भोपाल: मध्य प्रदेश में लोगों को जोरदार बिजली का झटका लगने जा रहा है. प्रदेश के लोगों को जल्द ही बिजली बिल के रूप में ज्यादा राशि चुकानी होगी. राज्य सरकार बिजली सब्सिडी के रूप में आने वाले वित्तीय भार को कम करने के लिए हर माह लोगों को मिलने वाली सस्ती बिजली के स्लैब में बदलाव करने जा रही है. अभी लोगों को 100 रुपए में 100 यूनिट बिजली मिलती है, जिसे सरकार अब 150 रुपए करने जा रही है. प्रदेश में करीब 108 लाख उपभोक्ताओं को बिजली सब्सिडी का काम मिलता है.
हितग्राहियों की संख्या घटकर रह जाएगी आधी
प्रदेश सरकार अटल गृह ज्योति स्कीम के तहत प्रदेश सरकार राज्य के सभी बिजली उपभोक्ताओं को 100 रुपए में 100 यूनिट बिजली देती है. इससे ज्यादा यूनिट आने पर अलग-अलग स्लैब के आधार पर बिजली बिल का भुगतान करना होता है. अब राज्य सरकार 100 यूनिट बिजली की दर 150 रुपए करने की तैयारी कर रही है. इसका प्रस्ताव तैयार कर चुकी है. दीपावली के बाद ऊर्जा विभाग के अधिकारी इसका मुख्य सचिव अनुराग जैन के सामने प्रजेंटेशन देंगे. इसके बाद बिजली बिल में बदलाव किया जाएगा. 100 रुपए में 100 यूनिट बिजली बिल के अलावा इसका लाभ 150 यूनिट तक दिया जाता है. राज्य सरकार इस 150 यूनिट तक की लिमिट को घटाकर 100 यूनिट तक करने पर विचार कर रही है. साथ ही 100 से 150 यूनिट तक की हर माह खपत करने वाले उपभोक्ताओं को पीएम मुफ्त बिजली घर सूर्य लक्ष्मी योजना का लाभ दिया जाएगा.
इससे आधे से कम हो जाएंगे लाभार्थी
दरअसल, राज्य सरकार यह बदलाव बिजली बिल पर सब्सिडी के रूप में खर्च हो रही भारी राशि को कम करने की कोशिश में है. प्रदेश में अभी 100 रुपए में 100 यूनिट बिजली की स्कीम का लाभ करीबन 108 लाख उपभोक्ता ले रहे हैं. सब्सिडी की पात्रता घटाकर 100 यूनिट तक करने और 150 यूनिट तक ही मासिक खपत के उपभोक्ताओं को लाभ देने के बाद 60 लाख से ज्यादा उपभोक्ता सब्सिडी की योजना से बाहर हो जाएंगे. इनकी संख्या 108 लाख उपभोक्ताओं से घटकर करीबन 48 लाख रह जाएगी.
यहां पढ़ें... भोपाल में क्यों आया बिजली संकट, अंधेरे में डूब जाएंगे राजधानी के खास इलाके सटीक बिलिंग और रियल टाइम एनर्जी मॉनिटरिंग जानें और क्या हैं स्मार्ट मीटर के फायदे? |
इसलिए किया जा रहा बदलाव
खराब वित्तीय स्थिति से गुजर रही राज्य सरकार को इस बदलाव के बाद सब्सिडी के रूप में दी जाने वाली भारी भरकम राशि में राहत मिलेगी. प्रदेश सरकार अभी घरेलू उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली उपलब्ध कराने के लिए करीबन 5723 करोड़ रुपए की राशि हर साल खर्च करती है. नए बदलाव के बाद सब्सिडी की यह राशि घटकर 1661 रह जाएगी.