दंतेवाड़ा : मूल सर्व बस्तरिया समाज ने चार पत्रकारों की गिरफ्तारी का विरोध किया है. समाज ने चारों पत्रकारों को झूठे मामले में फंसाने का आरोप लगाया. मूल सर्व बस्तरिया समाज के अध्यक्ष जयराम कश्यप ने बताया कि बस्तर जो कि नक्सल प्रभावित क्षेत्र के नाम से जाना जाता है. इस क्षेत्र में विषम परिस्थिति में कार्य कर रहे चार पत्रकारों पर फर्जी मामला दर्ज किया गया. इसके बाद कोंटा टीआई ने गिरफ्तार कर लिया. इसकी निंदा मूल सर्व बस्तरिया समाज जिला दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा कर रहा है.
पत्रकारों को फंसाने के लिए रचा गया षड़यंत्र : वहीं इस मामले में मूल समाज के अध्यक्ष स्वण कडती ने कहा कि पत्रकार सरकार और समाज के लिए एक आईना होता है. जो चौथा स्तंभ के रूप में नक्सल प्रभावित क्षेत्र में विषम परिस्थितियों में कार्य कर रहा है. चाहे नक्सल प्रभावित क्षेत्र में अपहरण के बाद पुलिसकर्मियों को छुड़वाना हो या फिर सरकार के साथ नक्सलियों की मध्यस्थता करानी हो पत्रकार ही आगे आते हैं. ऐसे में अब पत्रकारों के खिलाफ षड़यंत्र रचकर उन्हें ही फंसाया जा रहा है.
''पुलिस प्रशासन द्वारा पत्रकारों को फर्जी मामले में गिरफ्तार करना संविधान के लिए शर्मसार करने वाली बात है. जिसकी हम निंदा करते हैं. छत्तीसगढ़ सरकार से निवेदन करते हैं कि जल्द से जल्द चारों पत्रकारों को रिहा किया जाए.''- स्वण कडती,अध्यक्ष मूल बस्तरिया समाज
मूल बस्तरिया समाज ने पत्रकारों की रिहाई की मांग की है. समाज ने छत्तीसगढ़ सरकार के कोई ठोस कदम नहीं उठाने और इन पत्रकारों को निर्दोष बाइज्जत रिहा नहीं करने पर आंदोलन की चेतावनी दी है. समाज की मांग है कि सरकार जल्द से जल्द कोई ठोस कदम उठाए. इस मामले में जो भी सम्मिलित अधिकारी और दोषी हैं उन्हें कड़ी सजा दिलाए.