भोपाल। लोकसभा चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन होते दिखाई दे तो बिना अपनी पहचान जाहिर किए शिकायत दर्ज कराई जा सकती है. इसके लिए चुनाव आयोग का एक ऐप आपका बेहत मददगार साबित होगा. चुनाव आयोग ने इस ऐप के रूप में मतदाताओं को एक ऐसा हथियार सौंपा है. जिसकी मदद से मतदाता चुनाव के दौरान किसी भी तरह की गड़बड़ियों की सीधे चुनाव आयोग को शिकायत कर सकता है. शिकायत के 100 मिनिट के अंदर आयोग की टीम मौके पर पहुंचकर कार्रवाई करनी होती है. कैसे काम करता है यह सी-विजिल ऐप आइए आपको बताते हैं...
इसलिए खास है सी-विजिल ऐप
चुनाव आयोग के इस सी-विजिल ऐप को गूगल प्ले स्टोर से अपने मोबाइल पर डाउनलोड किया जा सकता है. इस ऐप का उपयोग करने के लिए शिकायतकर्ता को मोबाइल का जीपीएस और इंटरनेट को ऑन रखना अनिवार्य होता है. चुनाव के दौरान किसी तरह की धांधली या गड़बड़ी दिखाई देने पर शिकायतकर्ता उसका वीडियो या फोटो खीचकर इस ऐप के जरिए चुनाव आयोग को भेज सकता है, लेकिन वीडियो और फोटो लेने के लिए 5 मिनट के अंदर ही इसे सी-विजिल सिटीजन ऐप पर भेजना होता है.
इन बातों का रखना होगा ध्यान
- सी-विजिल ऐप पर वीडियो भेजते वक्त याद रखें कि यह दो मिनिट से ज्यादा समय का न हो.
- जिस मोबाइल से फोटो या वीडियो बनाया है, उसी मोबाइल से सी-विजिल पर शिकायत की जा सकेगी. यानी किसी दूसरे मोबाइल से खींचकर भेजे गए या फॉडवर्डिड फोटो-वीडियो के आधार पर शिकायत नहीं की जा सकेगी.
- फोटो या वीडियो भेजने के साथ शिकायतकर्ता को अपनी शिकायत के बारे में संक्षिप्त में विवरण लिखकर भी भेजना होगा.
- इसके बाद आप जैसे ही शिकायत भेजेंगे, वह आपकी मोबाइल की लोकेशन सहित तुरंत जिला निर्वाचन कार्यालय में पहुंच जाएगी.
- शिकायत मिलने के बाद जिला निर्वाचन कार्यालय तुरंत मौके पर फ्लाइंट स्क्वायड को भेजेगा और शिकायत पर एक्शन लेगा.
- शिकायतकर्ता अपनी शिकायत को यूनिक आईडी के माध्यम से ट्रैक कर सकेगा.
- शिकायतकर्ता का नाम गोपनीय रखा जा सकेगा.
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यदि शिकायतकर्ता चाहें तो अपनी शिकायत के साथ अपना नाम गोपनीय में रख सकेंगे. चुनाव आयोग ने इस ऐप पर नाम गोपनीय रखने का ऑप्शन रखा है. अधिकारी-कर्मचारी भी नाम गोपनीय रखने के लिए बाध्य होंगे. उधर चुनाव आयोग ने ऐसी किसी भी शिकायत पर कार्रवाई करने के लिए 100 मिनिट का समय निर्धारित किया है.