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बिना सहमति से वेश्यावृत्ति के लिए भुगतान करना अपराध, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट का फैसला - mp high court - MP HIGH COURT

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने देह व्यापार में लिप्त एक व्यक्ति के खिलाफ दर्ज केस को निरस्त करने की मांग खारिज कर दी. कोर्ट में पुलिस ने आरोपी के खिलाफ सबूत पेश किए. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि बिना सहमति से वेश्यावृत्ति के लिए भुगतान करना अपराध है.

mp high court youth arrested prostitution petition rejected
वेश्यावृत्ति में गिरफ्तार युवक की याचिका निरस्त
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Apr 11, 2024, 1:00 PM IST

Updated : Apr 11, 2024, 1:32 PM IST

जबलपुर। एक युवक ने देह व्यापार के तहत दर्ज किये प्रकरण को निरस्त करने की मांग करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की. याचिका की सुनवाई करते हुए जस्टिस जीएस अहलूवालिया ने पाया कि अभियोजन के पास साक्ष्य हैं कि वेश्यावृत्ति के लिए भुगतान किया गया. एकलपीठ ने जिला न्यायालय द्वारा तय किये गये आरोपी को सही ठहराते हुए याचिका को निरस्त कर दिया.

याचिका में कहा- वह देह व्यापार में लिप्त नहीं था

मामले के अनुसार रिषभ खरे की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि जबलपुर के गोरा बाजार पुलिस ने उसे वेश्यावृत्ति के आरोप में गिरफ्तार किया. जिला न्यायालय ने उसके खिलाफ देह व्यापार की धारा 5 व 6 के तहत आरोप तय कर दिए. याचिका में कहा गया कि वह देह व्यापार में लिप्त नहीं था. पुलिस की तरफ से एकलपीठ को बताया गया कि दबिश के दौरान दलाल के ठिकाने के एक कमरे में आरोपी एक युवती के साथ आपत्तिजनक स्थिति में मिला था.

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आरोपी के पास मिली थी आपत्तिजनक सामग्री

कोर्ट को ये भी बताया गया कि आरोपी के पास आपत्तिजनक सामग्री भी बरामद हुई थी. अभियोजन के पास इस बात के साक्ष्य हैं कि आरोपी ने वेश्यावृत्ति के लिए राशि का भुगतान किया था. एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा कि बिना सहमति से वेश्यावृत्ति के लिए भुगतान करना अपराध है. एकलपीठ ने जिला न्यायालय द्वारा तय किये गये आरोप को सही करार देते हुए याचिका को खारिज कर दिया.

जबलपुर। एक युवक ने देह व्यापार के तहत दर्ज किये प्रकरण को निरस्त करने की मांग करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की. याचिका की सुनवाई करते हुए जस्टिस जीएस अहलूवालिया ने पाया कि अभियोजन के पास साक्ष्य हैं कि वेश्यावृत्ति के लिए भुगतान किया गया. एकलपीठ ने जिला न्यायालय द्वारा तय किये गये आरोपी को सही ठहराते हुए याचिका को निरस्त कर दिया.

याचिका में कहा- वह देह व्यापार में लिप्त नहीं था

मामले के अनुसार रिषभ खरे की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि जबलपुर के गोरा बाजार पुलिस ने उसे वेश्यावृत्ति के आरोप में गिरफ्तार किया. जिला न्यायालय ने उसके खिलाफ देह व्यापार की धारा 5 व 6 के तहत आरोप तय कर दिए. याचिका में कहा गया कि वह देह व्यापार में लिप्त नहीं था. पुलिस की तरफ से एकलपीठ को बताया गया कि दबिश के दौरान दलाल के ठिकाने के एक कमरे में आरोपी एक युवती के साथ आपत्तिजनक स्थिति में मिला था.

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आरोपी के पास मिली थी आपत्तिजनक सामग्री

कोर्ट को ये भी बताया गया कि आरोपी के पास आपत्तिजनक सामग्री भी बरामद हुई थी. अभियोजन के पास इस बात के साक्ष्य हैं कि आरोपी ने वेश्यावृत्ति के लिए राशि का भुगतान किया था. एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा कि बिना सहमति से वेश्यावृत्ति के लिए भुगतान करना अपराध है. एकलपीठ ने जिला न्यायालय द्वारा तय किये गये आरोप को सही करार देते हुए याचिका को खारिज कर दिया.

Last Updated : Apr 11, 2024, 1:32 PM IST
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