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मोमोज का होगा मोय-मोय, फास्ट फूड के खिलाफ मोहन यादव सरकार उठाने जा रही ये कदम - Mp govt action against momos

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 25, 2024, 5:45 PM IST

Updated : Jul 25, 2024, 6:10 PM IST

युवाओं और बच्चों की पसंदीदा डिश मोमोज अब मोहन यादव सरकार के निशाने पर है. दरअसल, मोमोज में पाए जाने वाले घातक रसायनों से बढ़ती बीमारियों के चलते आज नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने रेस्टोरेंट और स्ट्रीट फूड जोन में बिकने वाले मोमोज व अन्य फास्ट फूड की जांच के आदेश दिए हैं.

MP GOVT ACTION AGAINST MOMOS
फास्ट फूड के खिलाफ मोहन यादव सरकार उठाने जा रही ये कदम (Etv Bharat)

इंदौर : शहर के एमडीएम मेडिकल कॉलेज में आयोजित एक सम्मान समारोह के अवसर पर कैलाश विजयवर्गीय ने कहा जिस तेजी से मेडिकल साइंस तरक्की कर रहा है, उससे कई गुना ज्यादा तेजी से दूषित खानपान के कारण बीमारियां हो रही हैं. उन्होंने खासतौर पर फास्ट फूड पिज्जा, बर्गर और मोमोज का जिक्र करते हुए कहा कि इस तरह की डिशें खाकर लोग गंभीर बीमारियों को आमंत्रित कर रहे हैं.

फास्ट फूड के खतरों पर ये बोलो कैलाश विजयवर्गीय (Etv Bharat)

इस वजह से होगी मोमोज की जांच

कैलाश विजयवर्गीय ने आगे कहा, '' हमारा पेट कोई डस्टबिन नहीं है, जिसमें हम कुछ भी गंदगी डाल दें. मोमोज को तैयार करने के दौरान स्वाद बढ़ाने के लिए कई तरह के सिरप और केचप डाले जाते हैं, जो बहुत नुकसानदायक होते हैं. आजकल स्ट्रीट फूड में भी सबसे ज्यादा बच्चों के बीच मोमोज ही पसंदीदा डिश है और इसे खाने से रोकना कई बार परिजनों के लिए भी मुश्किल हो जाता है. लिहाजा इस व्यंजन में किन-किन तत्वों का उपयोग किया जाता है, सरकार जल्द ही इसकी जांच कराएगी।

क्यों खतरनाक हैं मोमोज?

दरअसल, मोमोज एक तिब्बती व्यंजन है जिसमें सब्जियों को मैदे की एक थैली में पका कर तैयार किया जाता है. इसमें सब्जियों के अलावा विनेगर, मैदा, अजीनोमोटो, बेकिंग पाउडर के अलावा कई तरह के केचप आदि का उपयोग होता है जो ब्लड शुगर, उच्च रक्तचाप और कैंसर जैसी घातक बीमारियों का भी कारण बन रहे हैं. एक सर्वे रिपोर्ट में पाया गया है कि फास्ट फूड और खासकर मोमोज कई बड़ी बीमारियों की वजह है, इसका मैदा आंतों में जाकर चिपक जाता है और कई दिनों तक वहां रहता है, जिससे कई बीमारियां होने लगती हैं.

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विजयवर्गीय बोले यूरिया से हो रही डायबिटीज

प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने इसके बाद यूरिया से जुड़े खतरों पर बात की. उन्होंने कहा, '' पहले डायबिटीज की बीमारी ग्रामीण अंचल में लोगों को नहीं होती थी लेकिन अब आदिवासी अंचल में भी लोग डायबिटीज की बीमारी का शिकार हो चुके हैं. खेती में यूरिया खाद के बढ़ते उपयोग के कारण यह बीमारी लगातार तेजी से फैल रही है. ऐसे में डॉक्टरों की जिम्मेदारी इन बीमारियों के इलाज के लिए ज्यादा बढ़ जाती है.''

इंदौर : शहर के एमडीएम मेडिकल कॉलेज में आयोजित एक सम्मान समारोह के अवसर पर कैलाश विजयवर्गीय ने कहा जिस तेजी से मेडिकल साइंस तरक्की कर रहा है, उससे कई गुना ज्यादा तेजी से दूषित खानपान के कारण बीमारियां हो रही हैं. उन्होंने खासतौर पर फास्ट फूड पिज्जा, बर्गर और मोमोज का जिक्र करते हुए कहा कि इस तरह की डिशें खाकर लोग गंभीर बीमारियों को आमंत्रित कर रहे हैं.

फास्ट फूड के खतरों पर ये बोलो कैलाश विजयवर्गीय (Etv Bharat)

इस वजह से होगी मोमोज की जांच

कैलाश विजयवर्गीय ने आगे कहा, '' हमारा पेट कोई डस्टबिन नहीं है, जिसमें हम कुछ भी गंदगी डाल दें. मोमोज को तैयार करने के दौरान स्वाद बढ़ाने के लिए कई तरह के सिरप और केचप डाले जाते हैं, जो बहुत नुकसानदायक होते हैं. आजकल स्ट्रीट फूड में भी सबसे ज्यादा बच्चों के बीच मोमोज ही पसंदीदा डिश है और इसे खाने से रोकना कई बार परिजनों के लिए भी मुश्किल हो जाता है. लिहाजा इस व्यंजन में किन-किन तत्वों का उपयोग किया जाता है, सरकार जल्द ही इसकी जांच कराएगी।

क्यों खतरनाक हैं मोमोज?

दरअसल, मोमोज एक तिब्बती व्यंजन है जिसमें सब्जियों को मैदे की एक थैली में पका कर तैयार किया जाता है. इसमें सब्जियों के अलावा विनेगर, मैदा, अजीनोमोटो, बेकिंग पाउडर के अलावा कई तरह के केचप आदि का उपयोग होता है जो ब्लड शुगर, उच्च रक्तचाप और कैंसर जैसी घातक बीमारियों का भी कारण बन रहे हैं. एक सर्वे रिपोर्ट में पाया गया है कि फास्ट फूड और खासकर मोमोज कई बड़ी बीमारियों की वजह है, इसका मैदा आंतों में जाकर चिपक जाता है और कई दिनों तक वहां रहता है, जिससे कई बीमारियां होने लगती हैं.

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विजयवर्गीय बोले यूरिया से हो रही डायबिटीज

प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने इसके बाद यूरिया से जुड़े खतरों पर बात की. उन्होंने कहा, '' पहले डायबिटीज की बीमारी ग्रामीण अंचल में लोगों को नहीं होती थी लेकिन अब आदिवासी अंचल में भी लोग डायबिटीज की बीमारी का शिकार हो चुके हैं. खेती में यूरिया खाद के बढ़ते उपयोग के कारण यह बीमारी लगातार तेजी से फैल रही है. ऐसे में डॉक्टरों की जिम्मेदारी इन बीमारियों के इलाज के लिए ज्यादा बढ़ जाती है.''

Last Updated : Jul 25, 2024, 6:10 PM IST
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