रांची: राज्य में नगर निकाय चुनाव अधर में है. हाईकोर्ट के निर्देश के बावजूद शहर की सरकार नहीं बन पा रही है. इसके पीछे कई वजह हैं. एक तरफ ट्रिपल टेस्ट को लेकर फंसा पेंच सुलझने की दिशा में है, तो वहीं दूसरी ओर राज्य निर्वाचन आयुक्त का पद महीनों से खाली पड़ा है.
राज्य निर्वाचन आयुक्त डीके तिवारी ने फरवरी 2021 में मुख्य सचिव पद से सेवानिवृत्त होने के बाद आयोग का कामकाज संभाला था. इनका कार्यकाल इस साल फरवरी में समाप्त हो गया. इसके बाद से आयोग का कामकाज बगैर राज्य निर्वाचन आयुक्त के चल रहा है. राज्य निर्वाचन आयुक्त का पद चुनाव की दृष्टि से काफी अहम है. ऐसे में बगैर निर्वाचन आयुक्त के चुनाव कराना संभव नहीं है. हालांकि आयोग के सचिव द्वारा नगर निकाय चुनाव की प्रारंभिक तैयारी के रूप में भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी मतदाता सूची का वार्ड स्तर पर विखंडन का काम जरूर कराया जा रहा है.
झारखंड में नगर निकाय क्षेत्र जहां होने हैं चुनाव
नगर निगम- 09-
रांची, हजारीबाग, मेदनीनगर, धनबाद गिरिडीह, देवघर, चास, आदित्यपुर और मानगो
नगर परिषद- 21
गढ़वा, विश्रामपुर, चाईबासा, झुमरी तिलैया, चक्रधरपुर, चतरा, चिरकुंडा, दुमका, पाकुड़, गोड्डा, गुमला, जुगसलाई, कपाली, लोहरदगा, सिमडेगा, मधुपुर, रामगढ़, साहिबगंज, फुसरो और मिहिजाम.
नगर पंचायत-19
वंशीधर नगर, मझिआंव, हुसैनाबाद, हरिहरगंज, छतरपुर, लातेहार, कोडरमा, डोमचांच, बड़की सरैया, धनवार, महगामा, राजमहल, बरहरवा, बासुकीनाथ, जामताड़ा, बुंडू, खूंटी, सरायकेला और चाकुलिया.
जाति सर्वेक्षण कराने में जुटी सरकार
राज्य सरकार नगर निकाय चुनाव को ध्यान में रखते हुए जाति सर्वेक्षण कराने की दिशा में कदम बढ़ाया है. कैबिनेट में लिए गए निर्णय के बाद कार्मिक विभाग जाति सर्वेक्षण का काम जल्द से जल्द पूरा करने के लिए कार्ययोजना बनाने में जुट गई है. संभावना यह जताई जा रही है कि जल्द ही टीम गठित कर राज्य में जाति सर्वेक्षण का कार्य शुरू किया जायेगा. पूर्व वार्ड पार्षद अरुण कुमार झा कहते हैं कि सरकार की मंशा ही नहीं है कि नगर निकाय चुनाव कराए जाएं. यहां जनता परेशान है और नगर निगम के अधिकारी सुनने को तैयार नहीं है. ऐसे में समय पर यदि चुनाव हो जाता तो जनता परेशान नहीं होती.
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