जबलपुर। लोक सभा चुनाव 2024 के चुनाव परिणाम मध्य प्रदेश की राजनीति में भी आमूल चूल परिवर्तन करते हुए नजर आ रहे हैं. दांव पर मुख्यमंत्री मोहन यादव भी हैं. चर्चा इस बात की भी है कि यदि परिणाम भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में नहीं रहे तो हो सकता है, कोई नया मुख्यमंत्री देखने को मिले. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा भी किसी नई भूमिका में नजर आ सकते हैं. यही हाल मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का भी है. उनके लिए भी कोई नई जगह तय की गई है. जबलपुर के वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक रविंद्र दुबे का कहना है कि 'यह चुनाव राजनीतिक हस्तियों की दिशा दशा बदल देगा.
वीडी शर्मा का क्या होगा
खजुराहो लोकसभा वीडी शर्मा को लगभग गिफ्ट में मिल गई है. वीडी शर्मा के खिलाफ कोई भी दमदार प्रत्याशी नहीं होने से माहौल उनके पक्ष में साफ नजर आ रहा है. वीडी शर्मा के कार्यकाल में भारतीय जनता पार्टी ने अभूतपूर्व सफलताएं पाई हैं. मध्य प्रदेश के भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष रहते हुए वीडी शर्मा का कार्यकाल भी खत्म होने वाला है. इसके बाद वीडी शर्मा को कौन सी नई जिम्मेदारी मिलेगी. इस बात की चर्चा बड़े जोर से है. कुछ लोगों का कहना है कि वे केंद्र सरकार में मंत्री बनेंगे और उनकी नजर शिक्षा मंत्रालय पर है.
शिवराज सिंह चौहान
भारतीय जनता पार्टी के मध्य प्रदेश के फिलहाल सबसे बड़े नेता शिवराज सिंह चौहान को लेकर भी यह कहा जा रहा है. विदिशा बीजेपी की पारंपरिक सीट है और शिवराज सिंह पहले भी यहां से 5 बार चुनाव जीत चुके हैं. लिहाजा शिवराज सिंह चौहान खुद कई बार जीत के दावे कर चुके हैं. अब सवाल यह खड़ा होता है कि चुनाव जीतने के बाद क्या शिवराज केवल सांसद बन कर रह जाएंगे? ऐसी संभावना कम नजर आ रही है फिर शिवराज की भूमिका क्या होगी? चर्चा तो यहां तक है की शिवराज सिंह चौहान की नजर केंद्र सरकार में मंत्री पद से ज्यादा संगठन में किसी बड़े पद पर जाने की लगी हुई है. लेकिन जिस संगठन ने शिवराज की कुर्सी छीनी है. क्या वह दोबारा शिवराज सिंह चौहान को कोई बड़ी जिम्मेदारी देगा देखना होगा.
मोहन यादव
मध्य प्रदेश का लोकसभा चुनाव मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव के लिए भी बड़ा महत्वपूर्ण है, क्योंकि शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने रिकॉर्ड सीटों पर विजय हासिल की थी. जाहिर सी बात है कि यह आंकड़ा उससे आगे तो जाने वाला नहीं है, बल्कि कुछ घटेगा ही और अनुमान कुछ ऐसा लगाया जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी मध्य प्रदेश में 5 से 6 सीटे गवां सकती है. यदि ऐसा हुआ तो संकट के बादल तो मुख्यमंत्री मोहन यादव के सिर पर भी मंडराएंगे.
फग्गन सिंह कुलस्ते
मध्य प्रदेश के बीजेपी के इस सबसे बड़े आदिवासी नेता के सामने भी संकट खड़ा हुआ है. संभावना तो ऐसी जताई जा रही है कि फग्गन सिंह कुलस्ते चुनाव हार जाएंगे. ऐसी स्थिति बनती है तो केंद्र सरकार में मध्य प्रदेश के कोटे का एक मंत्री पद भी खाली होगा. हालांकि भारतीय जनता पार्टी ने फग्गन सिंह पर पूरा भरोसा जताया है, लेकिन जनता दोबारा कुलस्ते के ऊपर भरोसा दिखाएंगे. ऐसा नजर नहीं आ रहा है और यह चुनाव उनके राजनीतिक सफर में यू टर्न भी ला सकती है.
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कैलाश विजयवर्गीय और प्रहलाद पटेल
वहीं मध्य प्रदेश की राजनीति में सक्रिय रहने वाले बीजेपी के कुछ पुराने बड़े नेताओं को गिफ्ट मिलने की उम्मीद है. इनमें कैलाश विजयवर्गीय ने जिस तरीके से राजनीति खेली है. उससे ऐसा लगता है कि कैलाश विजयवर्गीय किसी दूसरी भूमिका में ना चले जाएं, क्योंकि फिलहाल वह जहां हैं, उस जगह पर अपने कद को छोटा महसूस कर रहे हैं. यही हाल प्रहलाद सिंह पटेल का भी है. यदि छिंदवाड़ा लोकसभा सीट में कोई उलटफेर होता है, तो इसका फायदा प्रहलाद पटेल को भी मिलेगा.
फिलहाल तूफान के पहले की खामोशी है. लोकसभा चुनाव 2024 के परिणाम मध्य प्रदेश की राजनीति मैं कुछ नेताओं को आउट कर देगा. कुछ का प्रमोशन कर देगा और कुछ को गेट आउट कर देगा.