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गोवर्धन का 464 साल पुराना मेला, चैतन्य महाप्रभु के शिष्य से जुड़ा इतिहास, सिर मुंडवाकर संत करेंगे गिरिराज जी की परिक्रमा - mudiya purnima mela 2024

गोवर्धन का 464 साल पुराना मुड़िया मेला कब से शुरू होने जा रहा है और इसका इतिहास और महत्व क्या है, चलिए आपको बताते हैं इस खबर के जरिए.

mudiya purnima mela 2024 when start history importance how many years old how tradition come detail in hindi
गोवर्धन का मुड़िया मेला. (photo credit: etv bharat gfx)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 15, 2024, 12:38 PM IST

मथुरा: गुरु पूर्णिमा के अवसर पर गिरिराज जी की नगरी गोवर्धन में लगने जा रहे मुड़िया मेला को लेकर जिला प्रशासन ने सभी तैयारियां पूरी कर ली है. 17 से 22 जुलाई तक लाखों की संख्या में भक्त यहां मेले में भाग लेने पहुंचेंगे. यह मेला आस्था का अनुपम केंद्र है. इस बार भक्तों की सुरक्षा में गरा अलीगढ़ मंडल से भारी संख्या में पुलिस बल के साथ पीएसी के जवान भी तैनात रहेंगे.

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गोवर्धन में मुड़िया मेले पर उमड़ता भक्तों का सैलाब. (photo credit: etv bharat)
दरअसल, गोर्वर्धन के इस मेले का इतिहास चैतन्य महाप्रभु के शिष्य सनातन गोस्वामी से जुड़ा है. बताया जाता है कि गोवर्धन में सनातन गोस्वामी रहते थे. वह रोज गिरिराजजी की परिक्रमा करते थे. 464 वर्ष पूर्व आषाढ़ पूर्णिमा संवत 1615 में वह ब्रह्मलीन हो गए थे. इसके बाद उनके शिष्य ने सिर मुंडवाकर उनकी पार्थिव देह को गिरिराजजी की परिक्रमा कराई थी. इस दौरान बड़ी संख्या में भक्त भी शामिल हुए थे. इसके बाद से यहां मेले की परंपरा शुरू हो गई. सिर मुंडवाने के कारण इस मेले का नाम मुड़िया पड़ा. इस मेले की प्रसिद्धि हर साल बढ़ती ही चली गई है. अब तो कुंभ के बाद इसे यूपी का दूसरा सबसे बड़ा मेला कहा जाता है. अनुमान है कि करीब एक करोड़ भक्त इस मेले में भाग लेने पहुंचते हैं. यह मेला इस बार 17 से 22 जुलाई तक चलेगा.
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आस्था का बड़ा केंद्र है मुड़िया मेला. (photo credit: etv bharat)

रोडवेज और रेलवे ने भी किए खास इंतजाम
भक्तों की सुरक्षा के लिए रेलवे और रोडवेज की ओर से अतिरिक्त इंतजाम किए गए हैं. मथुरा, आगरा समेत कई जिलों से मुड़िया मेले के लिए अतिरिक्त बसें चलाई गई है. वहीं रेलवे ने भी अतिरिक्त ट्रेनों के फेरों की व्यवस्था की है. इसी कड़ी में मेले में भाग लेने के लिए भक्तों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है. पूरे मेले में 1000 बस संचालित की गई है नॉर्थ सेंट्रल और ईस्ट सेंट्रल रेलवे द्वारा रेलगाड़ी का भी संचालन किया गया है जो की गोवर्धन स्टेशन मथुरा जंक्शन पर ठहराव की व्यवस्था की गई है.

