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विधानसभा सत्र के बाद आएगा मध्य प्रदेश में ट्रांसफर-पोस्टिंग का मानसून, कैसी होगी नई तबादला नीति - MP new transfer policy

मध्यप्रदेश में न्यू ट्रांसफर पॉलिसी तैयार है. इसके लागू का इंतजार अधिकारी-कर्मचारियों के साथ मंत्री- विधायक भी कर रहे हैं. विधानसभा मानसून सत्र के बाद नई तबादला नीति लागू होने की संभावना है. इसके अनुसार जिलों के भीतर प्रभारी मंत्री ट्रांसफर कर सकेंगे.

MP new transfer policy
मध्यप्रदेश की नई तबादला नीति लागू होने का इंतजार (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jun 17, 2024, 1:49 PM IST

Updated : Jun 17, 2024, 2:46 PM IST

जबलपुर। मध्य प्रदेश में मानसून के दौरान एक तरफ बारिश हो रही होगी तो दूसरी तरफ ट्रांसफर-पोस्टिंग में भी बारिश नजर आएगी. क्योंकि मोहन यादव सरकार की नई तबादला नीति तैयार है. इसे विधानसभा के मानसून सत्र के बाद लागू किए जाने की तैयारी है. इसके साथ ही मानसून सत्र के बाद मंत्रियों को जिलों का प्रभार भी दिया जाएगा, ताकि जिलों के भीतर भी वे ट्रांसफर कर सकें.

सरकार गठन के 6 माह बाद भी सत्ता का विकेंद्रीकरण नहीं

सरकार गठन के 6 माह बाद भी मोहन यादव सरकार ने शक्ति का विकेंद्रीकरण नहीं हो सका है. सीएम मोहन यादव ने अलग-अलग विभागों के लिए मंत्री तो बना दिए हैं लेकिन अभी तक मंत्रियों के पास ट्रांसफर करने का अधिकार नहीं हैं. छोटे-मोटे ट्रांसफर के लिए भी मुख्यमंत्री कार्यालय से ही अनुमति लेनी होती है. इसके साथ ही मंत्री अपने मनचाहे सचिव भी अपने साथ नहीं रख पा रहे हैं. ऐसी स्थिति में सरकार तो है लेकिन सरकार के पास शक्ति नहीं है. वहीं जिलों को चलाने के लिए प्रभारी मंत्री की एक अवधारणा भी है लेकिन अब तक जिलों के प्रभारी मंत्री नहीं बनाए गए हैं. ऐसी स्थिति में जिले के भीतर के ट्रांसफर-पोस्टिंग भी नहीं हो पा रही हैं.

कई जिलों के कलेक्टर व एसपी भी बदलेंगे

प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि कई जिलों के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को भी बदले जाना है. इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है. नई ट्रांसफर पॉलिसी तैयार है. इसे मानसून सत्र के बाद लागू किया जाएगा. ट्रांसफर पॉलिसी का इंतजार अधिकारी कर्मचारी तो कर ही रहे हैं, मंत्री भी कर रहे हैं, क्योंकि वह भी अपने मनचाहे सचिवों को अपने साथ लाना चाहते हैं. साथ ही अपनी जिलों में अपनी जरूरत के हिसाब से अधिकारियों की पोस्टिंग चाहते हैं.

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कमलनाथ सरकार पर लगाए थे आरोप

बता दें कि तबादला नीति भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल में कभी चर्चा में नहीं आई है. हालांकि 15 महीने की कमलनाथ सरकार के दौरान तबादला नीति पर जमकर चर्चा होती थी, यहां तक कि भारतीय जनता पार्टी ने तो इसे एक मुद्दा बना लिया था और यह आरोप भी लगाए थे कि तबादला नीति को कांग्रेस ने तबादला उद्योग बना दिया है. बहरहाल, एक बार फिर से जब मध्य प्रदेश की न्यू ट्रांसफर पॉलिसी लागू होगी, तब बड़े पैमाने पर परिवर्तन भी नजर आएंगे.

जबलपुर। मध्य प्रदेश में मानसून के दौरान एक तरफ बारिश हो रही होगी तो दूसरी तरफ ट्रांसफर-पोस्टिंग में भी बारिश नजर आएगी. क्योंकि मोहन यादव सरकार की नई तबादला नीति तैयार है. इसे विधानसभा के मानसून सत्र के बाद लागू किए जाने की तैयारी है. इसके साथ ही मानसून सत्र के बाद मंत्रियों को जिलों का प्रभार भी दिया जाएगा, ताकि जिलों के भीतर भी वे ट्रांसफर कर सकें.

सरकार गठन के 6 माह बाद भी सत्ता का विकेंद्रीकरण नहीं

सरकार गठन के 6 माह बाद भी मोहन यादव सरकार ने शक्ति का विकेंद्रीकरण नहीं हो सका है. सीएम मोहन यादव ने अलग-अलग विभागों के लिए मंत्री तो बना दिए हैं लेकिन अभी तक मंत्रियों के पास ट्रांसफर करने का अधिकार नहीं हैं. छोटे-मोटे ट्रांसफर के लिए भी मुख्यमंत्री कार्यालय से ही अनुमति लेनी होती है. इसके साथ ही मंत्री अपने मनचाहे सचिव भी अपने साथ नहीं रख पा रहे हैं. ऐसी स्थिति में सरकार तो है लेकिन सरकार के पास शक्ति नहीं है. वहीं जिलों को चलाने के लिए प्रभारी मंत्री की एक अवधारणा भी है लेकिन अब तक जिलों के प्रभारी मंत्री नहीं बनाए गए हैं. ऐसी स्थिति में जिले के भीतर के ट्रांसफर-पोस्टिंग भी नहीं हो पा रही हैं.

कई जिलों के कलेक्टर व एसपी भी बदलेंगे

प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि कई जिलों के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को भी बदले जाना है. इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है. नई ट्रांसफर पॉलिसी तैयार है. इसे मानसून सत्र के बाद लागू किया जाएगा. ट्रांसफर पॉलिसी का इंतजार अधिकारी कर्मचारी तो कर ही रहे हैं, मंत्री भी कर रहे हैं, क्योंकि वह भी अपने मनचाहे सचिवों को अपने साथ लाना चाहते हैं. साथ ही अपनी जिलों में अपनी जरूरत के हिसाब से अधिकारियों की पोस्टिंग चाहते हैं.

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कमलनाथ सरकार पर लगाए थे आरोप

बता दें कि तबादला नीति भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल में कभी चर्चा में नहीं आई है. हालांकि 15 महीने की कमलनाथ सरकार के दौरान तबादला नीति पर जमकर चर्चा होती थी, यहां तक कि भारतीय जनता पार्टी ने तो इसे एक मुद्दा बना लिया था और यह आरोप भी लगाए थे कि तबादला नीति को कांग्रेस ने तबादला उद्योग बना दिया है. बहरहाल, एक बार फिर से जब मध्य प्रदेश की न्यू ट्रांसफर पॉलिसी लागू होगी, तब बड़े पैमाने पर परिवर्तन भी नजर आएंगे.

Last Updated : Jun 17, 2024, 2:46 PM IST
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