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पहली बार कृष्णानंद राय पर मुख्तार ने एके-56 और एके-47 से चलवाई थी 500 राउंड से गोलियां - Krishnanand Rai murder case - KRISHNANAND RAI MURDER CASE

बीजेपी नेता और बाहुबली कृष्णानंद राय की हत्या में मुख्तार अंसारी ने पहली बार एके 56 और एके-47 जैसी बंदूकों का प्रयोग किया गया था. जिसने पूर्वांचल के अपराध जगत में हड़कंप मचा दिया था. जिसने मुख्तार अंसारी के दबदबे को पूरे देश में और मजबूत करने का काम किया.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 29, 2024, 6:51 PM IST

वाराणसी: माफिया मुख्तार अंसारी की गुरुवार को दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई. मुख्तार अंसारी पूर्वांचल की राजनीति और दबंगई का वह नाम था, जिसने 90 के दशक में जरायम की दुनिया में कदम रखा और देखते ही देखते पूरे उत्तर प्रदेश में मुख्तार की तूती बोलने लगी. वैसे तो मुख्तार अंसारी के अपराधी के जीवन की शुरुआत एक ठेकेदार की हत्या से हुई. लेकिन मुख्तार को माफिया बनाने वाला मामला 29 नवम्बर 2005 में हुआ. जब मुख्तार का नाम कृष्णानंद राय हत्याकांड से जुड़ गया. भारतीय जनता पार्टी के विधायक और दिग्गज बाहुबली नेता कृष्णानंद राय की हत्या में मुख्तार अंसारी की तरफ से पहली बार एके 56 और एके-47 जैसी एडवांस बंदूकों का प्रयोग किया गया था. जिसने पूर्वांचल के अपराध जगत में हड़कंप मचा दिया था.

दरअसल, भूमिहार नेता के तौर पर एक अलग पहचान रखने वाले कृष्णानंद राय की 2002 में मोहम्मदाबाद सीट से जीत हासिल हुई. इस जीत के बाद मुख्तार अंसारी और कृष्णानंद राय के बीच दुश्मनी की खाई गहरी होती गई, क्योंकि मुख्तार अपना सबसे बड़ा प्रतिद्वंद्वी बृजेश सिंह को मानता था और उस वक्त बृजेश सिंह पीछे से कृष्णानंद राय को सपोर्ट करके, इस चुनाव में बड़ी जीत हासिल करवाई. जिसके बाद मुख्तार और कृष्णानंद राय की दुश्मनी पूर्वांचल में एक नए अध्याय की तरफ अग्रसर होने लगी.

कृष्णानंद राय की गाड़ी पर अंधाधुंध फायरिंगः बता दें कि जब कृष्णानंद राय को गाजीपुर जिले में एक क्रिकेट प्रतियोगिता में बतौर चीफ गेस्ट बुलाया गया था. प्रतियोगिता का उद्घाटन करने के बाद लौटते समय अंसारी गैंग के अपराधियों ने कृष्णानंद राय की गाड़ी पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी. जिसमें कृष्णानंद राय की मौत हो गई. इस गोलीबारी में उस वक्त पहली बार अपराध जगत में एडवांस राइफल एक 56 और एक-47 का प्रयोग हुआ. जिसने मुख्तार अंसारी के दबदबे को पूरे देश में और मजबूत करने का काम किया. इस आपराधिक गतिविधि के बाद ही मुख्तार अंसारी बाहुबली बन गया और उसने अपराध जगत में एक के बाद एक नए अपराध करने शुरू कर दिए.


2006 में कोर्ट ने सीबीआई जांच का आदेश दिया थाः कृष्णानंद राय की हत्या के बाद अपने पति की मौत के बाद दोषियों को सजा दिलवाने के लिए लड़ाई लड़ रही कृष्णानंद राय की पत्नी अलका राय ने सीबीसीआईडी को इस मामले को ट्रांसफर करने को कहा था. लेकिन इससे आहत कृष्णानंद राय की पत्नी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में रिट दायर करके सीबीआई जांच की मांग की और 2006 में अलका राय की याचिका पर कोर्ट ने सीबीआई जांच का आदेश दिया था. जिसमें कृष्णानंद राय हत्याकांड में मुख्तार अंसारी को सीबीआई कोर्ट ने 3 जुलाई 2019 फैसला सुनाया. उस वक्त दिल्ली की सीबीआई कोर्ट ने गाजीपुर के पूर्व बसपा विधायक मुख्तार अंसारी, मुन्ना बजरंगी, रफीक और अन्य पांच सहित सभी आठ आरोपियों को बरी कर दिया था. हालांकि, बाद में बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय हत्या मामले में अप्रैल 2023 यूपी के बाहुबली नेता मुख़्तार अंसारी और उसके बड़े भाई और गाज़ीपुर से बसपा सांसद अफ़जाल अंसारी को उत्तर प्रदेश की एक कोर्ट ने सज़ा सुनाई. मुख़्तार अंसारी को 10 साल की सज़ा सुनाई. साथ ही पांच लाख रुपये ज़ुर्माना भी लगाया गया.

