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कोंडागांव में दृश्यम फिल्म की तर्ज पर मर्डर, लेकिन पुलिस के आगे बचने का प्लान फेल - Kondagaon Murder Case

Murder on lines of Drishyam movie कोंडागांव के चनियागांव में फिल्म दृश्यम की तर्ज पर हत्या के बाद शव को छिपाने की कोशिश की गई. भले ही आरोपियों तक पहुंचने में पुलिस को समय लगा,लेकिन फिल्म की तरह अपराधी बच ना सका. Murder Case accused arrested

Murder on lines of Drishyam movie
कोंडागांव में दृश्यम फिल्म की तर्ज पर मर्डर
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : May 2, 2024, 4:20 PM IST

कोंडागांव में दृश्यम फिल्म की तर्ज पर मर्डर

कोंडागांव : फिल्मों को समाज का आईना माना जाता है.कहा जाता है कि दो से तीन घंटे की फिल्म किसी भी इंसान के दिमाग पर गहरी छाप छोड़ सकती है. कई फिल्मों को देखकर लोगों ने अपनी जिंदगी को बदला है.तो कई फिल्में ऐसी भी हैं जिन्हें देखकर कई लोग अपराधी बनने से नहीं चूके . भले ही फिल्मकार कोई भी फिल्म मनोरंजन और कमाई के लिए बनाते हो,लेकिन ये बात शायद कुछ दर्शकों के समझ में नहीं आती.इसलिए उनका दिमाग फिल्म को मनोरंजन के लिए कम और अपनी कारिस्तानियों को करने का जरिया बनाता है.ऐसा ही मामला कोंडागांव में सामने आया है.जहां फिल्म देखकर गांव के कुछ लोगों ने जिंदा शख्स को मौत की नींद सुला दिया. बात यहीं खत्म नहीं होती, आरोपियों ने अपना गुनाह छिपाने के लिए फिल्म की कहानी को असल जिंदगी में इस्तेमाल कर लिया.

क्या है मामला ?: कोंडागांव के केशकाल अनुविभाग के धनोरा थाना क्षेत्र के चनियागांव में एक शख्स अचानक गायब हो गया. जो शख्स गायब हुआ उसके परिवार की कहानी ये थी कि पूरे परिवार को पिछले 10 साल से ग्रामीणों की प्रताड़ना का शिकार होना पड़ रहा था. साल 2013 में परिवार के लोगों पर जादू टोना करने का आरोप लगा.इस आरोप के बाद पंचायत ने पूरे परिवार को गांव से बहिष्कृत कर दिया.इतने से भी मन नहीं भरा तो साल 2022 में जिस घर में परिवार रहता था उसे भी ग्रामीणों ने तोड़ दिया. एक तो गांव से बहिष्कृत और दूसरा सिर से छत गायब. परिवार पर दोहरी मुसीबत टूटी थी.इसी बीच अनचाही तीसरी मुसीबत भी परिवार के सिर आ पड़ी. ये मुसीबत थी परिवार के मुखिया का अचानक लापता हो जाना. 28 मार्च से परिवार का मुखिया सतउराम कुंजाम लापता हो गया था.

1 माह से लापता इंसान की खोज खबर नहीं : सतउराम के गुम होने की शिकायत परिवार ने धनोरा थाने में दर्ज कराई. पुलिस ने तफ्तीश की लेकिन एक माह बीत जाने के बाद भी सतउराम का कोई अता पता नहीं चला.इसके बाद परिवार ने कोंडागांव पुलिस अधीक्षक से न्याय की गुहार लगाई.जिसमें गांव के ही चार लोगों पर शक जाहिर किया. मामले को गंभीरता से लेते हुए कोंडागांव एसपी के निर्देश पर सोमवार 29 अप्रैल को केशकाल एसडीओपी भूपत सिंह धनेश्री,कोंडागांव साइबर की टीम और धनोरा पुलिस घटना स्थल पर पहुंची और संदिग्धों से पूछताछ की.जिसमें पुलिस को बड़ी सफलता मिल गई.

