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सोनिया विहार हत्याकांड: 12 साल ईनामी बदमाश गिरफ्तार, साथी का मर्डर कर तेजाब से ब‍िगाड़ दिया था चेहरा - SONIA VIHAR MURDER CASE - SONIA VIHAR MURDER CASE

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने कुख्यात ईनामी बदमाश मोहम्‍मद उमर को आनंद विहार से दबोच लिया है. उसके खिलाफ पहले से सात आपराधिक मामले उत्तर प्रदेश और दिल्ली के अलग-अलग थानों में दर्ज हैं.

सोनिया विहार हत्याकांड
सोनिया विहार हत्याकांड (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jul 21, 2024, 8:28 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने कुख्यात ईनामी बदमाश को आनंद विहार बस टर्म‍िनल इलाके से गिरफ्तार किया. आरोपी ने 2012 में अपने एक साथी की हत्या कर उसके चेहरे पर तेजाब डालकर चेहरा ब‍िगाड़ द‍िया था. इसके बाद से वह पुलिस की पकड़ से बचने के लिए अपनी मूल पहचान छुपा कर परिवार के साथ नेपाल भाग गया था. अब स्पेशल सेल की टीम ने इस भगोड़े बदमाश मोहम्मद उमर (51) को दबोच ल‍िया है.

स्पेशल सेल के पुलिस उपायुक्त अमित कौशिक के मुताबिक, मोहम्मद उमर उर्फ उमरदीन खजूरी खास का रहने वाला है, जो सोनिया विहार इलाके में एक जघन्‍य हत्या मामले में गिरफ्तारी से बचता आ रहा था. इस मामले में जुलाई 2013 में उसको कोर्ट ने भगोड़ा घोषित किया था. पुलिस आयुक्त की ओर से उस पर मार्च 2013 में 50,000 रुपए का ईनाम भी घोषित किया गया था. इसके बाद आरोपी का पता लगाने में स्पेशल सेल की टीम लगातार जुटी थी.

इस बीच सूचना मिली वांछित अपराधी मोहम्मद उमर अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए लगातार असली पहचान छुपाए हुए हैं. एसीपी कैलाश सिंह ब‍िष्‍ट के सुपरविजन में अपराधी को पकड़ने के लिए पूरा जाल बिछाया गया. सूचना के आधार पर मोहम्मद उमर को आनंद विहार बस टर्मिनल के पास से दबोच ल‍िया गया.

टेलर‍िंग का काम करते करते करने लगा अपराध: आरोपी की प्रोफाइल खंगालने पर पता चला क‍ि मोहम्मद उमर 8वीं कक्षा तक पढ़ा है. वह मूल रूप से यूपी के मेरठ के ब्रह्मपुर का रहने वाला है. पढ़ाई छोड़ने के बाद उसने अपने पिता की यूनिट में दर्जी का काम करना शुरू कर दिया था. लेक‍िन वो धीरे-धीरे साल 2002 में छोटे-मोटे चोरी के अपराध करने लगा. साल 2009 में यूपी के लोनी और पिलखुवा में चार मामलों में गिरफ्तार भी हो चुका है. 2010 में वह नईम, तस्लीम, मुकेश और मोती के संपर्क में आया तो उसने ड्रग्‍स की तस्करी करना शुरू कर दिया.

2012 में इस तरह से अपने साथी को उतारा था मौत के घाट: 2011 में आर्म्स एक्ट और धोखाधड़ी के मामले अमरोहा में दर्ज हुए, जिसमें उसकी गिरफ्तार हुई. जमानत पर छूटने पर मोहम्मद उमर ने नईम, तस्लीम, मुकेश और मोती के साथ फिर से ड्रग्स की तस्करी शुरू कर दी. नईम, तसलीम और मोती ने उसको बताया था कि मुकेश ने उसके बारे में सूचना पुलिस को दी थी. इसके बाद उसने तीनों के साथ मिलकर मुकेश की हत्या कर दी. इस मामले में तीनों आरोपी नईम, तस्लीम और मोती गिरफ्तार हो गए थे.

जबक‍ि साल 2012 में उसने नईम के साथ मिलकर दिल्ली के सोनिया विहार इलाके में तस्लीम की हत्या कर दी. पुलिस को धोखा देकर अपनी पहचान छुपा कर तस्लीम के चेहरे पर भी तेजाब डालकर उसको पूरी तरह से बिगाड़ दिया था. इस घटना के बाद वह परिवार के साथ नेपाल फरार हो गया. तब से ही वह नेपाल में छुपकर पहचान बदलकर रह रहा था. आरोपी मोहम्‍मद उमर के खिलाफ पहले से सात आपराधिक मामले उत्तर प्रदेश और दिल्ली के अलग-अलग थानों में दर्ज हैं.