यह भी पढ़ें मुख्तार अंसारी की बेटे से आखिरी बातचीत- बाबू, बैठ नहीं पा रहा, बेहोश हो जा रहे हैं; दिलासा देता रहा उमर - Mukhtar Ansari Death

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वाराणसी: माफिया मुख्तार अंसारी की गुरुवार को दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई. मुख्तार अंसारी पूर्वांचल की राजनीति और दबंगई का वह नाम था, जिसने 90 के दशक में जरायम की दुनिया में कदम रखा और देखते ही देखते पूरे उत्तर प्रदेश में मुख्तार की तूती बोलने लगी. वैसे तो मुख्तार अंसारी के अपराधी के जीवन की शुरुआत एक ठेकेदार की हत्या से हुई. लेकिन मुख्तार को माफिया बनाने वाला मामला 29 नवम्बर 2005 में हुआ. जब मुख्तार का नाम कृष्णानंद राय हत्याकांड से जुड़ गया. भारतीय जनता पार्टी के विधायक और दिग्गज बाहुबली नेता कृष्णानंद राय की हत्या में मुख्तार अंसारी की तरफ से पहली बार एके 56 और एके-47 जैसी एडवांस बंदूकों का प्रयोग किया गया था. जिसने पूर्वांचल के अपराध जगत में हड़कंप मचा दिया था.

दरअसल, भूमिहार नेता के तौर पर एक अलग पहचान रखने वाले कृष्णानंद राय की 2002 में मोहम्मदाबाद सीट से जीत हासिल हुई. इस जीत के बाद मुख्तार अंसारी और कृष्णानंद राय के बीच दुश्मनी की खाई गहरी होती गई, क्योंकि मुख्तार अपना सबसे बड़ा प्रतिद्वंद्वी बृजेश सिंह को मानता था और उस वक्त बृजेश सिंह पीछे से कृष्णानंद राय को सपोर्ट करके, इस चुनाव में बड़ी जीत हासिल करवाई. जिसके बाद मुख्तार और कृष्णानंद राय की दुश्मनी पूर्वांचल में एक नए अध्याय की तरफ अग्रसर होने लगी.

कृष्णानंद राय की गाड़ी पर अंधाधुंध फायरिंगः बता दें कि जब कृष्णानंद राय को गाजीपुर जिले में एक क्रिकेट प्रतियोगिता में बतौर चीफ गेस्ट बुलाया गया था. प्रतियोगिता का उद्घाटन करने के बाद लौटते समय अंसारी गैंग के अपराधियों ने कृष्णानंद राय की गाड़ी पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी. जिसमें कृष्णानंद राय की मौत हो गई. इस गोलीबारी में उस वक्त पहली बार अपराध जगत में एडवांस राइफल एक 56 और एक-47 का प्रयोग हुआ. जिसने मुख्तार अंसारी के दबदबे को पूरे देश में और मजबूत करने का काम किया. इस आपराधिक गतिविधि के बाद ही मुख्तार अंसारी बाहुबली बन गया और उसने अपराध जगत में एक के बाद एक नए अपराध करने शुरू कर दिए.


2006 में कोर्ट ने सीबीआई जांच का आदेश दिया थाः कृष्णानंद राय की हत्या के बाद अपने पति की मौत के बाद दोषियों को सजा दिलवाने के लिए लड़ाई लड़ रही कृष्णानंद राय की पत्नी अलका राय ने सीबीसीआईडी को इस मामले को ट्रांसफर करने को कहा था. लेकिन इससे आहत कृष्णानंद राय की पत्नी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में रिट दायर करके सीबीआई जांच की मांग की और 2006 में अलका राय की याचिका पर कोर्ट ने सीबीआई जांच का आदेश दिया था. जिसमें कृष्णानंद राय हत्याकांड में मुख्तार अंसारी को सीबीआई कोर्ट ने 3 जुलाई 2019 फैसला सुनाया. उस वक्त दिल्ली की सीबीआई कोर्ट ने गाजीपुर के पूर्व बसपा विधायक मुख्तार अंसारी, मुन्ना बजरंगी, रफीक और अन्य पांच सहित सभी आठ आरोपियों को बरी कर दिया था. हालांकि, बाद में बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय हत्या मामले में अप्रैल 2023 यूपी के बाहुबली नेता मुख़्तार अंसारी और उसके बड़े भाई और गाज़ीपुर से बसपा सांसद अफ़जाल अंसारी को उत्तर प्रदेश की एक कोर्ट ने सज़ा सुनाई. मुख़्तार अंसारी को 10 साल की सज़ा सुनाई. साथ ही पांच लाख रुपये ज़ुर्माना भी लगाया गया.

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