आपसी विवाद के कारण की हत्या : ASP रूपेश कुमार ने बताया कि चनियागांव के ही दो युवकों ने आपसी विवाद के कारण सतउराम की हत्या कर दी थी.हत्या के बाद सतउराम के शव को नदी किनारे दफना दिया गया था.धनोरा पुलिस और साइबर सेल की टीम ने इस मामले में पतासाजी की और संदेहियों को गिरफ्तार किया. जिसमें दो आरोपी पुलिस की गिरफ्त में आए.वही केशकाल एसडीएम अंकित चौहान , तहसीलदार नेत्रा प्रभा सिदार, डॉक्टर समेत फॉरेंसिक टीम की मौजूदगी में सतउराम का शव का खुदवाकर पोस्टमार्टम किया गया.लेकिन जो बात इन्होंने पुलिस को बताई वो हैरान कर देने वाली थी.

Murder accused arrested
हत्या के बाद शव को दफनाया

फिल्म देखकर हत्या का बनाया प्लान : इस हत्याकांड का मुख्य आरोपी शिवकुमार है. जिसने हत्या करने की वजह और हत्या का तरीका पुलिस को बताया.हत्या के तरीके को सुनकर पुलिस भी चौंक गई.पुलिस की माने तो शिवकुमार ने बताया कि सतउराम की हत्या और फिर उसके शव को छिपाने का प्लान से फिल्म दृश्यम से मिला.दृश्यम फिल्म को देखकर उसे यकीन हो गया था कि सतउराम को मारकर छिपा देगा.इसके बाद पुलिस से बच जाएगा.

''हत्या मामले में दोनों आरोपियों शिवकुमार कुंजाम और मानकू मंडावी ने घटना की जानकारी अपने परिजनों को दिए थे.लेकिन घटना की जानकारी पुलिस से छिपाने पर दो अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया है.'' रुपेश कुमार,एएसपी

फिल्म ने पहुंचाया जेल : दृश्यम फिल्म देखकर अपने ऊपर ज्यादा यकीन करने वाला शिवकुमार ये भूल गया कि उसका दिमाग अजय देवगन से तेज नहीं है.साथ ही साथ इस फिल्म को भी कई पुलिस वालों ने देखा होगा. फिल्म में भले ही हीरो अपने अपराध को छिपाने में कामयाब हो गया हो,लेकिन असल जिंदगी में शिवकुमार हत्या के बाद अब विलेन बन चुका है.

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कोंडागांव : फिल्मों को समाज का आईना माना जाता है.कहा जाता है कि दो से तीन घंटे की फिल्म किसी भी इंसान के दिमाग पर गहरी छाप छोड़ सकती है. कई फिल्मों को देखकर लोगों ने अपनी जिंदगी को बदला है.तो कई फिल्में ऐसी भी हैं जिन्हें देखकर कई लोग अपराधी बनने से नहीं चूके . भले ही फिल्मकार कोई भी फिल्म मनोरंजन और कमाई के लिए बनाते हो,लेकिन ये बात शायद कुछ दर्शकों के समझ में नहीं आती.इसलिए उनका दिमाग फिल्म को मनोरंजन के लिए कम और अपनी कारिस्तानियों को करने का जरिया बनाता है.ऐसा ही मामला कोंडागांव में सामने आया है.जहां फिल्म देखकर गांव के कुछ लोगों ने जिंदा शख्स को मौत की नींद सुला दिया. बात यहीं खत्म नहीं होती, आरोपियों ने अपना गुनाह छिपाने के लिए फिल्म की कहानी को असल जिंदगी में इस्तेमाल कर लिया.

