नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने गुरुवार को वक्फ बोर्ड एक्ट में बदलाव के लिए संशोधन विधेयक लोकसभा में पेश कर दिया. सरकार पहले से ही जानती थी कि इस बिल को लेकर सदन में काफी हंगामा होने वाला है. विपक्ष ने जमकर हंगामा किया तो सत्तापक्ष की तरफ से अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने बिल के बारे में विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने तमाम तर्कों और उदाहरणों को देकर बताया कि क्यों इस विधेयक को लाना जरूरी है.
मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद ने कहा है कि जो बिल कल सरकार ने पेश किया है, यह बिल वक्फ बोर्ड के खिलाफ है. ये वक्फ बोर्ड को तबाह करने का बिल है. हम इस बिल का विरोध कर रहे हैं. हम इसको नहीं मानते हैं. इसमें जितने भी पॉइंट्स हैं किसी में भी वक्फ बोर्ड को फायदा नहीं पहुंचेगा. सब वक्फ बोर्ड को खत्म करने का बिल है. इसमें सारा काम कलेक्टर के ऊपर छोड़ दिया गया है. इस बोर्ड के अंदर उर्दू भाषा में ज्यादा चीज़ लिखी गई है, ऐसे में किस तरह से कलेक्टर उनको समझ पाएंगे कि 8 लाख से ज्यादा संपतियां है.
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वक्फ बोर्ड के पास जितनी संपत्ति है उन सबको मुसलमान ने दान की है. आप उस प्रॉपर्टी पर अपना हक कैसे जता सकते हैं. किसी प्रॉपर्टी को किसी ने अगर मस्जिद के लिए दान किया है तो आप उस पर कैसे उस पर अपना हक जता सकते हैं. कई गुरुद्वारों और मंदिर के लिए बहुत सारी प्रॉपर्टी ऐसी है, फिर मस्जिद के साथ ऐसा भेदभाव कैसा. और जहां तक महिलाओं की भागीदारी की बात है तो पहले से भी वक्फ बोर्ड में दो मेंबर है. पहले कांग्रेस ने मुसलमान को परेशान किया अब केंद्र की सरकार भी कांग्रेस के रास्ते पर चल रही है. इसका हम विरोध कर रहे हैं.
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