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गिरिराजजी के मंदिर में की गई सजावट. (photo credit: etv bharat)
सुरक्षा के व्यापक इंतजामराजकीय मुड़िया मेल को लेकर जिला प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं आगरा अलीगढ़ मंडल से बाहरी संख्या में पुलिस बल के साथ पीएससी के जवान और खुफिया विभाग के जवान भी तैनात किए गए हैं पूरे मेला क्षेत्र को नो सुपर जोन ,30 जोन, 62 सेक्टर में विभाजित किया गया है 35 अस्थाई पुलिस चौकी, 30 स्वास्थ्य केंद्र, सीसीटीवी कैमरे के साथ-साथ 35 वॉच टावर से भी निगरानी रखी जाएगी 2000 स्वास्थ्य कर्मी भी तैनात किए गए है30 एंबुलेंस वहां भी लगाए गए हैं पूरे मेला क्षेत्र में पॉलिथीन का प्रयोग न करने की अपील की गई है
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भक्तों की सुरक्षा के लिए भारी संख्या में तैनात रहेगी पुलिस. (photo credit: etv bharat)
500 वर्ष पुरानी परंपरा का निर्वहन होगागोवर्धन के परिक्रमा मार्ग स्थित गौड़ीय महंत मंदिर के संत गुरु पूर्णिमा से एक दिन पूर्व बड़ी संख्या में संत अपने सिर के बालों का मुंडन कराते हैंं और अपने गुरु महाप्रभु को याद करते हैं. दर्जनों की संख्या में मुड़िया संत गुरु पूर्णिमा 21 जुलाई को ढोल नगाड़े बैंड बाजे झांझ मंजीरा की धुन पर देश और विदेशी भक्तों के साथ शोभायात्रा में शामिल होते हैं. इस बार यह 468 वीं शोभायात्रा होगी. इस दौरान गौड़ीय संत गोवर्धन में गिरिराज पर्वत की परिक्रमा लगाएंगे.वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शैलेश कुमार पांडे ने बताया राजकीय मुड़िया मेला को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ब्रीफिंग की गई है सुरक्षा व्यवस्था के साथ-साथ मेले को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराना जिम्मेदारियां है. अन्य जिलों से पर्याप्त संख्या में पुलिस बल के साथ पीएसी के जवान उपलब्ध कराए गए हैं. मेला क्षेत्र को सुपर जॉन जॉन और सेक्टर में बांटा गया है. मुड़िया मेले को लेकर देश के अनेक कोने से लाखों करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु यहां गोवर्धन परिक्रमा लगाने के लिए पहुंचते हैं.

ये भी पढ़ेंः यूपी में कुंभ के बाद इस मेले में जुटते 1 करोड़ भक्त, सिर मुंडवाने से जुड़ा है नाम, इन साधनों से पहुंच सकते

ये भी पढ़ेंः यूपी के सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी, वेतन-पेंशन को लेकर योगी सरकार ने लिया ये फैसला

ये भी पढे़ंः यूपी में डॉक्टरी की पहले साल की फीस 13.73 लाख, सबसे सस्ते कॉलेज की फीस 10.77 लाख

मथुरा: गुरु पूर्णिमा के अवसर पर गिरिराज जी की नगरी गोवर्धन में लगने जा रहे मुड़िया मेला को लेकर जिला प्रशासन ने सभी तैयारियां पूरी कर ली है. 17 से 22 जुलाई तक लाखों की संख्या में भक्त यहां मेले में भाग लेने पहुंचेंगे. यह मेला आस्था का अनुपम केंद्र है. इस बार भक्तों की सुरक्षा में गरा अलीगढ़ मंडल से भारी संख्या में पुलिस बल के साथ पीएसी के जवान भी तैनात रहेंगे.

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गोवर्धन में मुड़िया मेले पर उमड़ता भक्तों का सैलाब. (photo credit: etv bharat)
दरअसल, गोर्वर्धन के इस मेले का इतिहास चैतन्य महाप्रभु के शिष्य सनातन गोस्वामी से जुड़ा है. बताया जाता है कि गोवर्धन में सनातन गोस्वामी रहते थे. वह रोज गिरिराजजी की परिक्रमा करते थे. 464 वर्ष पूर्व आषाढ़ पूर्णिमा संवत 1615 में वह ब्रह्मलीन हो गए थे. इसके बाद उनके शिष्य ने सिर मुंडवाकर उनकी पार्थिव देह को गिरिराजजी की परिक्रमा कराई थी. इस दौरान बड़ी संख्या में भक्त भी शामिल हुए थे. इसके बाद से यहां मेले की परंपरा शुरू हो गई. सिर मुंडवाने के कारण इस मेले का नाम मुड़िया पड़ा. इस मेले की प्रसिद्धि हर साल बढ़ती ही चली गई है. अब तो कुंभ के बाद इसे यूपी का दूसरा सबसे बड़ा मेला कहा जाता है. अनुमान है कि करीब एक करोड़ भक्त इस मेले में भाग लेने पहुंचते हैं. यह मेला इस बार 17 से 22 जुलाई तक चलेगा.
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आस्था का बड़ा केंद्र है मुड़िया मेला. (photo credit: etv bharat)