क्या है मामला ?: कोंडागांव के केशकाल अनुविभाग के धनोरा थाना क्षेत्र के चनियागांव में एक शख्स अचानक गायब हो गया. जो शख्स गायब हुआ उसके परिवार की कहानी ये थी कि पूरे परिवार को पिछले 10 साल से ग्रामीणों की प्रताड़ना का शिकार होना पड़ रहा था. साल 2013 में परिवार के लोगों पर जादू टोना करने का आरोप लगा.इस आरोप के बाद पंचायत ने पूरे परिवार को गांव से बहिष्कृत कर दिया.इतने से भी मन नहीं भरा तो साल 2022 में जिस घर में परिवार रहता था उसे भी ग्रामीणों ने तोड़ दिया. एक तो गांव से बहिष्कृत और दूसरा सिर से छत गायब. परिवार पर दोहरी मुसीबत टूटी थी.इसी बीच अनचाही तीसरी मुसीबत भी परिवार के सिर आ पड़ी. ये मुसीबत थी परिवार के मुखिया का अचानक लापता हो जाना. 28 मार्च से परिवार का मुखिया सतउराम कुंजाम लापता हो गया था.

1 माह से लापता इंसान की खोज खबर नहीं : सतउराम के गुम होने की शिकायत परिवार ने धनोरा थाने में दर्ज कराई. पुलिस ने तफ्तीश की लेकिन एक माह बीत जाने के बाद भी सतउराम का कोई अता पता नहीं चला.इसके बाद परिवार ने कोंडागांव पुलिस अधीक्षक से न्याय की गुहार लगाई.जिसमें गांव के ही चार लोगों पर शक जाहिर किया. मामले को गंभीरता से लेते हुए कोंडागांव एसपी के निर्देश पर सोमवार 29 अप्रैल को केशकाल एसडीओपी भूपत सिंह धनेश्री,कोंडागांव साइबर की टीम और धनोरा पुलिस घटना स्थल पर पहुंची और संदिग्धों से पूछताछ की.जिसमें पुलिस को बड़ी सफलता मिल गई.

आपसी विवाद के कारण की हत्या : ASP रूपेश कुमार ने बताया कि चनियागांव के ही दो युवकों ने आपसी विवाद के कारण सतउराम की हत्या कर दी थी.हत्या के बाद सतउराम के शव को नदी किनारे दफना दिया गया था.धनोरा पुलिस और साइबर सेल की टीम ने इस मामले में पतासाजी की और संदेहियों को गिरफ्तार किया. जिसमें दो आरोपी पुलिस की गिरफ्त में आए.वही केशकाल एसडीएम अंकित चौहान , तहसीलदार नेत्रा प्रभा सिदार, डॉक्टर समेत फॉरेंसिक टीम की मौजूदगी में सतउराम का शव का खुदवाकर पोस्टमार्टम किया गया.लेकिन जो बात इन्होंने पुलिस को बताई वो हैरान कर देने वाली थी.

Murder accused arrested
हत्या के बाद शव को दफनाया

फिल्म देखकर हत्या का बनाया प्लान : इस हत्याकांड का मुख्य आरोपी शिवकुमार है. जिसने हत्या करने की वजह और हत्या का तरीका पुलिस को बताया.हत्या के तरीके को सुनकर पुलिस भी चौंक गई.पुलिस की माने तो शिवकुमार ने बताया कि सतउराम की हत्या और फिर उसके शव को छिपाने का प्लान से फिल्म दृश्यम से मिला.दृश्यम फिल्म को देखकर उसे यकीन हो गया था कि सतउराम को मारकर छिपा देगा.इसके बाद पुलिस से बच जाएगा.

''हत्या मामले में दोनों आरोपियों शिवकुमार कुंजाम और मानकू मंडावी ने घटना की जानकारी अपने परिजनों को दिए थे.लेकिन घटना की जानकारी पुलिस से छिपाने पर दो अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया है.'' रुपेश कुमार,एएसपी

फिल्म ने पहुंचाया जेल : दृश्यम फिल्म देखकर अपने ऊपर ज्यादा यकीन करने वाला शिवकुमार ये भूल गया कि उसका दिमाग अजय देवगन से तेज नहीं है.साथ ही साथ इस फिल्म को भी कई पुलिस वालों ने देखा होगा. फिल्म में भले ही हीरो अपने अपराध को छिपाने में कामयाब हो गया हो,लेकिन असल जिंदगी में शिवकुमार हत्या के बाद अब विलेन बन चुका है.

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