इंदौर। लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान इंदौर लोकसभा सीट बेहद चर्चा में रही. इस सीट से कई निर्दलीय प्रत्याशियों ने भी नामांकन दाखिल किए थे. 29 अप्रैल को नाम वापसी के समय इंदौर में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल करने वाले रिटायर्ड एयरफोर्स अधिकारी धर्मेंद्र झाला का भी निर्वाचन आयोग ने फार्म रिटर्न कर दिया था. उस दौरान धर्मेंद्र झाला ने निर्वाचन कार्यालय में जमकर हंगामा किया था. इसके साथ ही हाईकोर्ट में याचिका लगाने की भी बात की थी.
फर्जी हस्ताक्षर से नामांकन वापसी होने का आरोप
पिछले दिनों धर्मेंद्र झाला ने इंदौर हाई कोर्ट में इस मामले को लेकर याचिका दायर की. इस याचिका को हाईकोर्ट ने सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया था. याचिका में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल करने वाले धमेंद्र झाला ने तर्क दिए कि 29 अप्रैल को नाम वापसी के फार्म पर उनके हस्ताक्षर नहीं थे और किसी फर्जी व्यक्ति ने गलत तरीके से नाम वापसी फॉर्म ले लिया. गलत तरीके से नाम वापस हुआ है और इस कारण से यह चुनाव प्रक्रिया पूरी गलत तरीके से हुई है.
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कांग्रेस प्रत्याशी ने ऐन वक्त ज्वाइन की थी बीजेपी
याचिका में मांग की गई थी कि इंदौर लोकसभा चुनाव रद्द कर देना चाहिए. मामले में इंदौर हाई कोर्ट ने सुनवाई करते हुए चुनाव आयोग, रिटर्निंग अधिकारी, इंदौर सांसद शंकर लालवानी सहित अन्य पक्षकारों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. फिलहाल अब इस पूरे मामले में आने वाले दिनों में सुनवाई होगी. बता दें कि इंदौर लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी बम ने ऐन वक्त पर नामांकन वापस लेकर बीजेपी ज्वाइन कर ली थी. इस सीट पर कांग्रेस का कोई प्रत्याशी चुनाव नहीं लड़ा.