जबलपुर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों की याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने वन विभाग के कर्मचारियों की ड्यूटी चुनाव में लगाने के आदेश को निरस्त कर दिया है. अब वन विभाग के कर्मचारी चुनाव ड्यूटी नहीं करेंगे. अब चुनाव आयोग को वन विभाग के कर्मचारियों की जगह अन्य विभागों के कर्मचारियों की ड्यूटी लगानी पड़ेगी. बता दें कि पहले ही लगातार घट रही सरकारी कर्मचारियों की संख्या की वजह से चुनाव आयोग के पास स्टाफ की बहुत कमी है.
कर्मचारियों की संख्या घटने से चुनाव आयोग की समस्या बढ़ी
लोकसभा चुनाव 2024 के लिए चुनाव आयोग को बड़े पैमाने पर सरकारी कर्मचारियों की ड्यूटी लगाना है.इस बार मुख्य चुनाव आयुक्त ने स्पष्ट किया है कि चुनाव ड्यूटी में केवल नियमित सरकारी कर्मचारियों की ही ड्यूटी लगाई जाए लेकिन जिस बड़े पैमाने पर चुनाव होने हैं, उतना अमला सरकार के पास नहीं है. लगातार सरकारी कर्मचारियों की पदों की संख्या कम होने की वजह से चुनाव आयोग के सामने समस्या खड़ी हो गई है. आयोग ने चुनाव ड्यूटी में वन विभाग के कर्मचारियों को भी तैनात कर दिया.
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अधिवक्ता ने वनों की सुरक्षा का तर्क रखा
हाई कोर्ट में बुधवार को वन विभाग के कर्मचारियों की ओर से पैरवी करने वाले एडवोकेट अंकित मिश्रा ने तर्क पेश किए. अधिवक्ता ने कहा कि वन विभाग के कर्मचारियों की ड्यूटी चुनाव के लिए नहीं लगाई जा सकती. यह नियम पहले से ही लागू है. इसलिए वन विभाग के कर्मचारियों की ड्यूटी को निरस्त किया जाए. सुनवाई के बाद कोर्ट ने वन विभाग के कर्मचारियों के काम को अति महत्वपूर्ण का मानते हुए यह रियायत दी. एडवोकेट ने तर्क रखा कि यदि वन विभाग के कर्मचारी चुनाव ड्यूटी में लग जाएंगे तो वनों की सुरक्षा कैसे होगी. यह मौसम गर्मी का है. ऐसी स्थिति में यदि वनों की सुरक्षा घटती है तो आग लगने का खतरा भी बढ़ सकता है.