पटनाः बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि प्रदेश में एनडीए सरकार की वापसी के मात्र 45 दिन बाद ही मां सीता की जन्मभूमि सीतामढ़ी के पुनौराधाम को विकसित करने के लिए 50 एकड़ भूमि के अधिग्रहण का निर्णय लिया गया, जो सांस्कृतिक पुनर्जागरण और पर्यटन क्षेत्र में रोजगार के अवसर सृजित करने की दृष्टि से बड़ा फैसला है. सुशील मोदी ने ये भी कहा कि राम-विरोधियों के सत्ता से हटते ही पुनौराधाम के विकास के लिए योजना को मंजूरी मिल गई.
'मंदिरों को गुलामी का प्रतीक बताने और अयोध्या में राम मंदिर का विरोध करने वाले राजद के सत्ता में रहते सीतामढ़ी का विकास बिल्कुल नहीं हो पाता. कांग्रेस, राजद और पूरे इंडी गठबंधन ने अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान का बहिष्कार किया था. डिप्टी सीएम रहते तेजस्वी यादव ने यह कह कर राम-भक्तों की आस्था पर चोट की थी कि बीमार पड़ने पर कोई मंदिर नहीं जाता'-सुशील मोदी, बीजेपी सांसद
'उत्तर बिहार की अर्थ व्यवस्था मजबूत होगी': पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राम-विरोधियों के सत्ता से हटते ही पुनौराधाम के विकास के लिए 72 करोड़ 47 लाख रुपये खर्च करने की योजना को मंजूरी मिल गई. अब वहां अयोध्या की तरह भव्य सीता मंदिर बनेगा, सुंदरीकरण और यात्री सुविधाओं को स्तरीय बनाया जाएगा और इस धर्म स्थल को राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ा जाएगा. इससे उत्तर बिहार की अर्थ व्यवस्था मजबूत होगी.
विकास के लिए केंद्र ने दी 30 करोड़ की राशिः आपको बता दें कि अयोध्या की तरह ही बिहार के सीतामढ़ी में पुनौरा धाम जानकी मंदिर का विकास किया जाएगा. जो माता सीता की जन्म स्थली है. मंदिर के लिए केंद्र सरकार ने 30 करोड़ की राशि दी है. स्थानीय लोगों में इसको लेकर खुशी की लहर है. लोगों का कहना है कि पुनौरा धाम का विकास होने से रोजगार भी मिलेगा. माता जानकी की जन्म स्थली पुनौरा धाम को रामायण सर्किट से जोड़ा जाएगा. आम लोगों में यह आस जगी है कि अयोध्या की तरह ही पुनौरा धाम का निर्माण होगा.
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