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पुण्यतिथि पर याद किए गए काला बच्चा, भाजपा ने 1993 में बनाया था प्रत्याशी, चुनाव परिणाम के बाद कर दी गई थी हत्या

भाजपा ने 1993 में विधानसभा चुनाव में मुन्ना सोनकर को बिल्हौर सीट से प्रत्याशी बनाया था. लेकिन, चुनाव में सपा के शिवकुमार बेरिया ने उनको 682 वोटों से हरा दिया था. दो महीने बाद ही कानपुर में उनकी हत्या कर दी गईं थी.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 9, 2024, 11:02 PM IST

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भाजपा विधायक राहुल बच्चा सोनकर.

कानपुर : शहर में जब बात बिल्हौर की होती है, तो निश्चित ही हर किसी की जुबां पर काला बच्चा का नाम जरूर आता है. यह नाम कोई इसलिए भी नहीं भूलता, क्योंकि मौजूदा समय में इस विधानसभा से भाजपा विधायक राहुल बच्चा सोनकर, खुद अपने नाम में बच्चा शब्द का प्रयोग करते हैं. शुक्रवार को जब काला बच्चा सोनकर की 30वीं पुण्यतिथि आयोजित हुई, तो काला बच्चा की चर्चा कई दिनों पहले से ही बिल्हौर के गांव-घरों में होने लगी थी. बिल्हौर तहसील के बैरी शिवराजपुर ग्राउंड पुण्यतिथि कार्यक्रम के दौरान भाजपा सांसद अशोक रावत क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रकाश पाल ने दीप जलाकर कार्यक्रम को शुरू किया, जिसमें काला बच्चा की धर्म पत्नी भी मौजूद रहीं. वहीं, सांसद व विधायक समेत भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं ने कार्यक्रम के दौरान काला बच्चा के जीवन से जुड़ी गतिविधियों पर अपने विचार रखे. खास बात यह थी, कि इस कार्यक्रम में हजारों की संख्या में लोग इसलिए शामिल हुए थे, क्योंकि एक बार फिर वर्षों बाद उन्हें काला बच्चा की याद खींच ले आई थी.

सांवला रंग होने के चलते बोला जाता था काला बच्चा : बिल्हौर के क्षेत्रीय लोग बताते हैं, कि काला बच्चा सोनकर का नाम वास्तविक नाम मुन्ना सोनकर था, लेकिन उन्हें उनके सांवले रंग के चलते काला बच्चा बोला जाता था, और फिर यही नाम उनकी पहचान बना. भाजपा ने 1993 में विधानसभा चुनाव में उन्हें बिल्हौर सीट से प्रत्याशी बनाया था, लेकिन चुनाव में सपा के शिवकुमार बेरिया ने उनको 682 वोटों से हरा दिया था, जिसके दो महीने बाद ही कानपुर के भरे बाजार में बम मारकर उनकी हत्या कर दी गईं थी. वहीं, इस घटना को करीब 30 साल जरूर बीत गए, लेकिन कानपुर के लोग आज भी काला बच्चा कांड की याद जरूर करते हैं.

42 हजार से अधिक वोटों से राहुल ने सपा प्रत्याशी को हराया : बिल्हौर में काला बच्चा सोनकर सामाजिक गतिविधियों में भी बढ़-चढ़कर रुचि लेते थे. वह आमजन से बेहद सरल और सौम्य स्वभाव के साथ मिलते थे, उनके दु:ख दर्द सुनते थे. ऐसे में आमजन के प्रति उनका शालीन व्यवहार सभी को खूब भाता था. ऐसे में जब भाजपा ने 2022 के चुनाव में काला बच्चा के पुत्र राहुल बच्चा को टिकट दिया, तो यहां राहुल बच्चा को कुल 123094 मत प्राप्त हुए थे, जिसमें राहुल बच्चा ने सपा की प्रत्याशी रचना सिंह को लगभग 42 हजार से अधिक मतों से हरा दिया था. राहुल बच्चा की जीत को लेकर लोगों का कहना था, कि पिता के प्रति क्षेत्र के आमजन की जो हमदर्दी थी, उसी के चलते राहुल बच्चा को सभी ने अपना विधायक बना दिया.

इस दौरान भाजपा विधायक राहुल बच्चा सोनकर ने कहा कि हमारे पिताजी की आज पुण्यतिथि है. 30 वर्ष हो गए उन्हें इस दुनिया से गए हुए. 1994 में जब यह घटना हुई थी. हर व्यक्ति की जुबान पर एक ही शब्द था कि काल बच्चा अमर रहे. अमर वह व्यक्ति जो किसी के भी दिलों में जिंदा रहे, वह व्यक्ति कभी मरता नहीं है हमेशा जिंदा रहता है.


