बांदा : जिला जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी की सोमवार को अचानक तबीयत बिगड़ गई थी. सोमवार की आधी रात के बाद उसे रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था. आईसीयू में उसका इलाज चला था. मंगलवार की शाम को मुख्तार को अस्पताल से डिस्चार्ज करके वापस बांदा जेल भेज दिया गया था. बता दें कि कुछ दिनों पहले ही मुख्तार ने पेशी के दौरान खुद को जहर देने का आरोप भी लगाया था.
मुख्तार अंसारी की सुरक्षा व्यवस्था में लापरवाही को लेकर दो दिन पूर्व ही शासन ने एक जेलर और दो डिप्टी जेलर को निलंबित कर दिया था. वर्चुअल पेशी के दौरान मुख्तार अंसारी ने न्यायालय में जेल प्रशासन पर स्लो प्वाइजन देने का आरोप लगाया था. तकरीबन एक सप्ताह से लगातार मुख्तार की तबीयत खराब चल रही थी.
सोमवार की आधी रात के बाद अचानक तबीयत ज्यादा बिगड़ गई थी. इससे जेल प्रशासन में अफरातफरी मच गई थी. हालत गंभीर होने पर आनन-फानन में मुख्तार को गुपचुप तरीके से मेडिकल कॉलेज में भर्ती करा दिया गया था.
चिकित्सकों के अनुसार मुख्तार को पेट और पेशाब में इंफेक्शन की समस्या थी. डीजी जेल एसएन साबत के अनुसार मुख्तार की हालत गंभीर नहीं थी. वहीं मुख्तार के वकीलों ने अनहोनी की आशंका जताई थी. कुछ दिनों पहले मुख्तार ने खुद की जान को खतरा बताया था. 19 मार्च को मिले खाने में उसने विषैला पदार्थ मिलाने का आरोप लगाया था.
वहीं दूसरी ओर मुख्तार अंसारी के भर्ती होने के बाद मेडिकल कॉलेज में पुलिस अलर्ट हो गई थी. हर आने-जाने वाले लोगों की सघन तलाशी ली जा रही थी. मेडिकल कॉलेज के गेट पर काफी पुलिस कर्मी की तैनाती की गई थी. सीओ सिटी व सिटी मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में चेकिंग की जा रही थी.
मुख्तार के दादा थे महात्मा गांधी के करीबी : मुख्तार अंसारी के खानदान से कई शख्सियतों के नाम जुड़े हैं. मुख्तार अंसारी के दादा डॉ. मुख्तार अहमद अंसारी महात्मा गांधी के करीबी हुआ करते थे. वह अपने जमाने के मशहूर सर्जन रहे और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बने. मुख्तार के नाना ब्रिगेडियर उस्मान महावीर चक्र विजेता रहे हैं. ब्रिगेडियर उस्मान 1947 की नौशेरा की जंग में शहीद हुए थे. माफिया मुख्तार अंसारी का पूर्वांचल में 90 के दशक से रसूख शुरू हुआ जो 2017 में योगी आदित्यनाथ सरकार बनने तक रहा. योगी सरकार बनने के बाद माफिया से नेता बने मुख्तार पर शिकंजा कसना शुरू हुआ.
मुख्तार का आपराधिक इतिहास : मुख्तार अंसारी समेत उसके परिवार पर 97 केस दर्ज हैं. मुख्तार अंसारी पर अकेले ही हत्या के 8 मुकदमे समेत 61 मामले दर्ज हैं. इनमें अवधेश राय और कृष्णानंद राय हत्याकांड में मुख्तार को सजा भी हो चुकी थी.
भाई अफजाल अंसारी पर 7 मामले, भाई सिगबतुल्लाह अंसारी पर 3 केस, मुख्तार अंसारी की पत्नी अफसा अंसारी पर 11 मुकदमे, बेटे अब्बास अंसारी पर 8 तो छोटे बेटे उमर अंसारी पर 6 केस दर्ज हैं. मुख्तार अंसारी की बहू निखत पर भी 1 मुकदमा दर्ज है.
32 साल पुराने अवधेश राय हत्याकांड में 5 जून 2023 को कोर्ट ने मुख्तार समेत अन्य को दोषी करार दिया था. मुख्तार अंसारी को इस केस में आजीवन कारावास और 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था. बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी को एमपी/एमएलए कोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट में 10 साल की सजा सुनाई थी. 5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था.
मुख्तार अंसारी के बड़े भाई और बीएसपी सांसद अफजाल अंसारीको भी एमपी एमएलए कोर्ट ने दोषी करार दिया था. सांसद अफजाल अंसारी को 4 साल की सजा और एक लाख रुपये का अर्थदंड लगाया गया था.
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