रोडवेज और रेलवे ने भी किए खास इंतजाम
भक्तों की सुरक्षा के लिए रेलवे और रोडवेज की ओर से अतिरिक्त इंतजाम किए गए हैं. मथुरा, आगरा समेत कई जिलों से मुड़िया मेले के लिए अतिरिक्त बसें चलाई गई है. वहीं रेलवे ने भी अतिरिक्त ट्रेनों के फेरों की व्यवस्था की है. इसी कड़ी में मेले में भाग लेने के लिए भक्तों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है. पूरे मेले में 1000 बस संचालित की गई है नॉर्थ सेंट्रल और ईस्ट सेंट्रल रेलवे द्वारा रेलगाड़ी का भी संचालन किया गया है जो की गोवर्धन स्टेशन मथुरा जंक्शन पर ठहराव की व्यवस्था की गई है.

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गिरिराजजी के मंदिर में की गई सजावट. (photo credit: etv bharat)
सुरक्षा के व्यापक इंतजामराजकीय मुड़िया मेल को लेकर जिला प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं आगरा अलीगढ़ मंडल से बाहरी संख्या में पुलिस बल के साथ पीएससी के जवान और खुफिया विभाग के जवान भी तैनात किए गए हैं पूरे मेला क्षेत्र को नो सुपर जोन ,30 जोन, 62 सेक्टर में विभाजित किया गया है 35 अस्थाई पुलिस चौकी, 30 स्वास्थ्य केंद्र, सीसीटीवी कैमरे के साथ-साथ 35 वॉच टावर से भी निगरानी रखी जाएगी 2000 स्वास्थ्य कर्मी भी तैनात किए गए है30 एंबुलेंस वहां भी लगाए गए हैं पूरे मेला क्षेत्र में पॉलिथीन का प्रयोग न करने की अपील की गई है
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भक्तों की सुरक्षा के लिए भारी संख्या में तैनात रहेगी पुलिस. (photo credit: etv bharat)
500 वर्ष पुरानी परंपरा का निर्वहन होगागोवर्धन के परिक्रमा मार्ग स्थित गौड़ीय महंत मंदिर के संत गुरु पूर्णिमा से एक दिन पूर्व बड़ी संख्या में संत अपने सिर के बालों का मुंडन कराते हैंं और अपने गुरु महाप्रभु को याद करते हैं. दर्जनों की संख्या में मुड़िया संत गुरु पूर्णिमा 21 जुलाई को ढोल नगाड़े बैंड बाजे झांझ मंजीरा की धुन पर देश और विदेशी भक्तों के साथ शोभायात्रा में शामिल होते हैं. इस बार यह 468 वीं शोभायात्रा होगी. इस दौरान गौड़ीय संत गोवर्धन में गिरिराज पर्वत की परिक्रमा लगाएंगे.वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शैलेश कुमार पांडे ने बताया राजकीय मुड़िया मेला को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ब्रीफिंग की गई है सुरक्षा व्यवस्था के साथ-साथ मेले को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराना जिम्मेदारियां है. अन्य जिलों से पर्याप्त संख्या में पुलिस बल के साथ पीएसी के जवान उपलब्ध कराए गए हैं. मेला क्षेत्र को सुपर जॉन जॉन और सेक्टर में बांटा गया है. मुड़िया मेले को लेकर देश के अनेक कोने से लाखों करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु यहां गोवर्धन परिक्रमा लगाने के लिए पहुंचते हैं.

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