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने कुख्यात ईनामी बदमाश को आनंद विहार बस टर्म‍िनल इलाके से गिरफ्तार किया. आरोपी ने 2012 में अपने एक साथी की हत्या कर उसके चेहरे पर तेजाब डालकर चेहरा ब‍िगाड़ द‍िया था. इसके बाद से वह पुलिस की पकड़ से बचने के लिए अपनी मूल पहचान छुपा कर परिवार के साथ नेपाल भाग गया था. अब स्पेशल सेल की टीम ने इस भगोड़े बदमाश मोहम्मद उमर (51) को दबोच ल‍िया है.

स्पेशल सेल के पुलिस उपायुक्त अमित कौशिक के मुताबिक, मोहम्मद उमर उर्फ उमरदीन खजूरी खास का रहने वाला है, जो सोनिया विहार इलाके में एक जघन्‍य हत्या मामले में गिरफ्तारी से बचता आ रहा था. इस मामले में जुलाई 2013 में उसको कोर्ट ने भगोड़ा घोषित किया था. पुलिस आयुक्त की ओर से उस पर मार्च 2013 में 50,000 रुपए का ईनाम भी घोषित किया गया था. इसके बाद आरोपी का पता लगाने में स्पेशल सेल की टीम लगातार जुटी थी.

इस बीच सूचना मिली वांछित अपराधी मोहम्मद उमर अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए लगातार असली पहचान छुपाए हुए हैं. एसीपी कैलाश सिंह ब‍िष्‍ट के सुपरविजन में अपराधी को पकड़ने के लिए पूरा जाल बिछाया गया. सूचना के आधार पर मोहम्मद उमर को आनंद विहार बस टर्मिनल के पास से दबोच ल‍िया गया.

टेलर‍िंग का काम करते करते करने लगा अपराध: आरोपी की प्रोफाइल खंगालने पर पता चला क‍ि मोहम्मद उमर 8वीं कक्षा तक पढ़ा है. वह मूल रूप से यूपी के मेरठ के ब्रह्मपुर का रहने वाला है. पढ़ाई छोड़ने के बाद उसने अपने पिता की यूनिट में दर्जी का काम करना शुरू कर दिया था. लेक‍िन वो धीरे-धीरे साल 2002 में छोटे-मोटे चोरी के अपराध करने लगा. साल 2009 में यूपी के लोनी और पिलखुवा में चार मामलों में गिरफ्तार भी हो चुका है. 2010 में वह नईम, तस्लीम, मुकेश और मोती के संपर्क में आया तो उसने ड्रग्‍स की तस्करी करना शुरू कर दिया.

2012 में इस तरह से अपने साथी को उतारा था मौत के घाट: 2011 में आर्म्स एक्ट और धोखाधड़ी के मामले अमरोहा में दर्ज हुए, जिसमें उसकी गिरफ्तार हुई. जमानत पर छूटने पर मोहम्मद उमर ने नईम, तस्लीम, मुकेश और मोती के साथ फिर से ड्रग्स की तस्करी शुरू कर दी. नईम, तसलीम और मोती ने उसको बताया था कि मुकेश ने उसके बारे में सूचना पुलिस को दी थी. इसके बाद उसने तीनों के साथ मिलकर मुकेश की हत्या कर दी. इस मामले में तीनों आरोपी नईम, तस्लीम और मोती गिरफ्तार हो गए थे.

जबक‍ि साल 2012 में उसने नईम के साथ मिलकर दिल्ली के सोनिया विहार इलाके में तस्लीम की हत्या कर दी. पुलिस को धोखा देकर अपनी पहचान छुपा कर तस्लीम के चेहरे पर भी तेजाब डालकर उसको पूरी तरह से बिगाड़ दिया था. इस घटना के बाद वह परिवार के साथ नेपाल फरार हो गया. तब से ही वह नेपाल में छुपकर पहचान बदलकर रह रहा था. आरोपी मोहम्‍मद उमर के खिलाफ पहले से सात आपराधिक मामले उत्तर प्रदेश और दिल्ली के अलग-अलग थानों में दर्ज हैं.

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