हाथरस: जिले के सहपऊ इलाके में कक्षा 2 के छात्र की हत्या में दिल दहला देने वाला खुलासा हुआ है. स्कूल प्रबंधक, उसका पिता और स्टॉफ के कुछ अन्य लोगों ने बच्चे को स्कूल के हॉस्टल से उठाया था. उनका इरादा बच्चे की बलि देने का था. बलि के लिए स्कूल के पास ही एक ट्यूबवेल की कोठरी को चुना गया था. वहां पहुंचते ही बच्चे की नींद खुल गई और वह रोने लगा. इस पर सबने मिलकर बच्चे का गला दबाकर मार डाला और उसका शव वापस लाकर हॉस्टल के कमरे में रख दिया. इस मामले में पुलिस ने 5 लोगों को गिरफ्तार किया है.
कमरे में मृत मिला था बच्चा: घटना बीते 23 सितंबर की है. कोतवाली क्षेत्र के गांव रासगवां स्थित डीएल पब्लिक स्कूल आवासीय है. इस स्कूल में चंदपा कोतवाली क्षेत्र के गांव अल्हेपुर चुरसेन का 11 साल का बच्चा कक्षा 2 में पढ़ता था. स्कूल में करीब 15 बच्चे रहते हैं. घटना वाली रात सभी बच्चे हॉस्टल में सोए थे. सुबह जब उठने का समय आया तो कृतार्थ (11) अपने कमरे में मूर्छित पड़ा मिला था. स्कूल प्रबंधक दिनेश बघेल बच्चे को कार में डाल इलाज कराने की बात कहकर निकलने लगा. इसी बीच पहुंचे परिजनों ने कार घेर ली और हंगामा करने लगे. जानकारी मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और हॉस्टल संचालक को हिरासत में ले लिया. बच्चे की गर्दन पर निशान मिले थे. पुलिस ने इसके बाद छानबीन शुरू की.
स्कूल की तरक्की के लिए बलि देना चाहता था: घटना के 3 दिन बाद पुलिस ने बच्चे की हत्या का खुलासा किया है. जांच में सामने आया है कि स्कूल प्रबंधक दिनेश बघेल का पिता जशोधन सिंह स्कूल की तरक्की के लिए बच्चे की बलि देना चाहता था. इसके लिए उसने बेटे के साथ मिलकर योजना बनाई. स्कूल के पास ही ट्यूबवेल की कोठरी को बच्चे की बलि के लिए चुना गया. 22 सितंबर की रात जब कृतार्थ गहरी नींद में था तो उसे उठा लिया. इसके बाद उसे लेकर सभी कोठरी में पहुंचे. यहां तांत्रिक क्रिया की जानी थी. इसी दौरान बच्चे की नींद खुल गई और वह रोने लगा. इससे परेशान सभी ने मिलकर बच्चे की गला दबाकर हत्या कर दी.
5 आरोपी पकड़े गए: इससे पहले पुलिस ने 23 सितंबर को थाना सहपऊ में पिता श्रीकृष्ण कुमार की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया था. पुलिस ने जिन 5 अभियुक्तों को पकड़ा है, उसमें प्रबंधक दिनेश बघेल, उसका पिता जशोधन सिंह निवासी ग्राम रसगवा थाना सहपऊ जनपद हाथरस, रामप्रकाश सोलंकी निवासी गौतम नगर, सादाबाद हाथरस , लक्ष्मण सिह निवासी बढ़ा लहरोली घाट थाना बल्देव, मथुरा तथा वीरपाल सिह उर्फ वीरू निवासी ग्राम बंका थाना मुरसान, हाथरस शामिल हैं.
सीओ हिमांशु माथुर ने बताया कि स्कूल के प्रबंधक दिनेश बघेल के पिता जशोधन सिंह स्कूल की तरक्की के लिए तांत्रिक क्रिया करना चाहता था. इसके लिए बच्चे की बलि देने का प्लान तैयार किया था. वहीं, अपर पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार सिंह ने बताया कि बच्चे की बलि देवता को प्रसन्न करने को दी जानी थी. विद्यालय को आर्थिक लाभ हो, इसीलिए बच्चे की बलि देने की प्लानिंग थी. बच्चा जग गया, जिसके बाद उसकी हत्या कर दी गई.
शिक्षा विभाग भी कर रहा कार्रवाई: इधर, बिना अनुमति आवासीय विद्यालय चलाने पर डीएल पब्लिक स्कूल के प्रबंधक व संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी स्वाति भारती ने सहपऊ की खंड शिक्षा अधिकारी पूनम चौधरी को निर्देशित किया है. बता दें कि डीएल पब्लिक स्कूल रासगवां के नाम से कक्षा 1 से 8 तक बिना मान्यता के संचालन हो रहा था. जबकि इस स्कूल के नाम से केवल एक से कक्षा 5 तक की मान्यता दी गई थी. छात्र कृतार्थ की हत्या के बाद यह स्कूल बंद है. जिससे इस स्कूल में पढ़ने वाले 700 बच्चों की पढ़ाई पर भी संकट उत्पन्न हो गया है.