर मुस्लिम धर्मगुरु खालिद रशीद फरंगी महली ने स्वागत करते हुए इसे इंसाफ की ओर एक बड़ा कदम बताया है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला अदालत की निष्पक्षता और न्यायिक प्रक्रिया पर विश्वास को और मजबूत करता है.

सुप्रीम कोर्ट ने मामले में निचली अदालत की कार्रवाई पर रोक लगाते हुए मुस्लिम पक्ष को हाई कोर्ट में अपील करने की अनुमति दी है. फरंगी महली ने कहा, "इस फैसले से बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने की सख्त हिदायत दी है. जो घटनाएं हुईं, उनसे पूरे देश में नाराजगी थी, लेकिन इस फैसले से इंसाफ की उम्मीद बढ़ी है."

मुस्लिम धर्मगुरुओं का बयान. (Video Credit; ETV Bharat)
सुप्रीम कोर्ट ने मुकदमे को आगे न बढ़ाने को कहाः सर्वोच्च अदालत ने शुक्रवार उत्तर प्रदेश के संभल में जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर हुई हिंसा मामले में निर्देश देते हुए कहा कि निचली कोर्ट इस केस में कोई भी एक्शन न लें. कोर्ट ने योगी सरकार से कहा कि जिले में शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए प्रयास करे. इसके साथ ही निचली कोर्ट को निर्देश दिए कि मुकदमे में आगे न बढ़ें, जब तक कि सर्वे आदेश के खिलाफ मस्जिद समिति द्वारा याचिक सुप्रीम कोर्ट में सूचीबद्ध न हो जाए. जिला प्रशासन से भी शांति बनाए रखने के निर्देश दिए. बता दें कि 19 नवंबर को शाही जामा मस्जिद के सर्वे के जिला कोर्ट के आदेश के बाद संभल में 24 नवंबर को भड़की हिंसा पांच लोगों की मौत हो गई थी. जिसके बाद इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई थी. जिला प्रशासन ने शुक्रवार शाम यानी 29 नवंबत तक के लिए इसे बंद रखने का ही फैसला लिया है.

बड़ा इमामबाड़े पर किया प्रदर्शनः वहीं, पाकिस्तान के पराचिनार में शियाओं के खिलाफ हो रहे नरसंहार के खिलाफ लखनऊ के ऐतिहासिक बड़े इमामबाड़े के असिफी मस्जिद के बाहर जुम्मा नमाज़ के बाद प्रदर्शन किया गया. जिसका नेतृत्व प्रसिद्ध शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्वाद ने किया. मौलाना कल्बे जव्वाद ने पाकिस्तान सरकार कड़ी निंदा करते हुए शिया मुसलमानों के नरसंहार पर रोक लगाने की अपील की है. उन्होंने मानव अधिकार संगठनों से भी अपील की है कि पिछले 30 साल से हो रहे शिया मुसलमान के नरसंहार पर रोक लगाया जाए. उन्होंने कहा कि 2024 में तकरीबन 150 शिया मुसलमान को कत्ल किया गया है, जिसमें बच्चे महिलाएं नौजवान और बूढ़े बुजुर्ग शामिल हैं. पाकिस्तान सरकार अल्पसंख्यकों को सुरक्षा देने में पूरी तरह विफल रही है. पराचिनार में खुलेआम महिलाओं और बच्चों का कत्लेआम किया जा रहा है, जो इस बात का सबूत है कि पाकिस्तान में आतंकवाद चरम पर है.

संभल में पुलिस ने खुलेआम चलाई गोलीः वहीं, मौलाना ने कहा कि संभल में जो कुछ हुआ, वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है. इस हिंसा में पुलिस ने खुलेआम गोली चलाई है. उन लोगों पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है, जो लोग नारे लगाते हुए जा रहे थे. उन्होंने कहा कि इसकी सारी वीडियो हमारे पास मौजूद है. सरकार को दंगा करवाने वाले तत्वों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि पूजा स्थल अधिनियम 1991 का खुला उल्लंघन हो रहा है. अदालतों के जज लालच में फैसला देते हैं, क्योंकि रिटायर्ड होने के बाद उनको ओहदा दिया जाता है. जजों के रिटायर्ड होने पर उन्हें कोई पद न दिया जाए ताकि इस तरह के फैसले न आएं. उन्होंने कहा कि सर्वे का काम न्यायालय की निगरानी में शांतिपूर्ण तरीके से होना चाहिए. उन्होंने कहा, राज्य सरकार और जिला प्रशासन को तुरंत शांति बहाली के लिए कदम उठाने चाहिए. हिंसा फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और निर्दोषों को न्याय मिले.

जनरल डायर के बाद इतिहास की सबसे क्रूर घटना संभल हिंसाः सपा सांसद मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी एक निजी कार्यक्रम में रामपुर पहुंचे तो संभल में हुए बवाल पर पुलिस, प्रशासन और सरकार को जमकर आड़े हाथों लिया. पुलिस फायरिंग की घटना को जनरल डायर के बाद इतिहास की सबसे क्रूर घटना करार दिया. उन्होंने कहा डीएम, एसपी और सीओ ने डायरेक्ट गोलियां चलाई हैं. जिसमे लोगों के चेहरों को कुचला गया है, लाठियों से गिराया गया और पिस्तौल से निकलकर गोलियां मारी गई हैं. इनको कॉन्स्टिट्यूशन और लोगों की हिफाजत करने की जिम्मेदारी दी गई है लेकिन अपनी ही शहरियों को कुचल रहे हैं. नदवी ने मीडिया से बात करते हुए कहा," संभल घटना मुल्क की तारीख का सबसे बदतरीन हादसा है. घटिया और तीसरे दर्जे की सियासत के कुछ माइंड सेट हैं, जिन्होंने यह शुरू की है. नदवी ने कहा, ढाई घंटे के अंदर अंदर सर्वे का आर्डर होता है और दूसरी पार्टी को सुना भी नहीं जाता है. पहली बार मस्जिद कमेटी और सांसद जियाउर्र रहमान मौके पर पहुंचते हैं और पूरा सहयोग करते हैं

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Last Updated : Nov 29, 2024, 9:53 PM IST
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