यह भी पढ़ें : कानपुर में BJP विधायक राहुल ने सड़कों के निर्माण को बताया घटिया

यह भी पढ़ें : बिल्हौर में स्वतंत्र देव सिंह बोले- अभी ट्रेलर था चुनाव के बाद पूरी पिक्चर दिखाई जाएगी

भाजपा विधायक राहुल बच्चा सोनकर.

कानपुर : शहर में जब बात बिल्हौर की होती है, तो निश्चित ही हर किसी की जुबां पर काला बच्चा का नाम जरूर आता है. यह नाम कोई इसलिए भी नहीं भूलता, क्योंकि मौजूदा समय में इस विधानसभा से भाजपा विधायक राहुल बच्चा सोनकर, खुद अपने नाम में बच्चा शब्द का प्रयोग करते हैं. शुक्रवार को जब काला बच्चा सोनकर की 30वीं पुण्यतिथि आयोजित हुई, तो काला बच्चा की चर्चा कई दिनों पहले से ही बिल्हौर के गांव-घरों में होने लगी थी. बिल्हौर तहसील के बैरी शिवराजपुर ग्राउंड पुण्यतिथि कार्यक्रम के दौरान भाजपा सांसद अशोक रावत क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रकाश पाल ने दीप जलाकर कार्यक्रम को शुरू किया, जिसमें काला बच्चा की धर्म पत्नी भी मौजूद रहीं. वहीं, सांसद व विधायक समेत भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं ने कार्यक्रम के दौरान काला बच्चा के जीवन से जुड़ी गतिविधियों पर अपने विचार रखे. खास बात यह थी, कि इस कार्यक्रम में हजारों की संख्या में लोग इसलिए शामिल हुए थे, क्योंकि एक बार फिर वर्षों बाद उन्हें काला बच्चा की याद खींच ले आई थी.

सांवला रंग होने के चलते बोला जाता था काला बच्चा : बिल्हौर के क्षेत्रीय लोग बताते हैं, कि काला बच्चा सोनकर का नाम वास्तविक नाम मुन्ना सोनकर था, लेकिन उन्हें उनके सांवले रंग के चलते काला बच्चा बोला जाता था, और फिर यही नाम उनकी पहचान बना. भाजपा ने 1993 में विधानसभा चुनाव में उन्हें बिल्हौर सीट से प्रत्याशी बनाया था, लेकिन चुनाव में सपा के शिवकुमार बेरिया ने उनको 682 वोटों से हरा दिया था, जिसके दो महीने बाद ही कानपुर के भरे बाजार में बम मारकर उनकी हत्या कर दी गईं थी. वहीं, इस घटना को करीब 30 साल जरूर बीत गए, लेकिन कानपुर के लोग आज भी काला बच्चा कांड की याद जरूर करते हैं.

42 हजार से अधिक वोटों से राहुल ने सपा प्रत्याशी को हराया : बिल्हौर में काला बच्चा सोनकर सामाजिक गतिविधियों में भी बढ़-चढ़कर रुचि लेते थे. वह आमजन से बेहद सरल और सौम्य स्वभाव के साथ मिलते थे, उनके दु:ख दर्द सुनते थे. ऐसे में आमजन के प्रति उनका शालीन व्यवहार सभी को खूब भाता था. ऐसे में जब भाजपा ने 2022 के चुनाव में काला बच्चा के पुत्र राहुल बच्चा को टिकट दिया, तो यहां राहुल बच्चा को कुल 123094 मत प्राप्त हुए थे, जिसमें राहुल बच्चा ने सपा की प्रत्याशी रचना सिंह को लगभग 42 हजार से अधिक मतों से हरा दिया था. राहुल बच्चा की जीत को लेकर लोगों का कहना था, कि पिता के प्रति क्षेत्र के आमजन की जो हमदर्दी थी, उसी के चलते राहुल बच्चा को सभी ने अपना विधायक बना दिया.

इस दौरान भाजपा विधायक राहुल बच्चा सोनकर ने कहा कि हमारे पिताजी की आज पुण्यतिथि है. 30 वर्ष हो गए उन्हें इस दुनिया से गए हुए. 1994 में जब यह घटना हुई थी. हर व्यक्ति की जुबान पर एक ही शब्द था कि काल बच्चा अमर रहे. अमर वह व्यक्ति जो किसी के भी दिलों में जिंदा रहे, वह व्यक्ति कभी मरता नहीं है हमेशा जिंदा रहता है.


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