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बारिश से फसलें तबाह; सीएम मोहन यादव की इमरजेंसी मीटिंग, मध्य प्रदेश में मिलेगी राहत राशि, सर्वे शुरु - Mohan Yadav Emergency Meeting

मध्यप्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश से फसलें चौपट हो गई हैं. इसे देखते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जिलों के कलेक्टर के साथ ही संबंधित अफसरों को फसलों के नुकसान का आंकलन करने के निर्देश दिए हैं. सर्वे भी शुरू गया है. मुख्यमंत्री ने कहा है कि सर्वे कराकर किसानों को जल्द मुआवजा दिया जाएगा.

Mohan Yadav Emergency Meeting
मध्यप्रदेश में भारी बारिश से फसलें तबाह, आकलन व सर्वे शुरू (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 14, 2024, 12:58 PM IST

Updated : Sep 14, 2024, 1:24 PM IST

भोपाल। इस साल मानसून ने मध्यप्रदेश के कई जिलों में तबाही मचाई है. पिछले एक सप्ताह से अधिकांश जिलों में भारी बारिश दर्ज की गई. खासकर ग्वालियर-चंबल के जिलों में फसलों को भारी नुकसान हुआ है. अब किसान मुआवजे के लिए सरकार की ओर टकटकी लगाए बैठे हैं. किसानों का कहना है कि अगर मुआवजा नहीं मिला तो अगली फसल तो बहुत दूर की बात है, खाने के लाले पड़ जाएंगे. क्योंकि फसलें पानी में डूबकर सड़ गई हैं. पूरी लागत पानी में समा गई है.

कई जिलों में राजस्व विभाग की टीमें सर्वे में जुटी

किसानों की समस्या को देखते हुए मोहन यादव सक्रिय है. कैबिनेट में भी फसलों की तबाही के मुद्दे पर चर्चा हुई. मुख्यमंत्री ने प्रभारी मंत्रियों से इस बारे में चर्चा की. इसके बाद सभी कलेक्टर को फसलों के नुकसान का आकलन करने का निर्देश दिया. सीएम का आदेश पाते ही कलेक्टर ने राजस्व अमले को फील्ड में उतार दिया है. फसलों के नुकसान का सर्वे कई जिलों में शुरू कर दिया गया है. मुख्यमंत्री का साफ कहना है कि जल्द से जल्द सर्वे कराकर किसानों को मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू करें.

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आपदा में मृतकों के परिजनों को 4 लाख रुपये मिलेंगे

मुख्यमंत्री ने कलेक्टर को ये भी निर्देश दिया है कि बाढ़ के कारण जहां जन व धन हानि हुई है, उसकी भी विस्तृत रिपोर्ट तैयार करें. अगर जनहानि हुई है पीड़ित परिजन को 4 लाख रुपये राहत राशि प्रदान की जाए. बता दें कि मुख्यमंत्री ने अतिवृष्टि और बाढ़ के कारण हुए नुकसान के आकलन के लिए शुक्रवार को आपात बैठक बुलाई और राहत कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाने के निर्देश दिए. अधिकारियों से कहा गया है कि बारिश के आसार 30 सितंबर तक हैं. इसे देखते हुए सभी अधिकारी और कर्मचारियों छुट्टी निरस्त की जाए. राहत कार्य में कोई कोताही सहन नहीं की जाएगी.

भोपाल। इस साल मानसून ने मध्यप्रदेश के कई जिलों में तबाही मचाई है. पिछले एक सप्ताह से अधिकांश जिलों में भारी बारिश दर्ज की गई. खासकर ग्वालियर-चंबल के जिलों में फसलों को भारी नुकसान हुआ है. अब किसान मुआवजे के लिए सरकार की ओर टकटकी लगाए बैठे हैं. किसानों का कहना है कि अगर मुआवजा नहीं मिला तो अगली फसल तो बहुत दूर की बात है, खाने के लाले पड़ जाएंगे. क्योंकि फसलें पानी में डूबकर सड़ गई हैं. पूरी लागत पानी में समा गई है.

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किसानों की समस्या को देखते हुए मोहन यादव सक्रिय है. कैबिनेट में भी फसलों की तबाही के मुद्दे पर चर्चा हुई. मुख्यमंत्री ने प्रभारी मंत्रियों से इस बारे में चर्चा की. इसके बाद सभी कलेक्टर को फसलों के नुकसान का आकलन करने का निर्देश दिया. सीएम का आदेश पाते ही कलेक्टर ने राजस्व अमले को फील्ड में उतार दिया है. फसलों के नुकसान का सर्वे कई जिलों में शुरू कर दिया गया है. मुख्यमंत्री का साफ कहना है कि जल्द से जल्द सर्वे कराकर किसानों को मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू करें.

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मुख्यमंत्री ने कलेक्टर को ये भी निर्देश दिया है कि बाढ़ के कारण जहां जन व धन हानि हुई है, उसकी भी विस्तृत रिपोर्ट तैयार करें. अगर जनहानि हुई है पीड़ित परिजन को 4 लाख रुपये राहत राशि प्रदान की जाए. बता दें कि मुख्यमंत्री ने अतिवृष्टि और बाढ़ के कारण हुए नुकसान के आकलन के लिए शुक्रवार को आपात बैठक बुलाई और राहत कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाने के निर्देश दिए. अधिकारियों से कहा गया है कि बारिश के आसार 30 सितंबर तक हैं. इसे देखते हुए सभी अधिकारी और कर्मचारियों छुट्टी निरस्त की जाए. राहत कार्य में कोई कोताही सहन नहीं की जाएगी.

Last Updated : Sep 14, 2024, 1:24 PM IST
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