पटना: बिहार में भीषण गर्मी के बीच स्कूल में छुट्टी नहीं देने को लेकर सरकार को भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है. एक तरफ जहां शिक्षकों में नाराजगी देखने को मिल रही है. वहीं, अब विपक्ष भी सरकार को घेरने का प्रयास कर रहा है. इसी क्रम में मुकेश सहनी ने सरकार पर हमला बोला है.
'शिक्षकों को परेशान कर रहे पाठक': उन्होंने स्कूलों में बच्चों को बेहोश होने पर कहा कि के के पाठक जी को हम अच्छा ऑफिसर समझते थे. उन्होंने पहले कुछ अच्छे निर्णय लिए थे. लेकिन हाल के दिनों में उनका जो निर्णय हो रहा है वो शिक्षकों को परेशान कर रहे है. वो बस अपना वर्चस्व कायम कर रहे है. 6 बजे सुबह स्कूल में पहुंचना है, यह सारी चीजें कही ना कही सही नहीं है. उन्होंने कहा कि पूरे देश लेवल पर देखना चाहिए कि किस तरह से पढ़ाई हो रही है. उसी तरह से बिहार में भी पढ़ाई होना चाहिए. इस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी को संज्ञान लेना चाहिए. लेकिन मुख्यमंत्री जी मौन है.
'हमारे पास कोई विकल्प नहीं': वहीं, विपक्षी दलों द्वारा ईवीएम पर सवाल उठाने के जवाब में मुकेश सहनी ने कहा कि हमारे पास कोई विकल्प नहीं है. देश में अगर जनता या नेता किसी चीज का विरोध करता है तो जो टॉप पर बैठा होता है उन्हें निर्णय लेना होता है. वह चाहे चुनाव आयोग हो या देश के प्रधानमंत्री हो. कई विकसित देशों में ईवीएम से चुनाव नहीं हो रहा है. बैलेट पेपर पर चुनाव हो रहा है. जब बैलेट पेपर पर चुनाव नहीं हो रहा है तो हमारे पास कोई विकल्प नहीं है. जनता के सवालों को लेकर आवाज उठाना है तो हम लोगों को अपना आवाज उठाना होगा.
"हम समझते थे केके पाठक जी अच्छे ऑफिसर है. पहले कुछ अच्छे निर्णय लिए थे. लेकिन अब वो शिक्षकों को परेशान कर रहे है. अपना वर्चस्व कायम कर रहे है. उनके फैसले सही नहीं है." - मुकेश सहनी, वीआईपी, सुप्रीमो
दो दर्जन छात्राओं की तबीयत बिगड़ी: बता दें कि बिहार में भीषण गर्मी के बावजूद इस बार स्कूलों में छुट्टी नहीं हुई है. ऐसे में कई बच्चे लगातार लू की चपेट में आ रहे हैं. बुधवार को मध्य विद्यालय मनकोल में एक के बाद एक दो दर्जन छात्राएं बेहोश होकर विद्यालय परिसर में गिरने लगी. घटना के बाद विद्यालय प्रशासन के हाथ-पैर फूलने लगे. फौरन इसकी सूचना ग्रामीणों को दी गई. आनन-फानन में सभी को सदर अस्पताल लाया गया. वहीं, गुस्साए ग्रामीणों ने मनकौल गांव के पास चांदी जाने वाली मुख्य सड़क को जाम कर दिया.