शिमला: हिमाचल प्रदेश में अभी नगर निगम शिमला सहित प्रदेश के अन्य शहरी निकायों में एनपीएस कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन स्कीम का लाभ नहीं मिलेगा. हिमाचल प्रदेश में शिमला, मंडी, सोलन, पालमपुर और धर्मशाला के रूप में पांच नगर निगम हैं. कुल शहरी निकायों की संख्या 59 है. इनमें जो कर्मचारी एनपीएस यानी न्यू पेंशन स्कीम के तहत आते हैं, उन्हें ओपीएस का लाभ देने से पूर्व सरकार वित्तीय बोझ का आकलन कर रही है. ये जानकारी हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र में सामने आई है.
आनी से भाजपा विधायक लोकेंद्र कुमार ने इस संदर्भ में सवाल किया था. लोकेंद्र कुमार के सवाल के लिखित जवाब में लोक निर्माण मंत्री जिनके पास हाल ही में शहरी विकास विभाग का जिम्मा भी आया है, ने बताया कि अभी नगर निगम शिमला के कर्मचारियों को ओपीएस का लाभ नहीं दिया जा रहा है. लोकेंद्र कुमार का सवाल था कि क्या नगर निगम शिमला के कर्मचारियों के लिए ओपीएस लागू कर दी गई है? यदि हां, तो क्या उन्हें खाता संख्या आवंटित कर दी गई है? यदि नहीं, तो क्या कारण रहे हैं?
लिखित जवाब में बताया गया कि अभी राज्य सरकार ने नगर निगम शिमला सहित प्रदेश के 59 शहरी निकायों के एनपीएस के तहत आने वाले कर्मचारियों ओपीएस का लाभ देने से पहले उक्त निकायों की प्राप्तियों व देनदारियों का आकलन कर रही है. इससे पड़ने वाले वित्तीय बोझ का परीक्षण किया जा रहा है. उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने 1.15 लाख सरकारी कर्मियों को ओपीएस का लाभ दे दिया है. अभी राज्य बिजली बोर्ड के कर्मचारी ओपीएस का मांग को लेकर आंदोलनरत हैं. इसी संदर्भ में नगर निगम कर्मचारियों के लिए भी ओपीएस की मांग हो रही है.
एनएसडीएल को नहीं भेजा जा रहा एनपीएस अंशदान: आनी के विधायक लोकेंद्र कुमार के सवाल के एक अन्य हिस्से में पूछा गया था कि क्या नगर निगम शिमला के एनपीएस कर्मचारियों का अंशदान संबंधित एजेंसी को भेजा जा रहा है. संबंधित एजेंसी एनएसडीएल यानी नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (मुंबई) है. यहां एनपीएस का अंशदान भेजा जाता है. लोकेंद्र कुमार ये भी जानना चाहते थे कि यदि एनपीएस अंशदान एनएसडीएल मुंबई को भेजा जा रहा है तो ओपीएस कब लागू होगी और यदि अंशदान नहीं भेजा जा रहा है तो कर्मचारियों को हो रहे नुकसान की भरपाई किसके द्वारा की जाएगी?
जवाब में बताया गया कि अप्रैल 2023 से नगर निगम शिमला के कर्मचारियों के एनपीएस अंशदान की कटौती की राशि एनएसडीएल को नहीं भेजी जा रही है. बताया गया कि नगर निगम कर्मचारियों के वेतन से 10 फीसदी अंशदान कटौती की रकम को बैंक में एफडी के तौर पर जमा किया जा रहा है. इसके अलावा नगर निगम शिमला के कर्मचारियों के वेतन के अधिकतम 17 प्रतिशत की दर से इंप्लाई शेयर को उनके पेंशन व ग्रेच्युटी फंड में नियमित रूप से जमा किया जा रहा है.
ये भी पढ़ें: ब्राह्मण कल्याण बोर्ड और राजपूत कल्याण बोर्ड को सरकार से नहीं मिला कोई फंड, तीन साल में सेंक्शन फंड जीरो