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सरगुजा में धूल खा रही है 14 करोड़ की एमआरआई मशीन - MRI MACHINE GATHERING DUST

अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में अबतक MRI मशीन को इंस्टॉल नहीं किया जा सका है.

AMBIKAPUR MEDICAL COLLEGE
धूल खा रही है चौदह करोड़ की मशीन (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Nov 23, 2024, 7:38 PM IST

Updated : Nov 23, 2024, 7:57 PM IST

सरगुजा: सरगुजा संभाग आदिवासी बहुल संभाग है. स्वास्थ्य सुविधाओं की हमेशा से यहां कमी रही है. सरगुजा संभाग का सबसे बड़ा अस्पताल भी अंबिकापुर में है. बीते दिनों अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में लगाने के लिए एमआरआई मशीन की खरीदी की गई. मशीन की खरीदी हुए चार महीने बीत चुके हैं. अबतक मशीन को अस्पताल में इंस्टॉल नहीं किया जा सका है. मरीजों का कहना है कि मशीन नहीं लगने से उनको बाहर में जांच के ज्यादा पैसे चुकाने पड़ते हैं. अगर मशीन लग जाए तो समय और पैसा दोनों बचेगा.

14 करोड़ की मशीन खा रही धूल: अबिकापुर मेडिकल कॉलेज के प्रभारी डीन कहते हैं कि 15 दिसंबर तक मशीन को लगा दिया जाएगा. मशीन को लगाने में कुछ तकनीकी जरुरतों को ध्यान में रखा जाता है. डीन ने कहा कि जिस कंपनी से मशीन खरीदी गई है वहीं कंपनी मशीन को फिट कर रही है. ट्रांसफॉर्मर लगाने का काम पूरा होते ही मशीन भी अपना काम शुरु कर देगी.

धूल खा रही है चौदह करोड़ की मशीन (ETV Bharat)

एमआरआई मशीन अस्पताल में पहुंच गई है पर लगी नहीं है. गंभीर चोटों की पहचान इसी मशीन से होती है. समय पर लग जाए तो लोगों को मदद मिलेगी. :वसीम अकरम, स्थानीय निवासी

14 करोड़ की मशीन अस्पताल में लाई गई है. अभी तक चालू नहीं किया गया है. मरीजों को काफी दिक्कत हो रही है. प्राइवेट में टेस्ट कराना काफी महंगा पड़ता है. :मनीष, स्थानीय निवासी

मुश्किल में मरीज: एमआरआई की सुविधा अस्पताल में नहीं होने के चलते इलाज कराने आए मरीजों को काफी भटकना पड़ रहा है. सरगुजा संभाग के छह जिलों के मरीजों को यहां इलाज के लिए रेफर किया जाता है. मशीन की खरीदी के लिए 7 करोड़ एसईसीएल ने दिए जबकी 7 करोड़ शासन ने दिए हैं.


करीब साढ़े तीन महीने पहले हमारे पास ये मशीन पहुंच गई है. इंस्टॉलेशन का काम कंपनी की ओर से किया जा रहा है. हमारे ओर से जो भी जरुरी काम पेंडिंग पड़ा था वो पूरा कर लिया गया है. ट्रांसफॉर्मर लगाने का काम भी पूरा हो चुका है. कंपनी की ओर से कहा गया है कि दिसंबर मिड तक मशीन सेट हो जाएगी, काम करने लगेगी. :डॉ आरसी आर्या, प्रभारी डीन, मेडिकल कॉलेज

''दिसंबर 15 से काम करने लगेगी मशीन'': एमआरआई मशीन की खरीदी सीजीएमएससी के द्वारा की गई है. मशीन की कीमत कुल 14 करोड़ है. सात करोड़ हमें एसईसीएल से और सात करोड़ शासन की ओर से मिले. प्रभारी डीन ने कहा कि लोगों को दिक्कत हो रही है ये सही बात है. हमारी कोशिश है कि जल्द से जल्द ये मशीन काम करने लगे.

अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज को मिली एमआरआई मशीन, लेकिन सेटअप तैयार नहीं, डेढ़ महीने बाद मिलेगी सुविधा - Surguja News
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14 करोड़ की मशीन खा रही धूल: अबिकापुर मेडिकल कॉलेज के प्रभारी डीन कहते हैं कि 15 दिसंबर तक मशीन को लगा दिया जाएगा. मशीन को लगाने में कुछ तकनीकी जरुरतों को ध्यान में रखा जाता है. डीन ने कहा कि जिस कंपनी से मशीन खरीदी गई है वहीं कंपनी मशीन को फिट कर रही है. ट्रांसफॉर्मर लगाने का काम पूरा होते ही मशीन भी अपना काम शुरु कर देगी.

धूल खा रही है चौदह करोड़ की मशीन (ETV Bharat)

एमआरआई मशीन अस्पताल में पहुंच गई है पर लगी नहीं है. गंभीर चोटों की पहचान इसी मशीन से होती है. समय पर लग जाए तो लोगों को मदद मिलेगी. :वसीम अकरम, स्थानीय निवासी

14 करोड़ की मशीन अस्पताल में लाई गई है. अभी तक चालू नहीं किया गया है. मरीजों को काफी दिक्कत हो रही है. प्राइवेट में टेस्ट कराना काफी महंगा पड़ता है. :मनीष, स्थानीय निवासी

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करीब साढ़े तीन महीने पहले हमारे पास ये मशीन पहुंच गई है. इंस्टॉलेशन का काम कंपनी की ओर से किया जा रहा है. हमारे ओर से जो भी जरुरी काम पेंडिंग पड़ा था वो पूरा कर लिया गया है. ट्रांसफॉर्मर लगाने का काम भी पूरा हो चुका है. कंपनी की ओर से कहा गया है कि दिसंबर मिड तक मशीन सेट हो जाएगी, काम करने लगेगी. :डॉ आरसी आर्या, प्रभारी डीन, मेडिकल कॉलेज

''दिसंबर 15 से काम करने लगेगी मशीन'': एमआरआई मशीन की खरीदी सीजीएमएससी के द्वारा की गई है. मशीन की कीमत कुल 14 करोड़ है. सात करोड़ हमें एसईसीएल से और सात करोड़ शासन की ओर से मिले. प्रभारी डीन ने कहा कि लोगों को दिक्कत हो रही है ये सही बात है. हमारी कोशिश है कि जल्द से जल्द ये मशीन काम करने लगे.

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Last Updated : Nov 23, 2024, 7:57 PM IST
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