सिरसा: नगर परिषद के सफाई कर्मचारियों ने आज अपनी मांगों को लेकर नगर परिषद कार्यालय में धरना दिया और सरकार पर वादाखिलाफी के आरोप लगाते हुए नारेबाजी की. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि 10 सालों से प्रदेश में बीजेपी की सरकार है. कर्मचारी धरने-प्रदर्शन और हड़ताल करते हैं तो मांगें मान ली जाती हैं, लेकिन उन्हें पूरा नहीं किया जाता. वर्ष 2023 और 2024 में सरकार ने कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने और शहर की आबादी के हिसाब से नए सफाई कर्मचारियों की भर्ती करने का पत्र जारी किया था, लेकिन फिर इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया.
24 को मंत्रियों के आवास का करेंगे घेराव : कर्मचारियों की मांग है कि उनका वेतन बढ़ाया जाए, एक्सग्रेसिया लागू किया जाए और 2 साल से लेकर 10 साल तक का काम कर चुके कच्चे कर्मचारियों को पक्का किया जाए. अगर ये मांगें पूरी नहीं होती तो 24 दिसंबर को प्रदेश के सभी मंत्रियों के आवास का घेराव कर कर्मचारी मांग पत्र सौंपेंगे. इसके बाद 9 से 10 जनवरी को कर्मचारी भूख हड़ताल पर रहेंगे. इसके बाद भी सरकार ने उनकी नहीं सुनी तो अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी.
1996 के बाद से नहीं हुई सफाई कर्मचारियों की भर्ती : नगर पालिका कर्मचारी संघ के जिला प्रधान व राज्य कमेटी के सदस्य मनोज अटवाल ने बताया कि सिरसा में वर्ष 1996 के बाद नए सफाई कर्मचारियों की भर्ती नहीं की गई है. ठेका प्रथा समाप्त करने, कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने और नई भर्तियां करने की मांग को लेकर आज लगातार धरने-प्रदर्शन किए जा रहे हैं. बीजेपी सरकार ने उनकी मांग को जायज ठहराया है. वेतन बढ़ाने और कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने की शर्त मानी गई, लेकिन वायदा खिलाफी कर मांगों को लागू नहीं किया गया. अगर मांग पूरी नहीं होती है तो आने वाले समय में अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी.
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