कोरबा: छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल के कोरबा स्थित सालों पुराने आवासीय कॉलोनी में रह रहे लोगों को घर छोड़ने के नोटिस को कोरबा सांसद ने अनुचित करार दिया है. कोरबा लोकसभा क्षेत्र की सांसद ज्योत्सना चरणदास महंत ने कहा कि बारिश के समय इस तरह लोगों को बेदखल करना ठीक नहीं है.
किसी को भी बरसात में बेघर न किया जाए : बता दें कि सीएसईबी कोरबा पूर्व के प्रबंधन ने एसएफ टाइप कॉलोनी के लोगों को दो दिन पहले नोटिस जारी कर मकान खाली करने कहा है घरों में पानी-बिजली आपूर्ति बंद करने की भी बात कही गई है. इस पर संज्ञान लेते हुए सांसद ने सीएसईबी और कोरबा जिला प्रशासन को पत्र लिखा है. इस पत्र में सासंद ने लिखा- "सीएसईबी का कोरबा में स्थापित पहले विद्युत संयंत्र ने देश-प्रदेश को रौशन किया. इसकी वजह से कोरबा को एक पहचान मिली. इसकी कॉलोनी में रह रहे लोगों को ऐन बरसात के समय बेदखल करने का प्रयास निवासरत परिवारों के लिए मुसीबत से कम नहीं है. प्रदेश में सरकार बदलते ही रुख दिखाना शुरू हो गया है. कॉलोनी के आवासों में सालों से रह रहे लोगों के पास दूसरा कोई आशियाना नहीं है और ऐसे में जरूरत है कि कोई ठोस और स्थायी उपाय किये जाएं."
बीएसपी के तर्ज पर किया जाए इंतजाम : सांसद ने पत्र में आगे लिखा-" सरकार इन्हें बेदखल कराने की बजाय भिलाई स्टील प्लांट की तर्ज पर सीएसईबी की कालोनियों में स्थायी बसाहट देने की दिशा में काम क्यों नहीं करती? मौजूदा आवासों की मरम्मत कर उसमें रह रहे लोगों से सुविधा के नाम पर शुल्क और एक निर्धारित किराया लेकर भी आवास की बड़ी समस्या से राहत देने के साथ-साथ आवश्यक सुधार व संधारण के लिए शुल्क भी लिया जा सकता है."
सांसद ने कहा कि "सरकार की आवासीय योजनाओं का लाभ आज भी हजारों जरूरतमंदों को नहीं मिल रहा है. ऐसे सैकड़ों परिवार सीएसईबी के आवासों में रहकर अपना गुजर-बसर कर रहे हैं, जिन्हें बेदखल करने की बजाय स्थायी समाधान देने की जरूरत है. सांसद ने कहा कि फिलहाल बरसात के मौसम तक किसी भी तरह की बेदखली और बिजली, पानी की सुविधा बाधित करने जैसी कोई भी कार्रवाई न करें. इस संबंध में उन्होंने जिला प्रशासन से भी आवश्यक कदम उठाने की अपेक्षा जाहिर की है."