भोपाल। मंगलवार से राजधानी सहित प्रदेश के अधिकांश जिलों में बारिश की रफ्तार धीमी पड़ गई है. बारिश में कमी के कारण दिन के तापमान ने भी यू-टर्न ले लिया. एक दिन पहले पश्चिमी मध्य प्रदेश के सभी और पूर्वी प्रदेश के कुछ हिस्सों में पारा तेजी से गिरा था, जो मंगलवार को फिर से चढ़ गया. मौसम वैज्ञानिको के अनुसार बारिश के बीच 4 से 5 डिग्री तक पारे में उछाल आया है. इससे लोग गर्मी और उमस से परेशान हो रहे हैं.
इन जिलों में हल्की बारिश की संभावना
मौसम केंद्र के अनुसार "बुधवार को बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ, धार, देवास, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, बालाघाट, पांढुर्णा आदि जिलों में सामान्य से मध्यम बारिश होगी. भोपाल सहित शेष जिलों में बादल, गरज-चमक और बौछारें पड़ने का अनुमान है." मौसम विशेषज्ञ एके शुक्ला के अनुसार "अभी बंगाल की खाड़ी में कोई प्रभावी सिस्टम नहीं होने से अभी बारिश में कुछ कमी आएगी. हालांकि अरब सागर से कुछ नमी मिलने और लोकल सिस्टम एक्टिव रहने से कुछ जिलों में बादल, बौछारें और मध्यम बारिश हो सकती है."
4 से 5 डिग्री तक बढ़ा पारा
मंगलवार को दिन में धूप और बादलों का असर कम होने से अधिकतम तापमान में तेजी से बढ़त रही. सर्वाधिक बढ़त इंदौर में 4.4 डिग्री रही. भोपाल, रीवा, गुना, शिवपुरी, टीकमगढ़, खंडवा, रायसेन, पचमढ़ी, ग्वालियर, धार आदि जिलों में पारा 2 से 3 डिग्री तक बढ़ने से दिनभर उमस और गर्मी का अहसास रहा. भोपाल में पारा 3.8 डिग्री बढ़कर 34.3 डिग्री रहा. यह नॉर्मल से 2 डिग्री अधिक है. प्रदेश में औसत अधिकतम पारा 34 डिग्री रहा. बादलों में कमी के कारण रात का औसत पारे में एक डिग्री तक गिरावट दर्ज हुई है.
औसत से 2 प्रतिशत कम बारिश
प्रदेश में मंगलवार तक दीर्घावधि औसत से 2 प्रतिशत तक कम बारिश हुई है. मौसम केंद्र के आंकड़ों के अनुसार एक जून से अब तक पूर्वी मध्य प्रदेश में औसत से 13 फीसदी कम और पश्चिमी मध्य प्रदेश में औसत से 10 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज हुई है. प्रदेश में अब तक 212.3 मिमी बारिश होना थी, जो 209.1 मिमी ही दर्ज हुई है. कुल मिलाकर प्रदेश में औसत से 2 प्रतिशत कम बारिश हुई है.
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इसलिए मौसम में आया बदलाव
मानसून द्रोणिका वर्तमान में प्रदेश के रायसेन जिले से होकर गुजर रही है. इसके अलावा तीन अलग-अलग स्थानों पर मौसम प्रणालियां भी बनी हैं. मौसम विज्ञानियों के मुताबिक बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से कुछ नमी के मिलने के कारण प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम वर्षा हो रही है. बंगाल की खाड़ी अथवा अरब सागर में कम दबाव का क्षेत्र नहीं बनने के कारण प्रदेश में कहीं भी लगातार झमाझम वर्षा की स्थिति नहीं बना पा रही है.